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उन्नाव: घटना से पहले पीड़ितों ने जताई थी हत्या की आशंका, DGP को लिखा था पत्र

उन्नाव रेपकांड की पीड़िता और उसकी मां ने 12 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय और डीजीपी ओपी सिंह को पत्र लिखा था. पत्र में पीड़िता ने आरोपी विधायक और उनके लोगों द्धारा लगातार धमकाने की बात लिखी थी. इसके बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

घटना से पहले पीड़ितों ने जताई थी हत्या की आशंका.
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Published : Jul 30, 2019, 6:56 PM IST

लखनऊ: उन्नाव रेपकांड की पीड़िता और उसके वकील का केजीएमयू में इलाज चल रहा है. घटना के बाद पूरे प्रदेश सहित देश में पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए बहस छिड़ गई है. पुलिस के आला अधिकारियों सहित सीबीआई हरकत में नजर आ रही है, लेकिन जिस तरीके से घटना हुई है और घटना से ठीक पहले गवाहों की ओर से मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय और डीजीपी को पत्र लिखकर विधायक द्वारा धमकाने की शिकायत की गई थी.

घटना से पहले पीड़ितों ने जताई थी हत्या की आशंका.
  • उन्नाव रेपकांड कि सीबीआई जांच कर रही है.
  • पीड़िता की चाची और एक अन्य महिला जो कार में सवार थीं, वह मामले की गवाह थीं.
  • घटना से पहले ही पीड़िता ने 12 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर धमकाने व समझौता करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था.
  • मामले में अभियुक्त शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, अभियुक्त कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह सहित कई अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था.
  • ऐसे ही आरोप लगाते हुए 13 जुलाई को डीजीपी ओपी सिंह को भी पत्र लिखा गया था.

पीड़ितों द्वारा लिखे गए इन पत्रों के सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि भले ही गवाहों को पुलिस की सुरक्षा मिली हुई थी, भले ही अब आला अधिकारी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कसीदे पढ़ रहे हों, लेकिन पीड़ितों द्वारा लगातार की जा रही शिकायत पर उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया है. पुलिस समय रहते पीड़ितों की शिकायत को गंभीरता से लेती तो शायद रायबरेली जैसी घटना नहीं होती.

घटना से पहले पत्र लिखकर पीड़िता ने दी थी तहरीर
घटना से पहले पीड़िता, उसकी मां और चाची की ओर से पत्र लिखे गए थे. पत्र में सीबीआई में चल रहे मुकदमे का हवाला देते हुए बताया गया कि हम सभी मुकदमे में गवाह हैं, जिसके चलते कुलदीप सिंह सेंगर के लोग लगातार हमें धमका रहे हैं और हम पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. घटना का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि 12 जुलाई सुबह करीब नौ बजे कार से अभियुक्त शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, अभियुक्त कुलदीप सिंह के भाई मनोज सिंह और कुछ अज्ञात लोग पीड़ित के घर पहुंचे और कहा कि हमने सारी सेटिंग कर ली है. कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह की जमानत मंजूर करा ली है और तुम लोगों को फर्जी मुकदमे में जेल में डालकर सजा करा दी जाएगी. धमकाते हुए लोगों ने कहा कि अभी भी समय है सुलह कर लो. इस घटना के ठीक एक दिन बाद 13 जुलाई को सुबह 10 बजे शशि सिंह के पति हरपाल सिंह पीड़ित के घर पहुंचे. हरपाल सिंह ने भी परिवार को धमकाते हुए सुलह करने की बात कही.

लखनऊ: उन्नाव रेपकांड की पीड़िता और उसके वकील का केजीएमयू में इलाज चल रहा है. घटना के बाद पूरे प्रदेश सहित देश में पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए बहस छिड़ गई है. पुलिस के आला अधिकारियों सहित सीबीआई हरकत में नजर आ रही है, लेकिन जिस तरीके से घटना हुई है और घटना से ठीक पहले गवाहों की ओर से मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय और डीजीपी को पत्र लिखकर विधायक द्वारा धमकाने की शिकायत की गई थी.

घटना से पहले पीड़ितों ने जताई थी हत्या की आशंका.
  • उन्नाव रेपकांड कि सीबीआई जांच कर रही है.
  • पीड़िता की चाची और एक अन्य महिला जो कार में सवार थीं, वह मामले की गवाह थीं.
  • घटना से पहले ही पीड़िता ने 12 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर धमकाने व समझौता करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था.
  • मामले में अभियुक्त शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, अभियुक्त कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह सहित कई अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था.
  • ऐसे ही आरोप लगाते हुए 13 जुलाई को डीजीपी ओपी सिंह को भी पत्र लिखा गया था.

पीड़ितों द्वारा लिखे गए इन पत्रों के सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि भले ही गवाहों को पुलिस की सुरक्षा मिली हुई थी, भले ही अब आला अधिकारी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कसीदे पढ़ रहे हों, लेकिन पीड़ितों द्वारा लगातार की जा रही शिकायत पर उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया है. पुलिस समय रहते पीड़ितों की शिकायत को गंभीरता से लेती तो शायद रायबरेली जैसी घटना नहीं होती.

घटना से पहले पत्र लिखकर पीड़िता ने दी थी तहरीर
घटना से पहले पीड़िता, उसकी मां और चाची की ओर से पत्र लिखे गए थे. पत्र में सीबीआई में चल रहे मुकदमे का हवाला देते हुए बताया गया कि हम सभी मुकदमे में गवाह हैं, जिसके चलते कुलदीप सिंह सेंगर के लोग लगातार हमें धमका रहे हैं और हम पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. घटना का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि 12 जुलाई सुबह करीब नौ बजे कार से अभियुक्त शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, अभियुक्त कुलदीप सिंह के भाई मनोज सिंह और कुछ अज्ञात लोग पीड़ित के घर पहुंचे और कहा कि हमने सारी सेटिंग कर ली है. कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह की जमानत मंजूर करा ली है और तुम लोगों को फर्जी मुकदमे में जेल में डालकर सजा करा दी जाएगी. धमकाते हुए लोगों ने कहा कि अभी भी समय है सुलह कर लो. इस घटना के ठीक एक दिन बाद 13 जुलाई को सुबह 10 बजे शशि सिंह के पति हरपाल सिंह पीड़ित के घर पहुंचे. हरपाल सिंह ने भी परिवार को धमकाते हुए सुलह करने की बात कही.

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लखनऊ। रविवार को रायबरेली जेल जा रही एक कार की ट्रक से भिड़ंत हो गई जिसमें मौके पर ही 2 लोगों की मौत हो गई तो वही उन्नाव रेप कांड की पीड़िता व उसके वकील लखनऊ के केजीएमयू में गंभीर हालातों में इलाज चल रहा है। भले ही घटना के बाद पूरे प्रदेश सहित देश में पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए बहस छिड़ गई हो, पुलिस के आला अधिकारियों सहित सीबीआई हरकत में नजर आ रही हो लेकिन जिस तरीके से घटना हुई है और घटना से ठीक पहले गवाहों की ओर से मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय व डीजीपी को पत्र लिखकर विधायक कुलदीप सिंह सिंगर से जुड़े हुए लोगों द्वारा धमकाने की शिकायत की गई है उससे रायबरेली में हुए सड़क हादसे के पीछे कोई कहानी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। पीड़ित के चाचा जो कि रायबरेली जेल में बंद है ने भी अपनी तहरीर में सेंगर द्वारा जेल से फोन पर व सेंगर के लोगों द्वारा लगातार धमकाने व समझौता करने की बात कही।




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उन्नाव रेप कांड कि सीबीआई जांच कर रही है। पीड़िता की चाची व एक अन्य महिला जो कार में सवार थी सेंगर पर चल रहे मामले की गवाही थी। घटना से पहले ही पीडि़ता व मृतक महिलाओं ने 12.7.2019 को मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर धमकाने व समझौता करने का दबाव बनाने के आरोप लगाया था। मामले में अभियुक्त शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, अभियुक्त कुलदीप सिंह के भाई मनोज सिंह सहित कई अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था। ऐसे ही आरोप लगाते हुए 13.7. 2019 को डीजीपी ओपी सिंह को भी पत्र लिखा गया था।

पीड़ितों द्वारा लिखे गए इन पत्रों के सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि भले ही गवाहों को पुलिस की सुरक्षा मिली हुई थी, भले ही अब आला अधिकारी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कसीदे पढ़ रहे हो। लेकिन पीड़ितों द्वारा लगातार की जा रही शिकायत पर उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया है अगर पुलिस समय रहते पीड़ितों की शिकायत को गंभीरता से लेते तो शायद रायबरेली जैसी घटना नहीं होती।

घटना से पहले यह पत्र पीड़िता उसकी मां, उसकी चाची की ओर से लिखे गए थे। पत्र में सीबीआई में चल रहे मुकदमे का हवाला देते हुए बताया गया कि हम सभी मुकदमे में गवाह हैं जिसके चलते कुलदीप सिंह सेंगर के आदमी लगातार हमें धमका रहे हैं कि हम समझौता कर ले। घटना का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा कि/12.7. 2019 सुबह करीब 9:00 कार से अभियुक्त शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, अभियुक्त कुलदीप सिंह के भाई मनोज सिंह व कुछ अज्ञात लोग पीड़ित के घर पहुंचे और कहा कि हमने सारी सेटिंग कर ली है कुलदीप सिंह सेंगर व शशि सिंह की जमानत मंजूर करा ली है और तुम लोगों को फर्जी मुकदमे में जेल में डालकर सजा करा दी जाएगी। धमकाते हुए लोगों ने कहा कि अभी भी समय है सुला कर लो। इस घटना के ठीक 1 दिन बाद 13.7. 2019 को सुबह 10:00 बजे शशि सिंह के पति हरपाल सिंह पीड़ित के घर पहुंचे हरपाल सिंह ने भी परिवार को धमकाते हुए सुलह करने की बात कही।


Conclusion:संवाददाता
प्रशांत मिश्रा
90 2639 25 26
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