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लखनऊ: आंचलिक विज्ञान नगरी ने मनाई तीसवीं वर्षगांठ, आयोजित किया व्याख्यान

राजधानी के आंचलिक विज्ञान नगरी में 'चंद्रयान 2 मिशन' पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया. इस व्याख्यान में इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडेय ने छात्र-छात्राओं को मिशन की सहजता और तकनीकी के बारे में बताया.

आंचलिक विज्ञान नगरी
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Published : Sep 8, 2019, 10:24 PM IST

लखनऊ: आंचलिक विज्ञान नगरी में 7 सितंबर को संस्थान की तीसवीं वर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इन आयोजन के तहत 'चंद्रयान 2 मिशन' पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया. इस व्याख्यान में इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडेय ने छात्र-छात्राओं को मिशन की सहजता और तकनीकी के बारे में बताया.

आंचलिक विज्ञान नगरी में 'चंद्रयान 2 मिशन' पर कार्यक्रम का आयोजन.
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आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना निदेशक डॉ. राज मल्होत्रा ने बताया
चंद्रयान टू को लेकर हर किसी के मन में कई तरह के प्रश्न हैं. छात्रों में विज्ञान की रुचि अधिक होती है इसलिए हमने चंद्रयान 2 मिशन पर आधारित व्याख्यान का आयोजन किया. इस आयोजन में हमनें इसरो लखनऊ के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया ताकि वह आकर छात्र-छात्राओं के मन में उठ रहे सवालों का सही जवाब दे सकें.
पूरे लखनऊ के अलग-अलग स्कूलों से तकरीबन 400 बच्चों को बुलाया गया था. इस बात की बेहद खुशी है कि बच्चों ने बेहद तल्लीनता से इस व्याख्यान को न केवल सुना बल्कि समझा भी है.

इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्याम कृष्ण पांडे ने बताया
पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइमैक्स में कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह व्याख्यान बेहद रोमांचित कर देने वाला रहा क्योंकि इसमें बच्चे बड़े ध्यान से बच्चे पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन को देख रहे थे, उसमें बताई गई बातों को समझ रहे थे और उसे जुड़े हुए कई तरह के सवाल भी पूछ रहे थे. हमें इस बात की बेहद खुशी है कि छोटे-छोटे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ रही है.
इस बात का भी आश्चर्य हुआ कि चंद्रयान टू से जोड़कर बच्चों ने ऐसे-ऐसे सवाल भी किए जो पूर्णतया विज्ञान पर आधारित हैं. उसकी सफलता, लैंडिंग, विक्रम, प्रज्ञान, चंद्रमा पर जाने का कारण, वहां पर प्रयोग आदि इन सभी से जुड़े सवालों को छात्रों के माध्यम से पाकर हम बेहद उत्साह में हैं.


लखनऊ: आंचलिक विज्ञान नगरी में 7 सितंबर को संस्थान की तीसवीं वर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इन आयोजन के तहत 'चंद्रयान 2 मिशन' पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया. इस व्याख्यान में इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडेय ने छात्र-छात्राओं को मिशन की सहजता और तकनीकी के बारे में बताया.

आंचलिक विज्ञान नगरी में 'चंद्रयान 2 मिशन' पर कार्यक्रम का आयोजन.
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आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना निदेशक डॉ. राज मल्होत्रा ने बताया
चंद्रयान टू को लेकर हर किसी के मन में कई तरह के प्रश्न हैं. छात्रों में विज्ञान की रुचि अधिक होती है इसलिए हमने चंद्रयान 2 मिशन पर आधारित व्याख्यान का आयोजन किया. इस आयोजन में हमनें इसरो लखनऊ के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया ताकि वह आकर छात्र-छात्राओं के मन में उठ रहे सवालों का सही जवाब दे सकें.
पूरे लखनऊ के अलग-अलग स्कूलों से तकरीबन 400 बच्चों को बुलाया गया था. इस बात की बेहद खुशी है कि बच्चों ने बेहद तल्लीनता से इस व्याख्यान को न केवल सुना बल्कि समझा भी है.

इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्याम कृष्ण पांडे ने बताया
पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइमैक्स में कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह व्याख्यान बेहद रोमांचित कर देने वाला रहा क्योंकि इसमें बच्चे बड़े ध्यान से बच्चे पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन को देख रहे थे, उसमें बताई गई बातों को समझ रहे थे और उसे जुड़े हुए कई तरह के सवाल भी पूछ रहे थे. हमें इस बात की बेहद खुशी है कि छोटे-छोटे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ रही है.
इस बात का भी आश्चर्य हुआ कि चंद्रयान टू से जोड़कर बच्चों ने ऐसे-ऐसे सवाल भी किए जो पूर्णतया विज्ञान पर आधारित हैं. उसकी सफलता, लैंडिंग, विक्रम, प्रज्ञान, चंद्रमा पर जाने का कारण, वहां पर प्रयोग आदि इन सभी से जुड़े सवालों को छात्रों के माध्यम से पाकर हम बेहद उत्साह में हैं.


Intro:लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी में 7 सितंबर को संस्थान की तीसवीं वर्षगांठ के अवसर पर आंचलिक विज्ञान नगरी में विभिन्न तरह की प्रतियोगिता और कुछ अन्य आयोजन किया गया। इन आयोजन के तहत 'चंद्रयान 2 मिशन' पर एक व्याख्यान भी आयोजित किया गया। इस व्याख्यान में इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडे ने मिशन की सहजता और तकनीकी के बारे में छात्र छात्राओं को बताया।


Body:वीओ1 इस अवसर पर आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना निदेशक डॉ राज मल्होत्रा ने बताया चंद्रयान टू को लेकर हर किसी के मन में कई तरह के प्रश्न हैं। छात्रों में विज्ञान की रुचि अधिक होती है इसलिए हमने चंद्रयान 2 मिशन पर आधारित व्याख्यान का आयोजन किया। इस आयोजन में हमने इसरो लखनऊ के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया ताकि वह आकर छात्र-छात्राओं के मन में उठ रहे सवालों का सही जवाब दे सकें। साथ ही हमने पूरे लखनऊ के अलग-अलग स्कूलों से तकरीबन 400 बच्चों को बुलाया था। हमें इस बात की बेहद खुशी है कि बच्चों ने बेहद तल्लीनता से इस व्याख्यान को न केवल सुना बल्कि समझा भी। इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्याम कृष्ण पांडे ने ने बताया कि पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइमैक्स में आयोजित किया गया यह व्याख्यान बेहद रोमांचित कर देने वाला रहा क्योंकि इसमें बच्चे बड़े ध्यान से उस पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन को देख रहे थे, उसमें बताई गई बातों को समझ रहे थे और उसे जुड़े हुए कई तरह के सवाल भी पूछ रहे थे। हमें इस बात की बेहद खुशी है कि छोटे-छोटे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ रही है। इस बात का भी आश्चर्य हुआ कि चंद्रयान टू से जोड़कर बच्चों ने ऐसे-ऐसे सवाल भी किए जो पूर्णतया विज्ञान पर आधारित हैं। उसकी सफलता, लैंडिंग, विक्रम, प्रज्ञान, चंद्रमा पर जाने का कारण, वहां पर प्रयोग आदि इन सभी से जुड़े सवालों को छात्रों के माध्यम से पाकर हम बेहद उत्साह में हैं।


Conclusion:चंद्रयान 2 के व्याख्यान के बाद साइमैक्स थिएटर से निकले बच्चों में भी इस व्याख्यान के प्रति बेहद उत्साह देखने को मिला। एक बच्चे ने कहा कि इसमें हमें कई ऐसी जानकारियां मिली जो आगे की पढ़ाई में भी काम आ सकती हैं तो वही दसवीं क्लास में पढ़ने वाले 1 छात्रों ने कहा कि मुझे पूरा व्याख्यान बेहद पसंद आया। मैंने इस पर जुड़े सवाल भी किए। बाइट- डॉ राज मल्होत्रा, परियोजना निदेशक, आंचलिक विज्ञान नगरी बाइट- श्याम कृष्ण पांडेय, वरिष्ठ वैज्ञानिक, इसरो लखनऊ बाइट- स्कूल के छात्र-छात्राएं रामांशी मिश्रा
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