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अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर, सरकार ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश

प्रदेश में सरकार और लेखपालों के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. अपनी मांगो को लेकर प्रदेशभर में लेखपाल धरने पर बैठे है. सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद भी प्रदर्शनकारी धरने पर डटे हुए हैं.

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प्रदर्शनकारी लेखपाल
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Published : Dec 21, 2019, 7:22 AM IST

लखनऊ: सरकार और लेखपालों के बीच संघर्ष की लड़ाई लगातार जारी है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाला और जमकर नारेबाजी की. वहीं उन्नाव में सरकार के अल्टीमेटम देने के बाद भी प्रदर्शनकारी लेखपाल धरना स्थल पर डटे रहे और मांगें न मानने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी.

दूसरी तरफ, चित्रकूट में प्रशासन को प्रदर्शनकारी लेखपालों के गुस्से का सामना करना पड़ा. इसपर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने 11 लेखपालों का निलंबन कर दिया है. बस्ती में प्रदर्शनकारी लेखपालों के खिलाफ डीएम ने सख्त निर्देश देते तहसील के 22 लेखपालों का निलंबन कर दिया है, जबकि 581 लेखपालों का वेतन बाधित कर दिया गया है.

उन्नाव में लेखपालों को जारी की गई नोटिस

जिले में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला. इसपर कार्रवाई करते प्रशासन ने प्रदर्शनकारी लेखपालों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया, लेकिन प्रशासन की बात न मानने पर दो अध्यक्ष और दो मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया है. दूसरी तरफ लेखपालों को ब्रेकिंग सर्विस और 'नो वर्क नो पे' की नोटिस भी जारी कर दी गई है.

मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर

चित्रकूट में 11 लेखपाल हुए निलंबित
अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल पिछले 10 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसपर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते जिले के 11 लेखपालों का निलंबन कर दिया है, तो वहीं संघ के पदाधिकारियों को नोटिस भी दिया गया है.

लेखपालों के धरने को अवैधानिक घोषित कर दिया गया है, जहां सरकार ने लेखपालों को चेतावनी देते जल्दी ही काम पर लौटने की अपील की है. समय से कार्य पर ना पहुंचने की दशा में 'नो वर्क नो पे' के सिद्धांतों के आधार पर वेतन काटने की कार्रवाई की गई है.
- शेषमणि पाण्डेय, जिलाधिकारी

मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर.

बस्ती में 22 लेखपालों को प्रशासन ने किया बर्खास्त
एक तरफ प्रदेश में सीएए को लेकर बवाल मचा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ अपनी मांगों को लेकर लेखपाल भी सड़क पर उतर गए हैं. प्रशासन भी किसी मामले में नरमी बरतने के मूड में नहीं दिखा रहा है. दरअसल, डीएम के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से 22 लेखपालों को निलंबित कर दिया है, जबकि 581 लेखपालों का वेतन बाधित कर दिया गया है.

शासन ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है. हड़ताल करने पर 22 लेखपाल निलंबित किए गए हैं, जबकि 581 का वेतन रोका गया है. लेखपालों से लगातार बातचीत की जा रही है, जो भी मांग मानने लायक होगी, उस पर विचार किया जा सकता है. लेखपाल हमारे सिस्टम के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और मेरी अपील है कि वे जल्द से जल्द काम पर लौटे.
- आशुतोष निरंजन, डीएम

मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर

लखनऊ: सरकार और लेखपालों के बीच संघर्ष की लड़ाई लगातार जारी है. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाला और जमकर नारेबाजी की. वहीं उन्नाव में सरकार के अल्टीमेटम देने के बाद भी प्रदर्शनकारी लेखपाल धरना स्थल पर डटे रहे और मांगें न मानने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी.

दूसरी तरफ, चित्रकूट में प्रशासन को प्रदर्शनकारी लेखपालों के गुस्से का सामना करना पड़ा. इसपर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने 11 लेखपालों का निलंबन कर दिया है. बस्ती में प्रदर्शनकारी लेखपालों के खिलाफ डीएम ने सख्त निर्देश देते तहसील के 22 लेखपालों का निलंबन कर दिया है, जबकि 581 लेखपालों का वेतन बाधित कर दिया गया है.

उन्नाव में लेखपालों को जारी की गई नोटिस

जिले में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला. इसपर कार्रवाई करते प्रशासन ने प्रदर्शनकारी लेखपालों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया, लेकिन प्रशासन की बात न मानने पर दो अध्यक्ष और दो मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया है. दूसरी तरफ लेखपालों को ब्रेकिंग सर्विस और 'नो वर्क नो पे' की नोटिस भी जारी कर दी गई है.

मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर

चित्रकूट में 11 लेखपाल हुए निलंबित
अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल पिछले 10 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसपर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते जिले के 11 लेखपालों का निलंबन कर दिया है, तो वहीं संघ के पदाधिकारियों को नोटिस भी दिया गया है.

लेखपालों के धरने को अवैधानिक घोषित कर दिया गया है, जहां सरकार ने लेखपालों को चेतावनी देते जल्दी ही काम पर लौटने की अपील की है. समय से कार्य पर ना पहुंचने की दशा में 'नो वर्क नो पे' के सिद्धांतों के आधार पर वेतन काटने की कार्रवाई की गई है.
- शेषमणि पाण्डेय, जिलाधिकारी

मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर.

बस्ती में 22 लेखपालों को प्रशासन ने किया बर्खास्त
एक तरफ प्रदेश में सीएए को लेकर बवाल मचा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ अपनी मांगों को लेकर लेखपाल भी सड़क पर उतर गए हैं. प्रशासन भी किसी मामले में नरमी बरतने के मूड में नहीं दिखा रहा है. दरअसल, डीएम के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से 22 लेखपालों को निलंबित कर दिया है, जबकि 581 लेखपालों का वेतन बाधित कर दिया गया है.

शासन ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है. हड़ताल करने पर 22 लेखपाल निलंबित किए गए हैं, जबकि 581 का वेतन रोका गया है. लेखपालों से लगातार बातचीत की जा रही है, जो भी मांग मानने लायक होगी, उस पर विचार किया जा सकता है. लेखपाल हमारे सिस्टम के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और मेरी अपील है कि वे जल्द से जल्द काम पर लौटे.
- आशुतोष निरंजन, डीएम

मांगों को लेकर प्रदेशभर के लेखपाल हड़ताल पर
Intro: अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के लेखपाल धरने पर बैठे हैं। जिसको लेकर सरकार और प्रशासन लगातार अल्टीमेटम भी दे रहा है।
धरने से वापस लौटने के अल्टीमेटम को नजरअंदाज कर एक तरफ जहां लेखपाल बिना डरे हारे अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल पर डटे हुए है। वहीं दूसरी तरफ अफसरों ने इनकी मनमानी पर कार्रवाई का सिलसिला तेज कर दिया है। 24 घंटे में धरने से काम पर वापसी न करने पर दो अध्यक्ष और दो मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि दूसरी चार तहसीलों के अध्यक्ष व मंत्री पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है। दूसरे सभी लेखपालों को ब्रेकिंग सर्विस और नो वर्क नो पे की नोटिस जारी कर दी गई है।

Body:जिला मुख्यालय स्तर पर 26 दिसंबर तक लेखपालों के घोषित धरने पर अफसरों ने कड़ा रूख अपना लिया है। तमाम चेतावनियों के बाद भी पुन: लेखपालों के काम पर वापस न लौटने पर एसडीएम स्तर से उनकी बर्खास्तगी करके ब्रेकिंग सर्विस और नो वर्क नो पे की कार्रवाई की जा रही है। हसनगंज के अध्यक्ष बृजेश पाल और मंत्री संतोष मौर्य के साथ सफीपुर में अध्यक्ष सूर्यकांत और मंत्री बाबूलाल को बर्खास्त किया गया है। इसके साथ दूसरी तहसील के अध्यक्ष व मंत्री पर बर्खास्तगी का नोटिस भेजा गया है। वहीं हसनगंज में 85 के साथ पुरवा में 59, सफीपुर में 34, सदर तहसील में 70, बांगरमऊ में 32 के साथ बीघापुर के सभी लेखपालों को सेवा विराम और नो वर्क नो पे की नोटिस थमाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। एडीएम उन्नाव राकेश सिंह ने बताया कि अध्यक्ष और मंत्री को बर्खास्त करके अन्य लेखपालों को नोटिस दी गइ है। लेखपालों की ब्रेकिंग सर्विस और नो वर्क नो पे की नोटिस चस्पा करने की बात कही। 24 घंटे में सभी को वापसी के निर्देश गए थे। जिस पर अध्यक्ष मंत्री समेत लेखपाल काम पर नहीं लौटे।

बाइट: राकेश सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व उन्नावConclusion:
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