लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी गांव के कचरा निवासी एक व्यक्ति ने अपने खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है. उसके तीन बच्चे गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इलाज में लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी बच्चे ठीक नहीं हो रहे हैं.शासन प्रशासन से मदद का आश्वासन मिला लेकिन मदद नहीं मिल रही.
थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित हैं तीनों बच्चे-
शिव वीर के तीन बच्चे हैं. जिनमें से 2 बच्चे थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. इस बीमारी की वजह से दोनों बच्चों को प्रतिमाह पूरे शरीर का खून बदला जाता है.जिसमें ₹10,000 खर्च दोनों बच्चों पर प्रतिमाह आता है. डॉक्टरों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसका पूर्णतया इलाज ऑपरेशन है, जिसमें 1 बच्चे का खर्च करीब ₹20 लाख आएगा. डॉक्टरों के इस बातचीत के बाद शिव वीर रुपये जुटाने में लग गये, लेकिन इस चक्कर में उसने अपना घर बार तक बेच दिया. लेकिन फिर भी वह रकम पूरी नहीं कर पाया.
क्या है यह बीमारी-
आमतौर पर हर सामान्य व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, लेकिन थैलेसीमिया से पीड़ित रोगी के शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र घटकर मात्र 20 दिन ही रह जाती है. इसका सीधा असर व्यक्ति के हीमोग्लोबिन पर पड़ता है, जिसके कम होने पर व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है और हर समय किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है.
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प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र-
शिव वीर ने बच्चों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिलाधिकारी से गुहार लगा चुके हैं. इसके बाद में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक निराशा ही हाथ लगी है. शिववीर ने कहा है कि कहीं से सहायता न मिलने पर वह बच्चों को अपने सामने मरता हुआ नहीं देख पाएगा.
जमीन तक रखी गिरवी, आत्मदाह की धमकी-
शिव वीर ने कहा कि वह जिलाधिकारी से मिलकर इलाज में सहायता मांगेंगे. सहायता न मिलने पर बच्चों के साथ पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह कर लेंगे. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के पास मदद की गुहार लगा रहा है. शिविर के पास पत्र 5 बीघा जमीन है, जिसमें से 4 बीघा जमीन 11 लाख में बेचकर बच्चों का इलाज करा चुके हैं. 1 बीघा जमीन भी साहूकार के पास गिरवी रखी हुई है.ऐसे में उसे मदद का सहारा सिर्फ अब प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ही लगे तो उसने उनको भी खून से पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई.