लखनऊ: 2017 में सत्ता में आने के बाद सबसे पहले बीजेपी ने अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की, लेकिन इन दिनों जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते राजधानी लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर अवैध बूचड़खाने चलाए जा रहे हैं. जिसमें टेढ़ी पुलिया, पुरनिया, चौक सहित दर्जनों क्षेत्र शामिल हैं. इन बूचड़खानों में खुले तौर पर मांस बेचा जाता है. जिससे अनेक बीमारियों के फैलने का संक्रमण बढ़ गया है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इन बूचड़खानों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. साथ ही जिम्मेदार विभाग भी इसे अनदेखा करने लगे हैंं. इससे लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, राजधानी के प्रमुख चौराहों पर बने फुटपाथ लोगों को पैदल चलने और जाम को काबू करने के लिए बनाया गया है, लेकिन दूसरी तरफ नगर निगम की लापरवाही के चलते इन फुटपाथों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है. जिससे इन रास्तों से लोगों को निकलना दूभर हो गया है.
सरकार ने जहां एक तरफ अवैध बूचड़खाने को लेकर सख्ती करने के निर्देश दिए हैं और खुले तौर पर मीट-मांस बेचने वाले को लेकर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन दूसरी तरफ जिम्मेदार नगर निगम अनदेखा के चलते सड़क के किनारे बने फुटपाथ पर इन दिनों प्रमुख चौराहों से चंद कदम दूरी पर मीट का बाजार लगाया जा रहा है. वहीं, नगर निगम द्वारा बनाए गए सभी कायदे कानून कागजों तक सीमित रह गए हैं.
नगर निगम ने जारी की गाइडलाइन
एक तरफ नगर निगम द्वारा धार्मिक स्थल के आसपास 100 मीटर दूरी पर मांस की बिक्री पर रोक लगाई है. वहीं, दूसरी तरफ टेढ़ी पुलिया चौराहा के निकट महादेव मंदिर के चंद कदम दूरी पर धड़ल्ले से मांस सड़क किनारे बेचा जा रहा है.
जोनल अधिकारी अंबे बिष्ट से अवैध रूप से लग रहे मांस के दुकान को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसको लेकर संज्ञान लिया जाएगा और तत्काल प्रभाव से दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाएगा.
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