लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपनगरीय डिपो के कर्मचारियों ने 10 घंटे की हड़ताल कर दी, जिसके चलते रोडवेज विभाग को कई लाख का चूना लग गया. वहीं जब गुरुवार शाम चार बजे के बाद बसों का संचालन शुरू हुआ, तब तक रोडवेज को काफी नुकसान हो चुका था. इसके साथ ही भारी मात्रा में यात्रियों को परेशानी भी झेलनी पड़ी. बस ऑपरेशन तो स्टार्ट हो गया, लेकिन अब राजस्व की भरपाई हो पाना नामुमकिन है.
रोडवेज के उपनगरीय डिपो के सैकड़ों कर्मचारियों ने गुरुवार सुबह से ही बसों का चक्का जाम कर दिया था. शाम चार बजे तक कई दर्जन बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को परेशानी हुई थी, जिससे रोडवेज को काफी नुकसान हुआ. शुक्रवार को जब रोडवेज के अधिकारियों ने नुकसान की भरपाई निकाली तो 52 बसों के संचालित नहीं होने से लगभग चार लाख का नुकसान आंका गया. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि 2 लाख इनकम जमा हुई है, जो बसें रूट पर पहले से ही चल रही थीं या फिर किसी तरह डिपो से निकाल दी गई थीं, उनसे 2 लाख मिला है. उपनगरीय डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी प्रसाद ने बताया कि दो लाख रुपये का सीधे तौर पर घाटा हुआ है.
बता दें कि उपनगरीय डिपो के कर्मचारी इस बात को लेकर खफा थे कि रोडवेज प्रबंधन उपनगरीय डिपो की डेढ़ दर्जन बसों का ट्रांसफर हैदरगढ़ डिपो में कर्मचारियों समेत करने की तैयारी कर रहा था, जिससे कर्मचारियों को नुकसान होना था. इसके बाद जब सिर्फ आठ गाड़ियों के ट्रांसफर होने की बात की गई तब जाकर सहमति बनी. फिर किसी तरह 10 घंटे बाद कर्मचारियों ने दोबारा से बसों का संचालन शुरू किया.