लखनऊ: आंचलिक विज्ञान नगरी में 7 सितंबर को संस्थान की तीसवीं वर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इन आयोजन के तहत 'चंद्रयान 2 मिशन' पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया. इस व्याख्यान में इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडेय ने छात्र-छात्राओं को मिशन की सहजता और तकनीकी के बारे में बताया.
आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना निदेशक डॉ. राज मल्होत्रा ने बताया
चंद्रयान टू को लेकर हर किसी के मन में कई तरह के प्रश्न हैं. छात्रों में विज्ञान की रुचि अधिक होती है इसलिए हमने चंद्रयान 2 मिशन पर आधारित व्याख्यान का आयोजन किया. इस आयोजन में हमनें इसरो लखनऊ के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया ताकि वह आकर छात्र-छात्राओं के मन में उठ रहे सवालों का सही जवाब दे सकें.
पूरे लखनऊ के अलग-अलग स्कूलों से तकरीबन 400 बच्चों को बुलाया गया था. इस बात की बेहद खुशी है कि बच्चों ने बेहद तल्लीनता से इस व्याख्यान को न केवल सुना बल्कि समझा भी है.
इसरो लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्याम कृष्ण पांडे ने बताया
पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइमैक्स में कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह व्याख्यान बेहद रोमांचित कर देने वाला रहा क्योंकि इसमें बच्चे बड़े ध्यान से बच्चे पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन को देख रहे थे, उसमें बताई गई बातों को समझ रहे थे और उसे जुड़े हुए कई तरह के सवाल भी पूछ रहे थे. हमें इस बात की बेहद खुशी है कि छोटे-छोटे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ रही है.
इस बात का भी आश्चर्य हुआ कि चंद्रयान टू से जोड़कर बच्चों ने ऐसे-ऐसे सवाल भी किए जो पूर्णतया विज्ञान पर आधारित हैं. उसकी सफलता, लैंडिंग, विक्रम, प्रज्ञान, चंद्रमा पर जाने का कारण, वहां पर प्रयोग आदि इन सभी से जुड़े सवालों को छात्रों के माध्यम से पाकर हम बेहद उत्साह में हैं.