लखनऊः बीजेपी के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू की जमानत अर्जी हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा की एकल पीठ ने ये आदेश बीजेपी विधायक की अपील पर पारित किया है. अपील के साथ एक अर्जी दाखिल करते हुए जमानत दिए जाने की मांग की गई थी. साथ ही सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक की भी मांग की गयी थी.
पूर्व विधायक की जमानत अर्जी और स्थगन प्रार्थना पत्र पर वरिष्ठ अधिवक्ता आईबी सिंह ने बहस की. वहीं इन अर्जियों का विरोध सरकारी वकील के साथ-साथ आपत्तिकर्ता मोहम्मद जुनैद के वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार ने किया. उल्लेखनीय है कि अयोध्या के साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य ने साल 1992 में खब्बू तिवारी के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर प्रवेश लेने के सम्बंध में एक प्राथमिकी रामजन्मभूमि थाने पर लिखाई थी. एमपी-एमएलए कोर्ट, फैजाबाद ने अक्टूबर महीने में पूर्व विधायक को फर्जी मार्कशीट मामले में पांच वर्ष के कारावास से दंडित किया था. वहीं पांच वर्ष के कारावास से दंडित होने के कारण विगत दिनों खब्बू तिवारी की विधान सभा सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी.
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साल 1992 के इस मामले में अयोध्या के साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर यदुवंश राम त्रिपाठी ने इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू, फूलचंद यादव और कृपा निधान तिवारी के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने की एफआईआर रामजन्मभूमि थाने में लिखाई थी. मामले में विवेचना के बाद विवेचक ने सभी लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 समेत अन्य धाराओं में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया. निचली अदालत ने वर्ष 2018 में मामले को विचारण के लिए सत्र न्यायालय के सुपुर्द किया था.