लखनऊ: रंजिश के चलते कट्टे से फायर कर हत्या करने के आरोपी सुधीर शर्मा को अनुसूचित जाति-जनजाति निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 18 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. घटना वर्ष 1993 की है.
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा का तर्क था इस मामले की रिपोर्ट वादी रतनलाल ने 26 अक्टूबर 1993 को थाना वजीरगंज में कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसके घर के पास के मोहल्ला न्यू तिलक नगर रमापुरम थाना बाजार खाला में आरोपी सुधीर शर्मा व उसका भाई संजय शर्मा रहता है जिन्होंने पूरे मोहल्ले में आतंक मचा रखा है. कहा गया कि 26 अक्टूबर की शाम को करीब सात बजे सुरेश शर्मा अपने भाई संजय शर्मा के साथ कट्टा लेकर अपने अन्य साथियों के साथ दरवाजे पर आया तथा गाली देकर बुलाया. अदालत को बताया गया कि सुनील शर्मा एवं संजय शर्मा ने कट्टे से फायर कर दिया जिससे उसका भाई मदनलाल गिर पड़ा. उसे बचाने के लिए जब वादी दौड़ा तो उसे भी मारा पीटा गया. इसी बीच मदन लाल की पत्नी सुनीता जब दौड़ कर आई तब उस पर भी फायर किया गया. कहा गया है कि अस्पताल में इलाज के बाद जब घर में उसका इलाज चल रहा था तभी 3 नवंबर 1993 को उसकी भी दर्द के बाद मौत हो गई. इस मुकदमे के विचारण के दौरान आरोपी संजय शर्मा की मृत्यु हो गई थी.
ब्लू मार्ट इंटरप्राइजेज के निदेशक की जमानत अर्जी खारिज
एडीजे प्रफुल्ल कमल ने आकर्षक ब्याज का प्रलोभन देकर निवेश कराई गई करोड़ों की रकम हड़पने के मामले में निरुद्ध ब्लू मार्ट इंटरप्राइजेज, बाराबंकी के निदेशक अरुणिम कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गम्भीर करार दिया है. चार अप्रैल 2020 को इस मामले की एफआईआर राजेश कुमार व अन्य ने थाना गाजीपुर में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक अभियुक्त व उसके साथियों ने पांच प्रतिशत ब्याज का प्रलोभन देकर दो करोड़ 16 लाख 55 हजार रुपए का निवेश कराया था. बाद में ताला लगाकर कम्पनी के सभी निदेशक गायब हो गए.