लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कैब चालक यात्रियों को चूना लगा रहे हैं. छावनी परिषद क्षेत्र में गुजरने पर कैब चालक यात्रियों से ही टोल टैक्स का भुगतान करा रहे हैं. नियमानुसार टोल पर लगने वाले टैक्स का भुगतान चालकों को ही करना है. इससे यात्रियों को दोगुना नुकसान उठाना पड़ रहा है. यात्री इसका विरोध भी करते है, लेकिन चालकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है. छावनी क्षेत्र से गुजरने पर यात्रियों को कैब के किराये के साथ टैक्स का भी भुगतान करना पड़ रहा है. जब ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की, तो हकीकत सामने आई.
ऐसे सामने आई हकीकत
ईटीवी भारत ने कैब ड्राइवरों के टैक्स न देने की पड़ताल की, तो हकीकत सामने आई. इस दौरान कुछ कैब चालक जरूर दिखे, जो टोल टैक्स का भुगतान कर रहे थे, लेकिन ज्यादातर कैब चालक यात्री से ही टोल टैक्स का भुगतान करा रहे थे. वहीं चालकों का कहना है कि टैक्स यात्रियों को ही देना होगा. कंपनी इसके लिए कोई भुगतान नहीं करती है. हालांकि कुछ चालकों ने बताया कि जब गाड़ी बुक होती है, तो छावनी परिषद से गुजरने पर लगने वाला टोल कंपनी की ही तरफ से दिया जाता है. भुगतान के समय कंपनी 30 रुपये अतिरिक्त जोड़ कर देती है. वहीं कुछ चालकों ने यह भी बताया कि कभी कंपनी टैक्स का पैसा देती है और कभी नहीं देती.
यात्री को नहीं देना है टैक्स
कैब एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी आरके पांडेय बताते हैं कि छावनी परिषद क्षेत्र से गुजरने वाले कैब चालक को ही टैक्स का भुगतान करना होता है. यात्रियों से टैक्स वसूल नहीं किया जा सकता. ऐप पर बुकिंग के समय छावनी परिषद क्षेत्र आने पर ऑटोमेटिक चालक को 30 रुपये का भगुतान समय से कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर चालक यात्री से टैक्स का भुगतान करा रहे हैं, तो वह पूरी तरह से गलत है.