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Crime News : लखनऊ में लोकल अपराधियों को बाहरी चोर दे रहे चुनौती, पुलिस के लिए बने सिरदर्द

राजधानी लखनऊ में इन दिनों रोजगार की तलाश के अपराधिक वारदातों के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही है. ऐसा हम नहीं पुलिस रिकार्ड में है. पुलिस रिकार्ड के अनुसार राजधानी में हुईं अधिकतर आपराधिक घटनाओं में पड़ोसी जिलों से आए अपराधियों की संलिप्तता मिली है.

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Published : Jun 28, 2023, 10:52 PM IST

लखनऊ में पड़ोसी जिलों के चोरों का धावा. देखें रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में लोग सिर्फ रोजगार की ही तलाश में नहीं, बल्कि चोर भी अपनी संभावनाएं तलाशने पहुंच रहे हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजधानी में अधिकतर घटनाएं 11 जिलों के तीन हजार से अधिक अपराधियों ने आकर दी हैं. हालांकि इससे अधिक संख्या लखनऊ के ही रहने वाले चोर और लुटेरों की है, लेकिन इनके द्वारा की गई वारदातों की संख्या बाहरी चोरों के द्वारा को गई चोरी समेत अन्य अपराधों से कम है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजधानी में लोकल अपराधियों को बाहरी चोर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. बहरहाल जो भी हो पुलिस के लिए यह चोर सिरदर्द बने हुए हैं.

लखनऊ में चोरियां.
लखनऊ में चोरियां.





आंकड़ों पर एक नजर

राजधानी के रहने वाले 5745 अपराधी वारदातों को देते हैं अंजाम. इनमें 2814 चोर, 1547 वाहन चोर, 1313 लुटेरे, 71 डकैत हैं. सुल्तानपुर, फतेहपुर, अमेठी समेत 11 जिलों के 3380 अपराधी राजधानी में लोकल अपराधियों और पुलिस को दे रहे चुनौती. इनमें 1475 वाहन चोर, 1123 चोर, 654 लुटेरे और 128 डकैत शामिल हैं. कुल अपराधियों की संख्या 9125 है. जिनमें 5745 लखनऊ और 3380 बाहरी जेलों के अपराधी हैं.

लखनऊ में चोरियां.
लखनऊ में चोरियां.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि दूसरे जिले के अलावा लखनऊ में रहने वाले अपराधियों की एक लंबी चौड़ी सूची है. सूची में बीते 10 वर्षों में चोरी, लूट की घटनाओं का आंकड़ा है. लखनऊ के अपराधियों की बात करें तो 5745 पर केस दर्ज हैं. हालांकि यह अब दूसरे जिलों में रह रहे हैं. अक्सर यही राजधानी में आते हैं और अपराध करके फिर चले जाते है. चूंकि इनका कोई खास रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए यह हमारे लिए चुनौती बने हुए हैं.

यह भी पढ़ें : पोस्टमार्टम में खुलासाः साध्वी भूज्योति के शव पर लगया था केमिकल, अब परिजनों का होगा DNA टेस्ट

लखनऊ में पड़ोसी जिलों के चोरों का धावा. देखें रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में लोग सिर्फ रोजगार की ही तलाश में नहीं, बल्कि चोर भी अपनी संभावनाएं तलाशने पहुंच रहे हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजधानी में अधिकतर घटनाएं 11 जिलों के तीन हजार से अधिक अपराधियों ने आकर दी हैं. हालांकि इससे अधिक संख्या लखनऊ के ही रहने वाले चोर और लुटेरों की है, लेकिन इनके द्वारा की गई वारदातों की संख्या बाहरी चोरों के द्वारा को गई चोरी समेत अन्य अपराधों से कम है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजधानी में लोकल अपराधियों को बाहरी चोर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. बहरहाल जो भी हो पुलिस के लिए यह चोर सिरदर्द बने हुए हैं.

लखनऊ में चोरियां.
लखनऊ में चोरियां.





आंकड़ों पर एक नजर

राजधानी के रहने वाले 5745 अपराधी वारदातों को देते हैं अंजाम. इनमें 2814 चोर, 1547 वाहन चोर, 1313 लुटेरे, 71 डकैत हैं. सुल्तानपुर, फतेहपुर, अमेठी समेत 11 जिलों के 3380 अपराधी राजधानी में लोकल अपराधियों और पुलिस को दे रहे चुनौती. इनमें 1475 वाहन चोर, 1123 चोर, 654 लुटेरे और 128 डकैत शामिल हैं. कुल अपराधियों की संख्या 9125 है. जिनमें 5745 लखनऊ और 3380 बाहरी जेलों के अपराधी हैं.

लखनऊ में चोरियां.
लखनऊ में चोरियां.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि दूसरे जिले के अलावा लखनऊ में रहने वाले अपराधियों की एक लंबी चौड़ी सूची है. सूची में बीते 10 वर्षों में चोरी, लूट की घटनाओं का आंकड़ा है. लखनऊ के अपराधियों की बात करें तो 5745 पर केस दर्ज हैं. हालांकि यह अब दूसरे जिलों में रह रहे हैं. अक्सर यही राजधानी में आते हैं और अपराध करके फिर चले जाते है. चूंकि इनका कोई खास रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए यह हमारे लिए चुनौती बने हुए हैं.

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