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लोकबंधु अस्पताल की स्टाफ नर्सों ने काला फीता बांधकर किया प्रदर्शन, एमएस व मैटर्न पर कार्रवाई की मांग

लोकबंधु राजनारायण अस्पताल की स्टाफ नर्स मंजू देवी ने कुछ दिन पहले ही अस्पताल के एमएस अजय शंकर त्रिपाठी व मैटर्न अरुणा त्रिपाठी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इसके बाद आत्महत्या की कोशिश की थी. इसी मामले को लेकर मंगलवार को अस्पताल के सभी कर्मचारी समिति स्टाफ नर्सों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

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Published : Dec 13, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 6:11 PM IST

लखनऊ : राजधानी के लोकबंधु राजनारायण अस्पताल की स्टाफ नर्स मंजू देवी ने कुछ दिन पहले ही अस्पताल के एमएस अजय शंकर त्रिपाठी व मैटर्न अरुणा त्रिपाठी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इसके बाद आत्महत्या की कोशिश की थी. इसी मामले को लेकर मंगलवार को अस्पताल के सभी कर्मचारी समिति स्टाफ नर्सों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. सभी कर्मचारी समेत स्टाफ नर्सों ने पूरा दिन काला फीता बांधकर ही काम किया. कुछ समय के लिए कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ समय बाद ही सभी अपने अपने काम पर लौट गए.

राजकीय नर्सेज संघ (State Nurses Association) का कहना है कि आला अधिकारियों को चार दिनों का समय दिया गया है. प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े स्तर का धरना प्रदर्शन होगा. उनका कहना है कि यह सभी आला अधिकारी उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की छवि को धूमिल करने में लगे है. लोकबंधु अस्पताल के अधीक्षक (Superintendent of Lokbandhu Hospital) अजय शंकर त्रिपाठी व अरुणा पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. मंजू के पति कैलाश चंद्र वर्मा ने आरोप लगाया था कि अधीनस्थों से छुट्टी मांगने के नाम पर 2000/- रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से रिश्वत मांगती है ना देने पर अन्यत्र स्थानान्तरण कराने की धमकी तथा गाली-गलौच करती है. 3 दिसंबर को 11:40 बजे अरुणा त्रिपाठी ने पत्नी को इमेरजेंसी ओटी में बुलाकर उनके साथ दुर्व्यवहार व मानसिक प्रताड़ना देते हुए जबरन वीडियो बनाकर अस्पताल के ग्रुप पर उनकी छवी धूमिल करने के उद्देश्य से वायरल की गई. उन पर अनैतिक दबाव डालकर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित किया गया. वायरल वीडियो को देखकर मेरी पत्नी अत्यधिक दबाव में आकर कोई जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी करने पर मजबूर हो गई.

पुलिस को दी तहरीर में पति ने बताया कि इस घटना की स्टाफ द्वारा सूचना मिलने पर परिवार के लोकबन्धु अस्पताल पहुंचे थे. हालत गम्भीर होने पर उन्हें अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था. इससे पूर्व में भी 1 दिसंबर को मैटर्न और अधीक्षक द्वारा नर्स को बुलाकर अस्पताल के समस्त स्टाफ के सामने उसकी बेइज्जती की गई थी. अभद्र भाषा 'तुम्हारी चमड़ी मोटी हो गई है' आदि अपशब्द कहते हुए बेढंगे सवाल जवाब करके प्रताड़ित किया गया था. उसका भी वीडियो बनाकर अस्पताल के वॉट्सएप ग्रुप पर डाला गया था. इस बात से परेशान होकर नर्स मंजू देवी ने आत्महत्या की कोशिश की थी. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले को लेकर पहले ही अस्पताल के सीएमएस एसके सक्सेना के द्वारा कमेटी गठित है. मामले की पूरी पड़ताल होगी और इसमें सभी साक्ष्य कमेटी के सामने रखने को कहा गया है. मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वे सभी बेबुनियाद हैं. कमेटी इस पूरे मामले पर जांच कर रही है.

लखनऊ : राजधानी के लोकबंधु राजनारायण अस्पताल की स्टाफ नर्स मंजू देवी ने कुछ दिन पहले ही अस्पताल के एमएस अजय शंकर त्रिपाठी व मैटर्न अरुणा त्रिपाठी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इसके बाद आत्महत्या की कोशिश की थी. इसी मामले को लेकर मंगलवार को अस्पताल के सभी कर्मचारी समिति स्टाफ नर्सों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. सभी कर्मचारी समेत स्टाफ नर्सों ने पूरा दिन काला फीता बांधकर ही काम किया. कुछ समय के लिए कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ समय बाद ही सभी अपने अपने काम पर लौट गए.

राजकीय नर्सेज संघ (State Nurses Association) का कहना है कि आला अधिकारियों को चार दिनों का समय दिया गया है. प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े स्तर का धरना प्रदर्शन होगा. उनका कहना है कि यह सभी आला अधिकारी उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की छवि को धूमिल करने में लगे है. लोकबंधु अस्पताल के अधीक्षक (Superintendent of Lokbandhu Hospital) अजय शंकर त्रिपाठी व अरुणा पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. मंजू के पति कैलाश चंद्र वर्मा ने आरोप लगाया था कि अधीनस्थों से छुट्टी मांगने के नाम पर 2000/- रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से रिश्वत मांगती है ना देने पर अन्यत्र स्थानान्तरण कराने की धमकी तथा गाली-गलौच करती है. 3 दिसंबर को 11:40 बजे अरुणा त्रिपाठी ने पत्नी को इमेरजेंसी ओटी में बुलाकर उनके साथ दुर्व्यवहार व मानसिक प्रताड़ना देते हुए जबरन वीडियो बनाकर अस्पताल के ग्रुप पर उनकी छवी धूमिल करने के उद्देश्य से वायरल की गई. उन पर अनैतिक दबाव डालकर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित किया गया. वायरल वीडियो को देखकर मेरी पत्नी अत्यधिक दबाव में आकर कोई जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी करने पर मजबूर हो गई.

पुलिस को दी तहरीर में पति ने बताया कि इस घटना की स्टाफ द्वारा सूचना मिलने पर परिवार के लोकबन्धु अस्पताल पहुंचे थे. हालत गम्भीर होने पर उन्हें अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था. इससे पूर्व में भी 1 दिसंबर को मैटर्न और अधीक्षक द्वारा नर्स को बुलाकर अस्पताल के समस्त स्टाफ के सामने उसकी बेइज्जती की गई थी. अभद्र भाषा 'तुम्हारी चमड़ी मोटी हो गई है' आदि अपशब्द कहते हुए बेढंगे सवाल जवाब करके प्रताड़ित किया गया था. उसका भी वीडियो बनाकर अस्पताल के वॉट्सएप ग्रुप पर डाला गया था. इस बात से परेशान होकर नर्स मंजू देवी ने आत्महत्या की कोशिश की थी. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले को लेकर पहले ही अस्पताल के सीएमएस एसके सक्सेना के द्वारा कमेटी गठित है. मामले की पूरी पड़ताल होगी और इसमें सभी साक्ष्य कमेटी के सामने रखने को कहा गया है. मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वे सभी बेबुनियाद हैं. कमेटी इस पूरे मामले पर जांच कर रही है.

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Last Updated : Dec 13, 2022, 6:11 PM IST
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