लखनऊ : सोमवार को घर से निकले नदौली गांव निवासी किसान राजेंद्र प्रताप सिंह (45) का शव बुधवार को निगोहां के शेरपुर लवल गांव के बाहर इंजीनियरिंग कॉलेज की बाउंड्री किनारे झाडियों में पड़ा मिला. राजेंद्र की बनियान खून से सनी हुई थी. नाक कान से खून आ रहा था. पीठ और मत्थे पर खरोंच के निशान थे. गले मे कसाव जाहिर हो रहा था. ग्रामीणों ने हत्या कर शव फेंके जाने की आशंका जताई है. निगोहां पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. निगोहां इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि परिजनों ने किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
निगोहां के नदौली गांव निवासी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उसके बड़े भाई राजेंद्र प्रताप सिंह (45) बिना कुछ बताए साइकिल से सोमवार को दिन में निकले थे. ग्रामीणों ने उन्हें नशे की हालत में सुदौली चौराहे पर देखा था. सोमवार को ही रात आठ बजे देखा था. बुधवार सुबह राजेंद्र प्रताप का शव शेरपुर लवल गांव के बाहर इंजीनियरिंग कॉलेज की बाउंड्री किनारे झाड़ियों में संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ा मिला.
राजेंद्र के परिवार में पत्नी सरिता और दो बेटे देवेश सिंह, अनुराग सिंह हैं. पति राजेन्द्र के नशे की लत के चलते पत्नी अपने दोनों बेटों को लेकर अपने मायके चिनहट में रहने लगी थीं. मौत की सूचना पर मिलने पर वह दोनों बेटों के साथ मौके पर पहुंची थीं. राजेंद्र चार भाई थे.
पांच दिन पहले भाई को बेची थी जमीन : राजेंद्र प्रसाद प्रताप पांच दिन पहले ही अपनी एक बीघे खड़ी गेहूं फसल सहित जमीन अपने भाई भूपेंद्र को बेची थी. जिसका कुछ पैसा उन्हें मिला था. बाकी रकम उन्हें नहीं दी गई थी. ग्रामीणों में चर्चा है कि कहीं किसान की हत्या के पीछे बेची गई जमीन और उसकी रकम तो नहीं. जमीन बेच का कुछ रुपये मिलने के बाद राजेन्द्र ने तीन दिन पहले ही नई साइकिल खरीदी थी और उसी साइकिल से वह निगोहां गए थे, लेकिन घटनास्थल और आसपास उनकी साइकिल का कहीं पता नहीं चला. इंस्पेक्टर निगोहां विनोद कुमार ने बताया कि परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है. किसी प्रकार की लिखित तहरीर भी नहीं दी है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.