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यूपी में बनेगी फिल्म सिटी तो स्थानीय रोजगार के बढ़ेंगे अवसर: क्षेत्रीय कलाकार

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Published : Oct 24, 2020, 10:46 PM IST

उत्तर प्रदेश में फिल्मसिटी बनने की घोषणा के बाद स्थानीय कलाकारों में काफी उत्साह है. कलाकारों का कहना है कि फिल्म सिटी बनने के बाद यहां बनने वाली फिल्मों का न सिर्फ बजट काफी कम हो जाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे.

सीएम योगी.
सीएम योगी.

लखनऊ: सरकार ने प्रदेश में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की है. अब सरकार इस ओर तेजी से बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. यूपी में फिल्म इंडस्ट्री बनने से प्रदेश के स्थानीय कलाकारों में काफी उत्साह है. कलाकारों का कहना है फिल्मसिटी बनने से एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेंगी.

एक ही छत के नीचे मिलेंगी सारी सुविधाएं
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में तकरीबन 70 फीसदी से अधिक अवधी, ब्रज और‌ भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग हो रही है. इसका एक कारण यह भी है कि फिल्म निर्माताओं को मुबंई में लोकेशन के लिए काफी खर्च करना पड़ता है. फिल्मसिटी बनने से एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे स्थानीय निर्माताओं की बहुत सारी मुश्किलें दूर होंगी. प्रादेशिक भाषा की फिल्मों के लिए स्थानीय भाषा में पकड़ रखने वाले कलाकार भी मिल जाएंगे. कई मायनों में यूपी में फिल्म सिटी प्रादेशिक फिल्मों के लिए वरदान साबित होगी.

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
यूपी में फिल्म सिटी बनने के बाद यहां बनने वाली फिल्मों का न सिर्फ बजट काफी कम हो जाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे. इससे क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को बढ़ावा भी मिलेगा. मथुरा में माधवास रॉक बैंड के संस्थापक और गायक निर्दोष सोबती का मानना है कि नोएडा में फिल्म सिटी एक बड़ा बेंचमार्क साबित हो सकती है.

रियलिटी शो लेखक आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक यूपी फिल्म सिटी के निर्माण से सिनेमा के लिए जन्मभूमि ही कर्मभूमि बनेगी. उन्होंने कहा कि अब सपनों को पूरा करने के लिए सड़कों की दूरी नहीं सिर्फ रचनात्मक सफर तय करना होगा. आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि यह कुछ ऐसा हुआ कि सपनों का रोजगार आपके द्वार पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि अब हमें झोला उठाकर किसी दूसरे राज्य में पलायन करने की आवश्यकता नहीं होगी.

संगीत निर्देशक डॉ. राकेश्वर मालवीय को यूपी में बनने वाली फिल्म सिटी से काफी उम्मीदें हैं. वह कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इस प्रयास से अपनी प्रतिभा दिखाने से वंचित रह जाने वाले कलाकारों की उम्मीदों को नए पंख लगे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि सरकार के प्रयासों से यूपी फिल्म सिटी में स्थानीय लोक कलाकारों का प्रतिनिधित्व और बढ़ेगा.

कलाकारों का रुकेगा पलायन
कथक एवं लोक नृत्य कलाकर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सीएम योगी ने हम सभी कलाकारों को फिल्म सिटी एक उपहार के रूप में दी है. उन्होंने कहा कि एक नर्तक होने के नाते हम कलाकारों को भी नृत्य निर्देशन, मंचन और नवाकुरों को मंच प्रतियोगिता का अवसर मिलेगा. इसके अलावा भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्य को विश्व प्रतिष्ठित करने के रास्ते मिलेंगे.

वरिष्ठ रंगकर्मी ललित पोखरिया यूपी फिल्म सिटी को रोजगार के अवसर के रूप में मानते हैं. उनका कहना है कि फिल्म उद्योग में सिर्फ अभिनय ही नहीं होता है, फिल्म निर्माण की पूरी यूनिट होती है. प्रदेश में फिल्म व्यवसाय स्थपित होने से दूर दराज के कलाकारों और पर्दे के पीछे काम करने वाले लोगों को भी रोजगार मिलेगा. उत्तर प्रदेश की कला को अपनी पहचान मिलेगी.

लखनऊ: सरकार ने प्रदेश में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की है. अब सरकार इस ओर तेजी से बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. यूपी में फिल्म इंडस्ट्री बनने से प्रदेश के स्थानीय कलाकारों में काफी उत्साह है. कलाकारों का कहना है फिल्मसिटी बनने से एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेंगी.

एक ही छत के नीचे मिलेंगी सारी सुविधाएं
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में तकरीबन 70 फीसदी से अधिक अवधी, ब्रज और‌ भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग हो रही है. इसका एक कारण यह भी है कि फिल्म निर्माताओं को मुबंई में लोकेशन के लिए काफी खर्च करना पड़ता है. फिल्मसिटी बनने से एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे स्थानीय निर्माताओं की बहुत सारी मुश्किलें दूर होंगी. प्रादेशिक भाषा की फिल्मों के लिए स्थानीय भाषा में पकड़ रखने वाले कलाकार भी मिल जाएंगे. कई मायनों में यूपी में फिल्म सिटी प्रादेशिक फिल्मों के लिए वरदान साबित होगी.

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
यूपी में फिल्म सिटी बनने के बाद यहां बनने वाली फिल्मों का न सिर्फ बजट काफी कम हो जाएगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे. इससे क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को बढ़ावा भी मिलेगा. मथुरा में माधवास रॉक बैंड के संस्थापक और गायक निर्दोष सोबती का मानना है कि नोएडा में फिल्म सिटी एक बड़ा बेंचमार्क साबित हो सकती है.

रियलिटी शो लेखक आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक यूपी फिल्म सिटी के निर्माण से सिनेमा के लिए जन्मभूमि ही कर्मभूमि बनेगी. उन्होंने कहा कि अब सपनों को पूरा करने के लिए सड़कों की दूरी नहीं सिर्फ रचनात्मक सफर तय करना होगा. आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि यह कुछ ऐसा हुआ कि सपनों का रोजगार आपके द्वार पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि अब हमें झोला उठाकर किसी दूसरे राज्य में पलायन करने की आवश्यकता नहीं होगी.

संगीत निर्देशक डॉ. राकेश्वर मालवीय को यूपी में बनने वाली फिल्म सिटी से काफी उम्मीदें हैं. वह कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इस प्रयास से अपनी प्रतिभा दिखाने से वंचित रह जाने वाले कलाकारों की उम्मीदों को नए पंख लगे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि सरकार के प्रयासों से यूपी फिल्म सिटी में स्थानीय लोक कलाकारों का प्रतिनिधित्व और बढ़ेगा.

कलाकारों का रुकेगा पलायन
कथक एवं लोक नृत्य कलाकर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सीएम योगी ने हम सभी कलाकारों को फिल्म सिटी एक उपहार के रूप में दी है. उन्होंने कहा कि एक नर्तक होने के नाते हम कलाकारों को भी नृत्य निर्देशन, मंचन और नवाकुरों को मंच प्रतियोगिता का अवसर मिलेगा. इसके अलावा भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्य को विश्व प्रतिष्ठित करने के रास्ते मिलेंगे.

वरिष्ठ रंगकर्मी ललित पोखरिया यूपी फिल्म सिटी को रोजगार के अवसर के रूप में मानते हैं. उनका कहना है कि फिल्म उद्योग में सिर्फ अभिनय ही नहीं होता है, फिल्म निर्माण की पूरी यूनिट होती है. प्रदेश में फिल्म व्यवसाय स्थपित होने से दूर दराज के कलाकारों और पर्दे के पीछे काम करने वाले लोगों को भी रोजगार मिलेगा. उत्तर प्रदेश की कला को अपनी पहचान मिलेगी.

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