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रिहायशी इलाके में मोबाइल टॉवर के खिलाफ दाखिल याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज - लखनऊ समाचार

रिहायशी इलाके में मोबाइल टॉवर के खिलाफ दाखिल की गई याचिका को इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया. याचिका में याची ने मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ने की दलील दी थी. जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया.

हाईकोर्ट ने की खारिज
हाईकोर्ट ने की खारिज
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Published : Feb 11, 2021, 8:25 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रिहायशी इलाके में मोबाइल टॉवर लगाए जाने के खिलाफ दाखिल एक याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने पूर्व में पारित एक आदेश के आधार पर मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर की दलील को स्वीकार नहीं किया.

क्या था मामला

यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने अमरजीत सैमुएल दत्त की याचिका पर दिया. याची की मांग थी कि उसके प्लॉट के बगल लगे मोबाइल टॉवर और 4जी बेस ट्रांसमिटिंग स्टेशन को हटाया जाए. साथ ही मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से होने वाले दुष्प्रभावों के बाबत टेलीकॉम विभाग को रिपोर्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया जाए.

अमरजीत सैमुएल दत्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पूर्व में आशा मिश्रा केस में दिये गए आदेश को उद्धत करते हुए याची की दलीलों को अस्वीकार कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में कहा गया था ऐसा कोई प्रमाणिक वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है, जिससे मोबाइल टावर के रेडिएशन से होने वाले नुकसान का प्रमाण मिल सके. वहीं याची ने संसद में टेली कम्युनिकेशन मंत्रालय द्वारा इस सम्बंध में दिये जवाब का भी हवाला दिया. इस पर न्यायालय ने कहा कि संसद में होने वाली चर्चा पर न्यायालय में विचार नहीं किया जा सकता.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रिहायशी इलाके में मोबाइल टॉवर लगाए जाने के खिलाफ दाखिल एक याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने पूर्व में पारित एक आदेश के आधार पर मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर की दलील को स्वीकार नहीं किया.

क्या था मामला

यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने अमरजीत सैमुएल दत्त की याचिका पर दिया. याची की मांग थी कि उसके प्लॉट के बगल लगे मोबाइल टॉवर और 4जी बेस ट्रांसमिटिंग स्टेशन को हटाया जाए. साथ ही मोबाइल टॉवर के रेडिएशन से होने वाले दुष्प्रभावों के बाबत टेलीकॉम विभाग को रिपोर्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया जाए.

अमरजीत सैमुएल दत्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पूर्व में आशा मिश्रा केस में दिये गए आदेश को उद्धत करते हुए याची की दलीलों को अस्वीकार कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में कहा गया था ऐसा कोई प्रमाणिक वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है, जिससे मोबाइल टावर के रेडिएशन से होने वाले नुकसान का प्रमाण मिल सके. वहीं याची ने संसद में टेली कम्युनिकेशन मंत्रालय द्वारा इस सम्बंध में दिये जवाब का भी हवाला दिया. इस पर न्यायालय ने कहा कि संसद में होने वाली चर्चा पर न्यायालय में विचार नहीं किया जा सकता.

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