लखनऊ: प्रदेश भर में लेखपाल 3 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं राजधानी में भी लेखपालों ने 13 दिसंबर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे लेखपाल संघ का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा. दूसरी तरफ वाराणसी में धरना पर बैठे लेखपाल सीएम योगी से मिलने की बात कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने अब तक 9 लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
सरकार नहीं मान रही मांग
लेखपाल संघ के पूर्व अध्यक्ष सत्य प्रकाश शुक्ला का कहना है कि हमारी आठ मांगें है, जिन्हें सरकार नहीं मान रही है. आठ मांगों में मोटरसाइकिल भत्ता, 2003 से पहले भर्ती हुए लेखपालों का वेतन ज्यादा है, वहीं इसके बाद भी लोगों का वेतन कम है. इन्हीं सब अनियमितताओं को लेकर लेखपाल संघ आमरण अनशन कर रहा है. इस तरह प्रदेश भर से कुल 32,000 लेखपाल अपनी मांगों के लिए लड़ने के मूड में है. आने वाले समय में लेखपालों का प्रदर्शन और भी आक्रामक होगा.
वाराणसी में नौ लेखपालों पर मुकदमा दर्ज
लेखपालों का कहना है कि जिस तरीके से सारे अन्य विभागों में चतुर्थ कर्मचारियों के यात्रा शुल्क में वृद्धि की गई है. इसी तरह से लेखपालों ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को शासन प्रशासन के सामने रखा है. इन मांगों को निश्चित तौर पर सरकार को मानना चाहिए. अन्य विभागों में ग्रेड बढ़ाकर उनके भत्तों में तो वृद्धि होती है लेकिन लेखपालों के ग्रेड और भत्ते दोनों में ही वृद्धि नहीं होती है. हमने जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई है लेकिन वह भी हमारी बातें सुनने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन ने नौ लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपना तानाशाही रवैया दिखाया है.
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