लखनऊ: राजधानी के कल्याणपुर इलाके में हने वाले संदीप शर्मा वर्क फ्रॉम होम करते हैं. ऐसे में उनका समय सबसे अधिक लैपटॉप में ही बीतता है. उन्होंने फेसबुक पर कुछ दिन पहले एक प्रचार देखा, जिसमें दावा किया गया कि अमेजन कंपनी हायरिंग कर रहा है और रोजाना 3,500 से 35,000 रुपये तक कमा सकते हैं. संदीप ने प्रचार में क्लिक किया और कुछ निर्देशों का पालन करने के बाद उनके अकाउंट से 45 हजार रुपये निकल गए. साइबर एक्सपर्ट इसे नए तरीके की साइबर ठगी बता रहे हैं, जिसके द्वारा बेरोजगारों और अधिक पैसा कमाने वालों को ठगा जा रहा है.
अधिक पैसा कमाने या फिर नौकरी की तलाश करने वाले व्यक्तियों को साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ठगने का एक नया तरीका निकाला है. फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म में साइबर अपराधी नौकरियों और निवेश के आकर्षक प्रचार पोस्ट कर उसे पेड प्रमोट करवा रहे हैं, ऐसे प्रचार को देखने पर एक पल में भरोसा हो जाता है कि वह जिस कंपनी में नौकरी देने की बात कर रहा है वह बिल्कुल असली है. ऐसे में लोग इनके झांसे में आ रहे हैं. राजधानी समेत पूरे देश में सैकड़ों लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो चुके हैं.
दरअसल, ऑनलाइन प्लेटफार्म खासकर फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल में लोग अपने मनोरंजन के साथ ही नई-नई संभावनाओं के लिए जाते हैं. इन्हीं के जरिए लोग अनजान लोगों से मिलते हैं और उन्हें मित्र बनाते है. हालांकि बीते कुछ वर्षों में सोशल मीडिया अकाउंट्स को व्यापार के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां लुभावने प्रचार भी देखने को मिलते हैं. इसी का फायदा साइबर ठग उठाकर लुभावने-लुभावने प्रचार पोस्ट करते हैं. इसमें बड़ी कंपनियों का नाम इस्तेमाल कर उसमें नौकरी दिलाने का दावा करते हैं. इतना ही नहीं निवेश योजनाओं के भी पोस्टर पोस्ट किए जाते हैं और दावा किया जाता है कि पैसा डबल हो जाएगा. जालसाज इन प्रचार सामग्री को प्रोमोट करते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे. इन्हीं प्रचार के झांसे में आकर लोग अपनी पूंजी गंवा रहे हैं.
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अमित दुबे ने बताया कि जालसाजी वाली ये योजनाएं व्यक्तियों को अधिक सैलरी वाली नौकरियों, आकर्षक निवेश के अवसरों या घर से काम करने के विकल्पों का सपना दिखा कर लुभाती हैं. हालांकि एक बार जब व्यक्ति जाल में फंस जाते हैं तो या तो उनकी मेहनत की कमाई ठग ली जाती है या उन्हें संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी लीक करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे पहचान की चोरी और अन्य प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है.
अमित दुबे का कहना है कि साइबर अपराधियों के जालसाजी करने के इन तरीकों ने गूगल, इंस्टाग्राम और फेसबुक को चिंतित कर दिया है. ऐसे में वह अपनी विज्ञापन नीतियों को और सख्त करने और सख्त सत्यापन प्रक्रियाओं को लागू करने की प्रक्रिया तेज कर रही हैं. भ्रामक विज्ञापनों का अधिक प्रभावी ढंग से पता लगाने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए अपने एल्गोरिदम को बढ़ा रहे हैं, जिससे उनके प्लेटफार्मों पर ऐसे जालसाज वाले प्रचार कम दिखना शुरू हो रहे हैं. इतना ही नहीं यूजर से अनुरोध किया जा रहा है कि संदिग्ध विज्ञापन दिखाते ही रिपोर्ट करें, जिससे धोखाधड़ी वाली सामग्री को तुरंत हटाया जा सके.
कैसे बचें
सूचित रहें: नौकरी और निवेश के नाम पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हो रही जालसाजी से जुड़ी सूचनाओं का अपडेट लेते रहें. साइबर अपराधों से जुड़े आर्टिकल पढ़ें.
रिसर्च व वेरिफिकेशन करें: किसी भी नौकरी या निवेश से जुड़ने से पहले कंपनी का रिसर्च करें. कंपनी या व्यक्ति की विश्वसनीयता की जांच करें. कंपनी की वैधता जानने के लिए ऑनलाइन में उसके विषयक ने अत्यधिक जांच करें.
वादों से सावधान रहें: उन प्रचार से सावधान रहें, जो अत्यधिक रिटर्न या फिर अधिक सैलरी देने का वादा करती हैं. यदि कोई प्रचार इतना अच्छा लगता है कि उसका सच्चाई से दूर दूर तक नाता न दिखे, तो संभवतः वह वैसा ही है. संदेह रखें और झूठे वादों में फंसने से बचें.
वेबसाइट की जांच करें: नौकरी और निवेश प्रचारों में आमतौर पर पेशेवर वेबसाइटें, स्पष्ट संपर्क जानकारी और सत्यापन योग्य कंपनी की डिटेल होती हैं. खराब डिजाइन वाली वेबसाइटें, शब्दों में गलतियां या कंपनी के संचालन के संबंध में पारदर्शिता की कमी को अपने लिए रेड अलर्ट समझें.
भुगतान के तरीकों को वेरीफाई करें: यदि ऐसे प्रचार के चक्कर में फंसे और आपसे वायर ट्रांसफर, प्रीपेड कार्ड या क्रिप्टोकरेंसी जैसे अपरंपरागत तरीकों के माध्यम से भुगतान करने के लिए कहा जाए तो सतर्क रहें. असली कंपनियां इस तरह के पेमेंट स्वीकार नहीं करती हैं.
व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें: सामाजिक सुरक्षा नंबर, बैंक खाता विवरण या पासवर्ड साझा करने से बचें, जब तक कि आप सामने वाले व्यक्ति या कंपनी को वेरीफाई न कर लें.
संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आपको कोई संदिग्ध नौकरी या निवेश का प्रचार दिखता है तो इसकी रिपोर्ट साइबर सेल, एजेंसियों, साइबर अपराध सेल या संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) को करें. इसके अतिरिक्त, संदिग्ध विज्ञापनों या सामग्री की जांच और हटाने के लिए संबंधित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें.
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