लखनऊ : लखनऊ का चिड़ियाघर उत्तर प्रदेश का इकलौता ऐसा चिड़ियाघर है जहां पर दृष्टिबाधित बच्चों व वयस्कों के लिए एक अलग से इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की गई है. इंटरप्रिटेशन सेंटर में दृष्टिबाधित बच्चे ब्रेल लिपि के माध्यम वन्यजीवों से जुड़ी जानकारियों के बारे में पढ़ सकते हैं. लखनऊ चिड़ियाघर उत्तर प्रदेश का पहला चिड़ियाघर है जो ब्लाइंड फ्रेंडली है. राजधानी के ही रोहित कुमार मीत ने चिड़ियाघर के जानवरों की पूरी जानकारी ब्रेल लिपि में तैयार की है.
मीत वेलफेयर फाउंडेशन के संस्थापक रोहित कुमार मीत ने बताया कि उनकी संस्था दृष्टिबाधित बच्चों के लिए काम करती है. चिड़ियाघर के प्राकृतिक शिक्षण केंद्र में ब्रेल नोट के जरिए वन्यजीवों की जानकारी देने की व्यवस्था की गई है. रोहित कुमार मीत ने बताया कि एक बार लखनऊ चिड़ियाघर घूमने के दौरान देखा कि स्पेशल स्कूल के बच्चे चिड़ियाघर घूमने आए थे. उन बच्चों के दल में कुछ बच्चे ऐसे थे जो देख नहीं सकते थे तो उनके साथी जो देख सकते थे वह उन्हें जानकारी दे रहे थे. वह सामने लगे बोर्ड पर दर्ज जानकारी को पढ़कर उन्हें बता रहे थे. इसी को देखकर विचार आया कि क्यों ना ब्रेल लिपि के मदद से लखनऊ चिड़ियाघर में भी एक ऐसे सेंटर की स्थापना की जाए जहां पर दृष्टिबाधित बच्चों को भी वन्यजीवों के बारे में उन्हीं के माध्यम से जानकारी मिल सके. इसके बाद लखनऊ चिड़ियाघर में जगह मुहैया कराई गई जहां पर इन बच्चों के लिए इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की गई है. यहां पर बोर्ड पर ब्रेल लिपि में चिड़ियाघर में मौजूद हर एक जानवर के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है.
कानपुर और पटना चिड़ियाघर के लिए चल रही बात : रोहित कुमार ने बताया कि लखनऊ चिड़ियाघर में इस इंटरप्रिटेशन सेंटर की सफलता के बाद उन्होंने सरकार से उत्तर प्रदेश के कानपुर चिड़ियाघर में भी इसी तरह के सेंटर शुरू करने की अनुमति मांगी है. जिस पर उनको लगभग सहमति मिल गई है. अगले कुछ महीने में कानपुर चिड़ियाघर में भी इसी तरह के इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना किया जाएगा जहां पर कानपुर चिड़ियाघर में मौजूद वन्यजीवों की जानकारी ब्रेल लिपि से उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा पटना चिड़ियाघर में भी इस सेंटर की स्थापना करने के लिए प्रक्रिया चल रही है.