लखनऊ : भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक डॉ0 रोशन जैकब ने बताया कि जिन लोगों को लाइसेंस दिए गए हैं उन पर पूरी नजर रखी जा रही है, ताकि लोगों को उचित मूल्य पर खनिज संपदा सुगमता एवं सरलता से उपलब्ध हो सके. उन्होंने बताया कि निदेशक खनिकर्म ने बताया कि उत्तर प्रदेश में खनिजों की सुगमता व सरलता से उपलब्धता सुनिश्चित कराने, उपखनिजों के दामों विशेषकर मोरंग के दामों में कमी लाने तथा भण्डारण स्थलों से तीव्र गति से उठान/निकासी सुनिश्चित कराने के गम्भीर, सार्थक व सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं और इस कड़ी में उ0प्र0 ऑनलाईन खनिज विभाग ने मौरंग भंडारण के लिए 228 लायसेंस जारी किए हैं.
डॉ. रोशन जैकब ने बताया विभाग के इस कदम से जहां एक ओर उपभोक्ताओं को बाधारहित खनिज पदार्थों के क्रय-विक्रय के लिए एक सहज और सरल प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है, वहीं भंडारण करने वालों के लिये भी लाभकारी बनाया गया है. उन्होने बताया कि इस निर्णय के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं को सम्पूर्ण भारत वर्ष में ग्राहक संख्या बढ़ाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया गया है. इससे उनके व्यापार में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को अनेकानेक प्रकारों से खोजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
उपयोग न हुआ तो जप्त होगी मोरंग
डॉ. जैकब ने फिर दोहराया है कि भण्डारणकर्ताओं को अपने स्टॉक का 90 प्रतिशत मोरंग का उठान और निकासी व उपयोग माह सितम्बर 2021 के अन्त तक किया जाना अनिवार्य है, अन्यथा शेष बची मोरंग को सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा जब्त कर नीलामी की कार्रवाई की जायेगी. डॉ0 जैकब ने बताया कि प्रदेश में मोरम के 228 स्टॉक लाइसेन्स प्रदान किये गये हैं, जिसमें बांदा व फतेहपुर में 35-35, चित्रकूट में 08, हमीरपुर में 28, जालौन में 61, झांसी में 20, कानपुर नगर में 14, कौशाम्बी में 25 और लखनऊ व उन्नाव में 01-01 भण्डारण स्थल हैं.
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मोबाइल और वेबसाइट पर कर सकते हैं संपर्क
डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि खनिकर्म विभाग में खनिज संपदा की बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल 'मंगल मार्ग' भी प्रारंभ किया है. इस पोर्टल व अन्य प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिये मोबाईल नम्बर-8800-191-126, एवं व्हाट्सएप नम्बर 8948675555 पर सम्पर्क किया जा सकता है, तथा वेबसाईट पर भी इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सूचनाएं उपलब्ध कराई गई हैं.