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लेखपालों का प्रदर्शन थम नहीं रहा, प्रदेश के 32,000 लेखपाल कर सकते हैं आक्रामक प्रदर्शन

प्रदेश भर के जिलों में लेखपालों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा. लखनऊ में जहां लेखपाल अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं तो वहीं वाराणसी में 9 लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद भी धरना प्रदर्शन जारी है.

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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं लेखपाल
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Published : Dec 27, 2019, 7:50 PM IST

लखनऊ: प्रदेश भर में लेखपाल 3 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं राजधानी में भी लेखपालों ने 13 दिसंबर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे लेखपाल संघ का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा. दूसरी तरफ वाराणसी में धरना पर बैठे लेखपाल सीएम योगी से मिलने की बात कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने अब तक 9 लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं लेखपाल.

सरकार नहीं मान रही मांग
लेखपाल संघ के पूर्व अध्यक्ष सत्य प्रकाश शुक्ला का कहना है कि हमारी आठ मांगें है, जिन्हें सरकार नहीं मान रही है. आठ मांगों में मोटरसाइकिल भत्ता, 2003 से पहले भर्ती हुए लेखपालों का वेतन ज्यादा है, वहीं इसके बाद भी लोगों का वेतन कम है. इन्हीं सब अनियमितताओं को लेकर लेखपाल संघ आमरण अनशन कर रहा है. इस तरह प्रदेश भर से कुल 32,000 लेखपाल अपनी मांगों के लिए लड़ने के मूड में है. आने वाले समय में लेखपालों का प्रदर्शन और भी आक्रामक होगा.

हड़ताल के चलते नौ लेखपालों पर मुकदमा दर्ज.

वाराणसी में नौ लेखपालों पर मुकदमा दर्ज
लेखपालों का कहना है कि जिस तरीके से सारे अन्य विभागों में चतुर्थ कर्मचारियों के यात्रा शुल्क में वृद्धि की गई है. इसी तरह से लेखपालों ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को शासन प्रशासन के सामने रखा है. इन मांगों को निश्चित तौर पर सरकार को मानना चाहिए. अन्य विभागों में ग्रेड बढ़ाकर उनके भत्तों में तो वृद्धि होती है लेकिन लेखपालों के ग्रेड और भत्ते दोनों में ही वृद्धि नहीं होती है. हमने जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई है लेकिन वह भी हमारी बातें सुनने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन ने नौ लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपना तानाशाही रवैया दिखाया है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: जुमे की नमाज से पहले एडीजी जोन ने संभाली सुरक्षा कमान

लखनऊ: प्रदेश भर में लेखपाल 3 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं राजधानी में भी लेखपालों ने 13 दिसंबर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे लेखपाल संघ का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा. दूसरी तरफ वाराणसी में धरना पर बैठे लेखपाल सीएम योगी से मिलने की बात कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने अब तक 9 लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं लेखपाल.

सरकार नहीं मान रही मांग
लेखपाल संघ के पूर्व अध्यक्ष सत्य प्रकाश शुक्ला का कहना है कि हमारी आठ मांगें है, जिन्हें सरकार नहीं मान रही है. आठ मांगों में मोटरसाइकिल भत्ता, 2003 से पहले भर्ती हुए लेखपालों का वेतन ज्यादा है, वहीं इसके बाद भी लोगों का वेतन कम है. इन्हीं सब अनियमितताओं को लेकर लेखपाल संघ आमरण अनशन कर रहा है. इस तरह प्रदेश भर से कुल 32,000 लेखपाल अपनी मांगों के लिए लड़ने के मूड में है. आने वाले समय में लेखपालों का प्रदर्शन और भी आक्रामक होगा.

हड़ताल के चलते नौ लेखपालों पर मुकदमा दर्ज.

वाराणसी में नौ लेखपालों पर मुकदमा दर्ज
लेखपालों का कहना है कि जिस तरीके से सारे अन्य विभागों में चतुर्थ कर्मचारियों के यात्रा शुल्क में वृद्धि की गई है. इसी तरह से लेखपालों ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को शासन प्रशासन के सामने रखा है. इन मांगों को निश्चित तौर पर सरकार को मानना चाहिए. अन्य विभागों में ग्रेड बढ़ाकर उनके भत्तों में तो वृद्धि होती है लेकिन लेखपालों के ग्रेड और भत्ते दोनों में ही वृद्धि नहीं होती है. हमने जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई है लेकिन वह भी हमारी बातें सुनने को तैयार नहीं हैं. प्रशासन ने नौ लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपना तानाशाही रवैया दिखाया है.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: जुमे की नमाज से पहले एडीजी जोन ने संभाली सुरक्षा कमान

Intro:लखनऊ। प्रदेश के जिलों के लेखपाल 3 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वहीं 13 तारीख से राजधानी लखनऊ के लेखपालों का भी उनको साथ मिल गया।

अपनी 8 मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे लेखपाल संघ का अब आर-पार की लड़ाई करने का मूड है। Body:पहले ज़िलों में शुरू हुई हड़ताल

ईटीवी भारत ने अनशन पर बैठे लेखपाल संघ के पूर्व अध्यक्ष सत्य प्रकाश शुक्ला से बात की तो उन्होंने तमाम बातें बताईं। उन्होंने कहा कि हमारी 8 मांगे हैं। उनको प्रशासन मान नहीं रहा है।

यह हैं मांगे

सत्य प्रकाश शुक्ल ने ईटीवी भारत को बताया कि वह आठ मांगों में मोटरसाइकिल भत्ता, 2003 से पहले भर्ती हुए लेखपालों का वेतन ज्यादा है। वहीं इसके बाद के लोगों का वेतन कम है। इन्हीं सब अनियमितताओं को लेकर लेखपाल संघ आमरण अनशन कर रहा है।

प्रशासन नहीं ले रहा संज्ञान

उन्होंने प्रशासन पर नजरअंदाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मौखिक रूप से मांगे मानने की बात कही लेकिन लिखित में नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आप लोग काम पर लौटे। इस पर लेखपाल संघ ने कहा कि ऐसे काम नहीं चलेगा। अब बहुत हो गया। लेखपाल संघ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। Conclusion:प्रदेशभर के 32 हज़ार लेखपाल अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। आने वाले दिनों में उनका अनशन आक्रामक होगा।

अनुराग मिश्र

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