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लखनऊः लॉकडाउन ने व्यापारियों की तोड़ी उम्मीदें, मुनाफे में लगाई सेंध - व्यापारियों पर लॉकडाउन का प्रभाव

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है. यूपी की राजधानी लखनऊ में व्यापारी हजारों करोड़ का नुकसान उठा रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ डाली है और उनके भविष्य को अंधकार में डाल दिया है.

लॉकडाउन में दुकानें बंद.
लॉकडाउन में दुकानें बंद.
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Published : May 13, 2020, 11:57 AM IST

Updated : May 13, 2020, 2:42 PM IST

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पिछले डेढ़ महीने से देश के बाजार बंद हैं. राजधानी लखनऊ के करीब 1 हजार रेडीमेड गारमेंट्स व्यापारी भी इन दिनों काफी मुश्किलों से गुजर रहे हैं. फरवरी-मार्च महीने से ही व्यापारी गर्मियों और ईद के सीजन की तैयारियों में जुट जाते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सभी व्यापारी घर में बैठने को मजबूर हैं. जब कि गर्मियों का समय व्यापारियों के मुनाफे भरा होता है.

जानकारी देते व्यापारी.

व्यापारियों की बढ़ी मुसीबतें
लॉकडाउन में छोटे से लेकर बड़े व्यापारी सभी परेशान है. रमजान के इस पावन मौके पर दुकानदारों की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं. शोरूम, गोदाम सभी बंद हैं. ऐसे में रेडीमेड गारमेंट्स के होलसेलर, रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटरों को तकरीबन 1 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. व्यापारियों ने बताया कि यह समय उनके लिए बड़ा कठिन से गुजर रहा है. यह समय व्यापारियों के लिए गोल्डन पीरियड माना जाता है, लेकिन लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

लखनऊ रेडीमेड एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन के चलते सब नुकसान हो गया है. जो पहले से स्टॉक जमा किए गए थे. सब बर्बाद हो गए. अब किसी के काम का कुछ नहीं बचा है. व्यापारियों के लिए फरवरी-मार्च का महीना अहम होता है. यह महीना व्यापारियों के लिए मुनाफे का होता है, लेकिन लॉकडाउन ने सब बेकार कर दिया. आज व्यापारी घर में बैठने को मजबूर हैं. परिवार चलाना कठिन हो गया है, लेकिन सरकार व्यापारियों की कोई सुध नहीं ले रही है.

स्टॉक होगा कम, बढ़ेगी मांग
अमरनाथ मिश्रा का कहना है कि लॉकडाउन खुलने पर अचानक वस्तुओं की मांग बढ़ जाएगी. व्यापारियों के पास सिर्फ 4 या 5 दिनों का स्टॉक बचा है. नए सामानों का उत्पादन हुआ नहीं है, जिससे मांग में तो कोई कमी नहीं होगी, लेकिन स्टॉक मौजूद न होने से सप्लाई नहीं हो पाएगा.

जीएसटी पर पड़ेगा गहरा असर
अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा के मुताबिक लॉकडाउन का असर व्यापारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार पर भी पड़ने का अनुमान है. इसका सीधा जीएसटी पर देखने को मिलेगा. जीएसटी के जरिए जो सालाना टैक्स 72 हजार करोड़ की वसूली होती है, उसमें 6 हजार करोड़ कारोबारियों से मिलता है. बात करें रेडीमेड कारोबार की तो इससे करीब हर महीने 200 से 300 करोड़ का टैक्स मिलता है. दुकानें न खुलने का असर जीएसटी पर भी दिखेगा.

व्यापारियों को सरकार दे बेल आउट पैकेज
व्यापारियों की मांग है कि लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार उनके लिए बेल आउट पैकेज लेकर आए. इससे व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलेगी.

इसे भी पढ़ें- लाॅकडाउन: रोजाना 8000 लोगों को खाना खिला रहा गीता परिवार संस्था

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पिछले डेढ़ महीने से देश के बाजार बंद हैं. राजधानी लखनऊ के करीब 1 हजार रेडीमेड गारमेंट्स व्यापारी भी इन दिनों काफी मुश्किलों से गुजर रहे हैं. फरवरी-मार्च महीने से ही व्यापारी गर्मियों और ईद के सीजन की तैयारियों में जुट जाते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सभी व्यापारी घर में बैठने को मजबूर हैं. जब कि गर्मियों का समय व्यापारियों के मुनाफे भरा होता है.

जानकारी देते व्यापारी.

व्यापारियों की बढ़ी मुसीबतें
लॉकडाउन में छोटे से लेकर बड़े व्यापारी सभी परेशान है. रमजान के इस पावन मौके पर दुकानदारों की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं. शोरूम, गोदाम सभी बंद हैं. ऐसे में रेडीमेड गारमेंट्स के होलसेलर, रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटरों को तकरीबन 1 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. व्यापारियों ने बताया कि यह समय उनके लिए बड़ा कठिन से गुजर रहा है. यह समय व्यापारियों के लिए गोल्डन पीरियड माना जाता है, लेकिन लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

लखनऊ रेडीमेड एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन के चलते सब नुकसान हो गया है. जो पहले से स्टॉक जमा किए गए थे. सब बर्बाद हो गए. अब किसी के काम का कुछ नहीं बचा है. व्यापारियों के लिए फरवरी-मार्च का महीना अहम होता है. यह महीना व्यापारियों के लिए मुनाफे का होता है, लेकिन लॉकडाउन ने सब बेकार कर दिया. आज व्यापारी घर में बैठने को मजबूर हैं. परिवार चलाना कठिन हो गया है, लेकिन सरकार व्यापारियों की कोई सुध नहीं ले रही है.

स्टॉक होगा कम, बढ़ेगी मांग
अमरनाथ मिश्रा का कहना है कि लॉकडाउन खुलने पर अचानक वस्तुओं की मांग बढ़ जाएगी. व्यापारियों के पास सिर्फ 4 या 5 दिनों का स्टॉक बचा है. नए सामानों का उत्पादन हुआ नहीं है, जिससे मांग में तो कोई कमी नहीं होगी, लेकिन स्टॉक मौजूद न होने से सप्लाई नहीं हो पाएगा.

जीएसटी पर पड़ेगा गहरा असर
अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा के मुताबिक लॉकडाउन का असर व्यापारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार पर भी पड़ने का अनुमान है. इसका सीधा जीएसटी पर देखने को मिलेगा. जीएसटी के जरिए जो सालाना टैक्स 72 हजार करोड़ की वसूली होती है, उसमें 6 हजार करोड़ कारोबारियों से मिलता है. बात करें रेडीमेड कारोबार की तो इससे करीब हर महीने 200 से 300 करोड़ का टैक्स मिलता है. दुकानें न खुलने का असर जीएसटी पर भी दिखेगा.

व्यापारियों को सरकार दे बेल आउट पैकेज
व्यापारियों की मांग है कि लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार उनके लिए बेल आउट पैकेज लेकर आए. इससे व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलेगी.

इसे भी पढ़ें- लाॅकडाउन: रोजाना 8000 लोगों को खाना खिला रहा गीता परिवार संस्था

Last Updated : May 13, 2020, 2:42 PM IST
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