लखनऊ: सरकारी अस्पतालों की बदहाली को दूर करने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के दोरे के बाद भी लखनऊ के जिला अस्पताल बलरामपुर में मरीजों को पीने के पानी के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है. यहां तक प्राइवेट वार्ड की AC भी खराब है. वहीं, मरीज और तीमारदारों के आने जाने के लिए लिफ्ट बंद पड़ी हुई है. परिसर में चूहों का भी आतंक है.
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को चौक-चौबंद बनाने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार प्रदेश भर के हर शहर जाकर सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन इसका असर राजधानी स्थित बलरामपुर हॉस्पिटल में देखने को नहीं मिल रहा है. यहां पर मरीजों को आज भी पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. मरीज और तीमारदारों के आने जाने के लिए लगाई गई लिफ्ट भी काफी समय से खराब है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बृजेश पाठक के निरीक्षण के बाद भी अस्पतालों का सही से रखरखाव नहीं किया जा रहा है. जिसकी वजह से मरीजों और तीमारदारों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.
बलरामपुर हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि डीलक्स वार्ड, न्यू प्राइवेट वार्ड और एस एस वार्ड में लिफ्टें लगी हुई है. इन लिफ्टों का एनुअल मेंटेनेंस कार्यकाल खत्म हो चुका है. उनका अभी तक भुगतान नहीं हुआ है. जिसकी वजह से एससी बंद पड़ी है. पीने के पानी के मामले में उन्होंने बताया कि प्लंबर 24 घंटे मौजूद रहते हैं.
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