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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव को दिया आदेश, कहा- लखनऊ DIOS पर करें कार्रवाई - DIOS Lucknow Dr. Mukesh Kumar Singh

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा को डीआईओएस लखनऊ डॉ. मुकेश कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. DIOS पर प्रशिक्षित शिक्षिका के बकाया को न देने का आरोप था.

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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव को दिया आदेश, लखनऊ DIOS पर करें कार्रवाई
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Published : Feb 15, 2020, 12:03 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा को डीआईओएस लखनऊ डॉ. मुकेश कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. डीआईओएस पर प्रशिक्षित शिक्षिका के बकाया देनदारियों को आदेश के बावजूद प्रदान करने में हीलाहवाली करने का आरोप था.

न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 2 मार्च को नियत करते हुए, यह भी स्पष्ट किया है कि प्रमुख सचिव की गई कार्रवाई की जानकारी शपथ पत्र के जरिये कोर्ट को दें, यदि शपथ पत्र नहीं दाखिल किया जाता तो उन्हें कोर्ट के समक्ष हाजिर होना होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल सदस्यीय पीठ ने शिक्षिका नीलम सक्सेना की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया है.

इसे भी पढ़ें: पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

न्यायालय ने 16 सितम्बर 2019 के आदेश का ठीक से अनुपालन न करने पर यह आदेश दिया है. याची के अधिवक्ता के मुताबिक उक्त आदेश में कोर्ट ने शिक्षिका को उसका बकाया देने का आदेश दिया था. वहीं पूर्व आदेश के अनुपालन में डीआईओएसस ने न्यायालय के समक्ष पेश होकर कहा था कि उन्होंने यूपी शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज के बजट अनुभाग प्रथम के अपर निदेशक को शिक्षिका का फंड जारी करने के लिए कई पत्र लिखे, लेकिन फंड जारी नहीं किया गया.

न्यायालय ने जब अपर निदेशक से जवाब तलब किया तो उनकी ओर से बताया गया कि ज्यादातर पत्र उन्हें नहीं मिले और जो मिले भी उनमें याची के अधूरे दस्तावेज थे, जिनकी मांग करते हुए तत्काल डीआईओएस को पत्र लिखा गया था. डीआईओएस के इस रवैये पर न्यायालय ने कोर्टरूम में मौजूद डीआईओएस को फटकार लगाई.साथ ही उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव को निर्देशित कर दिया.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा को डीआईओएस लखनऊ डॉ. मुकेश कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. डीआईओएस पर प्रशिक्षित शिक्षिका के बकाया देनदारियों को आदेश के बावजूद प्रदान करने में हीलाहवाली करने का आरोप था.

न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 2 मार्च को नियत करते हुए, यह भी स्पष्ट किया है कि प्रमुख सचिव की गई कार्रवाई की जानकारी शपथ पत्र के जरिये कोर्ट को दें, यदि शपथ पत्र नहीं दाखिल किया जाता तो उन्हें कोर्ट के समक्ष हाजिर होना होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल सदस्यीय पीठ ने शिक्षिका नीलम सक्सेना की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया है.

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न्यायालय ने 16 सितम्बर 2019 के आदेश का ठीक से अनुपालन न करने पर यह आदेश दिया है. याची के अधिवक्ता के मुताबिक उक्त आदेश में कोर्ट ने शिक्षिका को उसका बकाया देने का आदेश दिया था. वहीं पूर्व आदेश के अनुपालन में डीआईओएसस ने न्यायालय के समक्ष पेश होकर कहा था कि उन्होंने यूपी शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज के बजट अनुभाग प्रथम के अपर निदेशक को शिक्षिका का फंड जारी करने के लिए कई पत्र लिखे, लेकिन फंड जारी नहीं किया गया.

न्यायालय ने जब अपर निदेशक से जवाब तलब किया तो उनकी ओर से बताया गया कि ज्यादातर पत्र उन्हें नहीं मिले और जो मिले भी उनमें याची के अधूरे दस्तावेज थे, जिनकी मांग करते हुए तत्काल डीआईओएस को पत्र लिखा गया था. डीआईओएस के इस रवैये पर न्यायालय ने कोर्टरूम में मौजूद डीआईओएस को फटकार लगाई.साथ ही उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव को निर्देशित कर दिया.

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