लखनऊ: पॉक्सो के विशेष जज अरविन्द मिश्र ने दस वर्षीय एक बच्ची के साथ दुराचार करने के मामले में अभियुक्त लल्लू रावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. घटना के पश्चात पीड़िता की मृत्यु हो जाने के कारण इस पर पुलिस ने हत्या का भी आरोप लगाया था. हालांकि कोर्ट ने अभियुक्त को हत्या के आरोप से तो बरी कर दिया लेकिन अपने निर्णय में यह भी स्पष्ट किया है कि अभियुक्त जीवन पर्यंत जेल में रहेगा.
लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय व सुखेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक पीड़िता जंगल में बकरी चरा रही थी, जहां मौका पाकर अभियुक्त ने उसके साथ दुराचार किया. 10 जून, 2013 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता के भाई ने थाना नगराम में दर्ज कराई थी. इस घटना में पीड़िता को चोटें भी आईं थी व इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. आरोप लगाया गया है कि वादी की दस वर्षीय बहन घटना की शाम करीब साढे छह बजे जंगल के पास बकरी चरा रही थी. उसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने उसकी बहन के साथ दुराचार किया.
बहस के दौरान कहा गया कि विवेचना के दौरान आरोपी लल्लू रावत का नाम प्रकाश में आया था. इस प्रकरण में नगराम पुलिस द्वारा आरोपी के विरुद्ध दुराचार व हत्या के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया गया था लेकिन अदालत ने आरोपी को हत्या के आरोपों से साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इस प्रकरण में अभियोजन द्वारा जिन गवाहों को पेश किया गया, उन्होंने डाक्टरी रिपोर्ट का पूरा समर्थन किया है. अदालत के द्वारा सुनाई गई उम्र कैद की सजा के अनुसार अब लल्लू रावत को अपना शेष जीवन जेल में बिताना होगा.
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