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यूपी में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, बढ़ रहे आंखों की समस्या के मरीज - level of pollution

प्रदूषण का स्तर प्रदेश में लगातार बढ़ता जा रहा है. यूपी के कई शहरों की हवा बहुत जहरीली हो गई है. ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, प्रयागराज, बनारस, आगरा, कानपुर और मेरठ‌ समेत कई शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थित में है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) की रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों लखनऊ की आबोहवा काफी दूषित हो गई है. सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार बीते गुरुवार को शहर का एक्यूआई 312 था. शुक्रवार को शहर का एक्यूआई 360 रहा.

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Published : Nov 25, 2022, 6:03 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. यूपी के कई शहरों की हवा बहुत जहरीली हो गई है. कुछ शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थित में है. इसमें ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, प्रयागराज, बनारस, आगरा, कानपुर और मेरठ‌ शामिल है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) की रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों लखनऊ की आबोहवा दूषित हो गई है. सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार बीते गुरुवार को शहर का एक्यूआई 312 था. वहीं शुक्रवार को शहर का एक्यूआई 360 है. ठंड बढ़ते ही सुबह शाम घना कोहरा रहता है.



बता दें, राजधानी के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर (Talkatora Industry Center) का एक्यूआई 326, सेंट्रल स्कूल का एक्यूआई 370, लालबाग का एक्यूआई 365, गोमतीनगर का एक्यूआई 252, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र का एक्यूआई 312 और कुकरेल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 306 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल होते हैं जहां पर कल कारखाने का काम अधिक होता है.

सीपीसीबी की एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार बीते मंगलवार को खराब प्रदुषित शहर में आगरा भी शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक आगरा की एक्यूआई 343 पहुंच गया था. हालांकि वर्तमान में आगरा का प्रदूषण स्तर 130 है. गाजियाबाद के बाद नोएडा, लखनऊ,वाराणसी, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुर, कानपुर, कुरुक्षेत्र, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर और प्रयागराज खराब एक्यूआई की लिस्ट में शामिल हैं.

अस्पताल में बढ़ रहे आंखों के मरीज : हजरतगंज के डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रेम (Ophthalmologist Dr Prem) ने बताया कि मौजूदा समय में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जितने भी मरीज आंखों में जलन के कारण आ रहे हैं उनमें एक समान लक्षण है आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और आंखों का लाल हो जाना. यह 3 लक्षण के साथ इस समय मरीज अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं. इनकी संख्या 10 में से 3 है. लेकिन जहां वायु प्रदूषण के कारण एक भी मरीज नहीं आ रहे थे, वहां अब दो या तीन मरीज हर रोज की ओपीडी में आ रहे हैं.

लखनऊ : प्रदेश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. यूपी के कई शहरों की हवा बहुत जहरीली हो गई है. कुछ शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थित में है. इसमें ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, प्रयागराज, बनारस, आगरा, कानपुर और मेरठ‌ शामिल है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) की रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों लखनऊ की आबोहवा दूषित हो गई है. सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार बीते गुरुवार को शहर का एक्यूआई 312 था. वहीं शुक्रवार को शहर का एक्यूआई 360 है. ठंड बढ़ते ही सुबह शाम घना कोहरा रहता है.



बता दें, राजधानी के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर (Talkatora Industry Center) का एक्यूआई 326, सेंट्रल स्कूल का एक्यूआई 370, लालबाग का एक्यूआई 365, गोमतीनगर का एक्यूआई 252, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र का एक्यूआई 312 और कुकरेल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 306 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल होते हैं जहां पर कल कारखाने का काम अधिक होता है.

सीपीसीबी की एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार बीते मंगलवार को खराब प्रदुषित शहर में आगरा भी शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक आगरा की एक्यूआई 343 पहुंच गया था. हालांकि वर्तमान में आगरा का प्रदूषण स्तर 130 है. गाजियाबाद के बाद नोएडा, लखनऊ,वाराणसी, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुर, कानपुर, कुरुक्षेत्र, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर और प्रयागराज खराब एक्यूआई की लिस्ट में शामिल हैं.

अस्पताल में बढ़ रहे आंखों के मरीज : हजरतगंज के डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रेम (Ophthalmologist Dr Prem) ने बताया कि मौजूदा समय में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जितने भी मरीज आंखों में जलन के कारण आ रहे हैं उनमें एक समान लक्षण है आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और आंखों का लाल हो जाना. यह 3 लक्षण के साथ इस समय मरीज अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं. इनकी संख्या 10 में से 3 है. लेकिन जहां वायु प्रदूषण के कारण एक भी मरीज नहीं आ रहे थे, वहां अब दो या तीन मरीज हर रोज की ओपीडी में आ रहे हैं.

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