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Court News : सिटी मांटेसरी स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट मे दाखिल किया पुनर्विचार प्रार्थना पत्र, यह है प्रकरण

सुशांत गोल्फ स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) की बिल्डिंग के धवस्तीकरण मामले सीएमएस प्रबंधन ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने सिंचाई विभाग और एलडीए समेत सरकार को नोटिस जारी किया है.

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Published : May 12, 2023, 9:51 PM IST

लखनऊ : सुशांत गोल्फ सिटी स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल के पक्के निर्माण को गिराने के आदेश के मामले में स्कूल की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पुनर्विचार प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है. न्यायालय ने उक्त प्रार्थना पत्र पर सिंचाई विभाग व एलडीए समेत राज्य सरकार को आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सिटी मांटेसरी स्कूल की ओर से इसके संस्थापक प्रबंधक जगदीश गांधी द्वारा दाखिल प्रार्थना पत्र पर पारित किया है. प्रार्थना पत्र में न्यायालय के 10 अप्रैल 2023 के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है. जिसमें न्यायालय ने शारदा कैनाल, डिवीजन- 2 के अधिशाषी अभियंता द्वारा सुशांत गोल्फ सिटी स्थित स्कूल बिल्डिंग को ढहाने के आदेशों में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था.


उल्लेखनीय है कि अहिमामऊ माइनर से लगी हुई सिंचाई विभाग की खसरा न. 150 की 1.313 हेक्टेयर जमीन अंसल ग्रुप को दिए जाने की बात कही गई है. हालांकि सुनवाई के दौरान सीएमएस के अधिवक्ता सरकार द्वारा अंसल को जमीन स्थानांतरित किए जाने सम्बंधी कोई दस्तावेज नहीं पेश कर सके. सीएमएस की ओर से दलील दी गई कि 1381.95 वर्ग मीटर जमीन सीएमएस ने अंसल ग्रुप की सिस्टर्न कंपनी सुशील अंसल फाउंडेशन से एग्रीमेंट टू सेल के जरिए प्राप्त की थी. वहीं हाईकोर्ट की ही एक एकल पीठ ने पिछले माह इसी मामले से सम्बंधित की एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी भी की थी कि सिंचाई विभाग की उक्त जमीन को सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों, एलडीए और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पहले अवैध कब्जा करवाया गया और फिर उस पर एक स्कूल की भव्य इमारत खड़ी कर दी गई. इस टिप्पणी के साथ एकल पीठ मामले की प्राथमिक जांच के आदेश सीबीआई को दे चुकी है.

लखनऊ : सुशांत गोल्फ सिटी स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल के पक्के निर्माण को गिराने के आदेश के मामले में स्कूल की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पुनर्विचार प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है. न्यायालय ने उक्त प्रार्थना पत्र पर सिंचाई विभाग व एलडीए समेत राज्य सरकार को आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सिटी मांटेसरी स्कूल की ओर से इसके संस्थापक प्रबंधक जगदीश गांधी द्वारा दाखिल प्रार्थना पत्र पर पारित किया है. प्रार्थना पत्र में न्यायालय के 10 अप्रैल 2023 के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है. जिसमें न्यायालय ने शारदा कैनाल, डिवीजन- 2 के अधिशाषी अभियंता द्वारा सुशांत गोल्फ सिटी स्थित स्कूल बिल्डिंग को ढहाने के आदेशों में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था.


उल्लेखनीय है कि अहिमामऊ माइनर से लगी हुई सिंचाई विभाग की खसरा न. 150 की 1.313 हेक्टेयर जमीन अंसल ग्रुप को दिए जाने की बात कही गई है. हालांकि सुनवाई के दौरान सीएमएस के अधिवक्ता सरकार द्वारा अंसल को जमीन स्थानांतरित किए जाने सम्बंधी कोई दस्तावेज नहीं पेश कर सके. सीएमएस की ओर से दलील दी गई कि 1381.95 वर्ग मीटर जमीन सीएमएस ने अंसल ग्रुप की सिस्टर्न कंपनी सुशील अंसल फाउंडेशन से एग्रीमेंट टू सेल के जरिए प्राप्त की थी. वहीं हाईकोर्ट की ही एक एकल पीठ ने पिछले माह इसी मामले से सम्बंधित की एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी भी की थी कि सिंचाई विभाग की उक्त जमीन को सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों, एलडीए और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पहले अवैध कब्जा करवाया गया और फिर उस पर एक स्कूल की भव्य इमारत खड़ी कर दी गई. इस टिप्पणी के साथ एकल पीठ मामले की प्राथमिक जांच के आदेश सीबीआई को दे चुकी है.


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