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होटल लेवाना अग्निकांड, हाईकोर्ट ने कहा, सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करे कमेटी

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) मामले में मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि पुलिस महानिदेशक के साथ दो अपर मुख्य सचिवों की उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया जाए और यह कमेटी उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित कराए जो इस मामले में रेग्युलेटरी व लाइसेंसिंग अथॉरिटी रहे हैं.

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Published : Nov 2, 2022, 9:41 PM IST

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) मामले में मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि पुलिस महानिदेशक के साथ दो अपर मुख्य सचिवों की उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया जाए और यह कमेटी उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित कराए जो इस मामले में रेग्युलेटरी व लाइसेंसिंग अथॉरिटी रहे हैं. न्यायालय ने अपने आदेश में डीआईजी (फायर) की एक रिपोर्ट पर हैरानी जताते हुए कहा है कि इस प्रकार की रिपोर्ट के सहारे इस मामले के जिम्मेदार सभी बड़े अधिकारियों को दोषमुक्त करने का प्रयास किया गया है. उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी फायर उपकरण होटल में लगे हुए थे व वहां कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई.


यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने इस अग्निकांड मामले में निलम्बित किए गए चीफ फायर ऑफिसर विजय कुमार सिंह की याचिका पर पारित किया. सुनवाई के दौरान याची की ओर से डीआईजी (फायर) की एक जांच रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें होटल लेवाना में कोई भी अनियमितता न पाए जाने की बात कही गई है. न्यायालय ने इस रिपोर्ट पर कहा कि इसे ‘जांच रिपोर्ट कहना ही गलत है, इसमें मात्र इतना कहा गया है कि होटल में उपकरण लगे हुए थे, इसमें यह तक नहीं बताया गया कि उपकरण काम करने लायक थे भी या नहीं, उक्त रिपोर्ट में सीढ़ियों व खिड़कियों पर लोहे के राॅड लगाने के तथ्य का भी कोई जिक्र नहीं है.

न्यायालय ने आगे कहा कि जब लेवाना अग्निकांड जैसी घटनाएं घटित हो जाती हैं तब ही विकास प्राधिकरण व दूसरे रेग्युलेटरी अथॉरिटी के कार्यों की छानबीन होती है. न्यायालय ने पुनः डीआईजी (फायर) की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रतीत हो रहा है कि ऐसी रिपोर्ट के सहारे स्पष्ट तौर पर बड़े जिम्मेदार अधिकारियों को दोषमुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के गठन का आदेश दिया, जो मंडलायुक्त व पुलिस आयुक्त के दो सदस्यीय कमेटी द्वारा तैयार 9 सितम्बर की रिपोर्ट का विश्लेषण भी करेगी.

चीफ फायर ऑफिसर की याचिका खारिज : न्यायालय ने इस मामले में निलम्बित किए गए चीफ फायर ऑफिसर विजय कुमार सिंह की याचिका को भी खारिज कर दिया था. उसने 10 सितम्बर के अपने निलम्बन आदेश को चुनौती दी थी. याची ने डीआईजी (फायर) के रिपोर्ट का सहारा लेते हुए, निलम्बन आदेश को रद्द की जाने की मांग की थी.

यह भी पढ़ें : दुराचार पीड़िता के 20 सप्ताह के गर्भ को गिराने का आदेश, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) मामले में मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि पुलिस महानिदेशक के साथ दो अपर मुख्य सचिवों की उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया जाए और यह कमेटी उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित कराए जो इस मामले में रेग्युलेटरी व लाइसेंसिंग अथॉरिटी रहे हैं. न्यायालय ने अपने आदेश में डीआईजी (फायर) की एक रिपोर्ट पर हैरानी जताते हुए कहा है कि इस प्रकार की रिपोर्ट के सहारे इस मामले के जिम्मेदार सभी बड़े अधिकारियों को दोषमुक्त करने का प्रयास किया गया है. उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी फायर उपकरण होटल में लगे हुए थे व वहां कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई.


यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने इस अग्निकांड मामले में निलम्बित किए गए चीफ फायर ऑफिसर विजय कुमार सिंह की याचिका पर पारित किया. सुनवाई के दौरान याची की ओर से डीआईजी (फायर) की एक जांच रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें होटल लेवाना में कोई भी अनियमितता न पाए जाने की बात कही गई है. न्यायालय ने इस रिपोर्ट पर कहा कि इसे ‘जांच रिपोर्ट कहना ही गलत है, इसमें मात्र इतना कहा गया है कि होटल में उपकरण लगे हुए थे, इसमें यह तक नहीं बताया गया कि उपकरण काम करने लायक थे भी या नहीं, उक्त रिपोर्ट में सीढ़ियों व खिड़कियों पर लोहे के राॅड लगाने के तथ्य का भी कोई जिक्र नहीं है.

न्यायालय ने आगे कहा कि जब लेवाना अग्निकांड जैसी घटनाएं घटित हो जाती हैं तब ही विकास प्राधिकरण व दूसरे रेग्युलेटरी अथॉरिटी के कार्यों की छानबीन होती है. न्यायालय ने पुनः डीआईजी (फायर) की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रतीत हो रहा है कि ऐसी रिपोर्ट के सहारे स्पष्ट तौर पर बड़े जिम्मेदार अधिकारियों को दोषमुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के गठन का आदेश दिया, जो मंडलायुक्त व पुलिस आयुक्त के दो सदस्यीय कमेटी द्वारा तैयार 9 सितम्बर की रिपोर्ट का विश्लेषण भी करेगी.

चीफ फायर ऑफिसर की याचिका खारिज : न्यायालय ने इस मामले में निलम्बित किए गए चीफ फायर ऑफिसर विजय कुमार सिंह की याचिका को भी खारिज कर दिया था. उसने 10 सितम्बर के अपने निलम्बन आदेश को चुनौती दी थी. याची ने डीआईजी (फायर) के रिपोर्ट का सहारा लेते हुए, निलम्बन आदेश को रद्द की जाने की मांग की थी.

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