लखनऊ : अलाया अपार्टमेंट के अचानक जमींदोज होने और इस घटना में तीन लोगों की मौत के मामले में विधायक शाहिद मंजूर के पुत्र नवाजिश शाहिद और भतीजे मोहम्मद तारिक की जमानत अर्जी को एडीजे गौरव कुमार ने खारिज कर दिया है. जमानत के विरोध में डीजीसी क्रिमिनल मनोज त्रिपाठी व एडीजीसी अशोक त्रिपाठी ने कोर्ट में दलील दी कि इस मामले की रिपोर्ट गत 25 जनवरी को हजरतगंज कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी ने विधायक शाहिद मंजूर के पुत्र नवाजिश, भतीजे मोहम्मद तारिक व फाहद याजदानी के खिलाफ दर्ज कराई थी.
रिपोर्ट में आरोप है कि अचानक अपार्टमेंट जोरदार आवाज पूरी तरह से ढह गया. जिससे चारों तरफ चीख-पुकार मच गई. लोगों में दहशत एवं भय का माहौल व्याप्त हो गया व मलबे में दबे लोग चीख पुकार करने लगे. अदालत को बताया गया कि घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन एवं एनडीआरएफ के जवानों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया. अपार्टमेंट के मलबे से बचाव दल ने गंभीर रूप से चोटिल 14 लोगों को बाहर निकाला, बाद में इलाज के दौरान तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी.
अदालत को यह भी बताया गया कि अपार्टमेंट का निर्माण मोहम्मद तारिक, नवाजिश और फहद यजदानी ने बिना नक़्शा पास कराये और घटिया सामग्री का प्रयोग करके कराया था. आरोप है कि बाद में इन लोगों ने 13 फ्लैट धोखाधड़ी करके लोगों को बेंच दिया. आरोप है कि आरोपियों द्वारा बिना अनुमति लिए दो दिन से भूमितल पर अत्यंत खतरनाक तरीके से भारी ड्रील मशीन से कुछ काम कराया जा रहा था. जिसकी धमक से बिल्डिंग हिल रही थी और इसी के परिणामस्वरूप बिल्डिंग ध्वस्त हो गई. पुलिस ने इस मामले में नवाजिश को मेरठ से 24 जनवरी को गिरफ्तार किया था.