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परिवहन विभाग में लगे एक बोर्ड से शुरू हुआ कोल्ड वॉर, एसोसिएशन ने लिखा ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को लेटर - परिवहन आयुक्त मुख्यालय

परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर एक अधिकारी के पदनाम का लगा बोर्ड कोल्ड वॉर (Cold war for name plate in UP Transport Department) की वजह बन गया है. इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह से की गयी है.

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transport department उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को लेटर UP Transport Department UP Transport Minister Dayashankar Singh परिवहन आयुक्त मुख्यालय Cold war for name plate UP Transport Department
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Published : Jul 24, 2023, 8:19 AM IST

लखनऊ: परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर एक अधिकारी के पदनाम का लगा बोर्ड कोल्ड वॉर (Cold war for name plate in UP Transport Department) का कारण बन गया है. आपस में ही अधिकारियों के भी शीत युद्ध शुरू हो गया है. एक सीनियर अफसर को इस बात से आपत्ति है कि इस बोर्ड पर जो पदनाम लिखा है, वह अधिकारी उस पद के लायक नहीं है. वहीं जिस अधिकारी का जिस पदनाम का बोर्ड लगा हुआ है. उनका कहना है कि दायित्व परिवहन मंत्री की तरफ से दिया गया है. बोर्ड मैंने खुद नहीं लगा लिया है, बल्कि परिवहन विभाग प्रशासन की तरफ से लगाया गया है.

उन्होंने कहा कि जो लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, वो पहले खुद के बारे में सोचें. कुल मिलाकर अब इस कोल्ड वॉर के बीच मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (UP Transport Minister Dayashankar Singh) के पास पहुंच गई है. मुख्यालय के अफसरों ने खाली पदों का ब्यौरा परिवहन मंत्री को भेजने में गुमराह किया. अपर परिवहन आयुक्त के खाली दो पदों को मुख्यालय के अफसरों ने भरा बता दिया. लिहाजा, अफसर अपनी मर्जी से उप परिवहन आयुक्त का बोर्ड लगाने के बजाय अपर परिवहन आयुक्त का बोर्ड लगाकर रौब झाड़ रहे है. इस मामले में उप्र ट्रांसपोर्ट अफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को पत्र भेजकर अपत्ति दर्ज कराई है.

परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर शासन से स्वीकृत पद उप परिवहन आयुक्त (नगर और जल परिवहन) का बोर्ड लगाने के बजाय अफसर अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) के पद का बोर्ड लगाकर राजस्व वसूली में व्यस्त हैं. ऐसे में नगर परिवहन और जल परिवहन की योजना ठंडे बस्ते में है. पिछले दिनों शासन में नगर परिवहन और जल परिवहन की योजना को लेकर बैठक हुई थी. मुख्यालय के अफसर नगर परिवहन तो दूर जल परिवहन के संबंध में कोई खास योजना नहीं बता सके. जल परिवहन की नीति के बारे में जिक्र किया.

इसे आगामी दिनों में मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा. इस पूरे मामले पर अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि पदनाम का जो बोर्ड लगाया गया है वह मैंने स्वयं नहीं लगाया है, बल्कि प्रशासन की तरफ से लगाया गया है. जहां तक बात है अपर परिवहन आयुक्त होने की तो यह आदेश परिवहन मंत्री की तरफ से दिया गया है मैंने खुद ही अपना पद नाम नहीं बदल लिया है . जिन्हें आपत्ति है वे शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जल परिवहन को लेकर अंतर्देशीय नीति बनाने की दिशा में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है. नीति पर मंजूरी मिलते ही योजना तैयार की जाएगी. नगर परिवहन से जुड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है.

ये भी पढ़ें- दिव्यांगों और दलितों की छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेज संचालकों की 12 करोड़ की संपत्ति जब्त

लखनऊ: परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर एक अधिकारी के पदनाम का लगा बोर्ड कोल्ड वॉर (Cold war for name plate in UP Transport Department) का कारण बन गया है. आपस में ही अधिकारियों के भी शीत युद्ध शुरू हो गया है. एक सीनियर अफसर को इस बात से आपत्ति है कि इस बोर्ड पर जो पदनाम लिखा है, वह अधिकारी उस पद के लायक नहीं है. वहीं जिस अधिकारी का जिस पदनाम का बोर्ड लगा हुआ है. उनका कहना है कि दायित्व परिवहन मंत्री की तरफ से दिया गया है. बोर्ड मैंने खुद नहीं लगा लिया है, बल्कि परिवहन विभाग प्रशासन की तरफ से लगाया गया है.

उन्होंने कहा कि जो लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, वो पहले खुद के बारे में सोचें. कुल मिलाकर अब इस कोल्ड वॉर के बीच मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (UP Transport Minister Dayashankar Singh) के पास पहुंच गई है. मुख्यालय के अफसरों ने खाली पदों का ब्यौरा परिवहन मंत्री को भेजने में गुमराह किया. अपर परिवहन आयुक्त के खाली दो पदों को मुख्यालय के अफसरों ने भरा बता दिया. लिहाजा, अफसर अपनी मर्जी से उप परिवहन आयुक्त का बोर्ड लगाने के बजाय अपर परिवहन आयुक्त का बोर्ड लगाकर रौब झाड़ रहे है. इस मामले में उप्र ट्रांसपोर्ट अफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को पत्र भेजकर अपत्ति दर्ज कराई है.

परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर शासन से स्वीकृत पद उप परिवहन आयुक्त (नगर और जल परिवहन) का बोर्ड लगाने के बजाय अफसर अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) के पद का बोर्ड लगाकर राजस्व वसूली में व्यस्त हैं. ऐसे में नगर परिवहन और जल परिवहन की योजना ठंडे बस्ते में है. पिछले दिनों शासन में नगर परिवहन और जल परिवहन की योजना को लेकर बैठक हुई थी. मुख्यालय के अफसर नगर परिवहन तो दूर जल परिवहन के संबंध में कोई खास योजना नहीं बता सके. जल परिवहन की नीति के बारे में जिक्र किया.

इसे आगामी दिनों में मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा. इस पूरे मामले पर अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि पदनाम का जो बोर्ड लगाया गया है वह मैंने स्वयं नहीं लगाया है, बल्कि प्रशासन की तरफ से लगाया गया है. जहां तक बात है अपर परिवहन आयुक्त होने की तो यह आदेश परिवहन मंत्री की तरफ से दिया गया है मैंने खुद ही अपना पद नाम नहीं बदल लिया है . जिन्हें आपत्ति है वे शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जल परिवहन को लेकर अंतर्देशीय नीति बनाने की दिशा में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है. नीति पर मंजूरी मिलते ही योजना तैयार की जाएगी. नगर परिवहन से जुड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है.

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