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अवैध बिल्डिंग की सिर्फ छत तोड़कर सुस्त पड़ा LDA का बुलडोजर, मौन दिखे अफसर

जिले के हजरतगंज प्राग नारायण रोड पर बुधवार को ध्वस्त किये गए अवैध निर्माण पर कार्रवाई सुस्त दिखी. किस स्तर से ध्वस्तीकरण का अभियान रोका गया है, इसका कोई जवाब अफसरों के पास नहीं है.

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अवैध बिल्डिंग
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Published : Apr 1, 2022, 10:37 AM IST

Updated : Apr 1, 2022, 11:46 AM IST

लखनऊ: जिले के हजरतगंज प्राग नारायण रोड पर बुधवार को ध्वस्त किये गए अवैध याजदान बिल्डिंग निर्माण पर कार्रवाई सुस्त दिखी. एक दिन का एक्शन था कि दूसरे ही दिन अफसर शांत हो गए हैं. जहां बिल्डिंग की केवल छत को तोड़कर और पूरा हिस्सा छोड़ दिया गया है. एलडीए के ही संरक्षण में जमीन पर यह सात मंजिला बिल्डिंग बनाया गया था. 2017 में बिल्डर ने यह भूमि अपने कब्जे में ली थी और एलडीए में नक्शे का आवेदन किया था. प्राधिकरण की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि बिल्डर ने जमीन पर अवैध कब्जा किया था. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त रंजन कुमार ने एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण किया.

अवैध बिल्डिंग
अवैध बिल्डिंग
लगभग 65 करोड़ रुपए की इस भूमि को लेकर प्राधिकरण ने नई कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राधिकरण ने अपने नजूल विभाग को हिदायत दी है कि वे इस जमीन पर कब्जा लेकर बिल्डर से खाली करवा लें. दूसरी ओर बिल्डर ने राहत के लिए हाईकोर्ट में जो याचिका दाखिल की थी, उसको भी खारिज कर दिया गया है. याजदान बिल्डर के सात मंजिला अपार्टमेंट को ध्वस्तीकरण एलडीए के दस्ते ने बुधवार को शुरू किया. मगर आगे से छज्जे और छत को तोड़कर बिल्डिंग को छोड़ दिया गया है. ध्वस्तीकरण का अभियान गुरुवार को नहीं चलाया गया, जिसको लेकर बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- अब बाबर हत्याकांड मामले में राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा DGP को पत्र, 4 दिन में मांगा जवाब


किस स्तर से ध्वस्तीकरण का अभियान रोका गया है, इसका कोई जवाब अफसरों के पास नहीं है. इस वजह से यह सवाल उठाया जाता रहा कि आज निर्माण को तोड़ना क्यों रोक दिया गया है. दूसरी ओर एलडीए की ओर से बिल्डर के खिलाफ कागजी एक्शन को तेज कर दिया है. प्राधिकरण के ओएसडी राजीव कुमार ने इस संबंध में नजूल अफसर को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस भूमि पर वापस कब्जा प्राप्त कर लें, ताकि प्राधिकरण को अपनी भूमि वापस मिल सके.

अवैध बिल्डिंग
वहीं जानकारी के अनुसार सपा के एक विधायक के भतीजे को याजदान बिल्डर का साझेदार बताया जा रहा है. इस वजह से लंबे समय तक बिल्डर के गलत कामों को शह मिलती रही. अब इसी वजह से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. अचानक एक्शन रोका क्यों गया यह एक बड़ा सवाल है? हाईकोर्ट ने इस ध्वस्तीकरण को रोकने के लिए याजदान बिल्डर की याचिका को खारिज कर दिया है. बिल्डर इस केस को एलडीए कमिश्नर कोर्ट से हार चुका था, जबकि शासन में उसकी याचिका लंबित थी. इस वजह से हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई भी नहीं की.

मंडलायुक्त ने किया एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बुधवार की सुबह एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण किया. उन्होंने गंदगी और अव्यवस्था को लेकर सुधार करने का निर्देश भी दिया. कमिश्नर के इस निरीक्षण के दौरान डिवीजन में काम करने वाले बाबू लक्ष्मी नारायण दीक्षित प्रॉपर्टी सेक्शन में काम करते हुए मिले. बाबू लक्ष्मीकांत को उन्होंने सख्त हिदायत दी. उनका निरीक्षण दोपहर करीब 12 बजे तक जारी रहा.

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लखनऊ: जिले के हजरतगंज प्राग नारायण रोड पर बुधवार को ध्वस्त किये गए अवैध याजदान बिल्डिंग निर्माण पर कार्रवाई सुस्त दिखी. एक दिन का एक्शन था कि दूसरे ही दिन अफसर शांत हो गए हैं. जहां बिल्डिंग की केवल छत को तोड़कर और पूरा हिस्सा छोड़ दिया गया है. एलडीए के ही संरक्षण में जमीन पर यह सात मंजिला बिल्डिंग बनाया गया था. 2017 में बिल्डर ने यह भूमि अपने कब्जे में ली थी और एलडीए में नक्शे का आवेदन किया था. प्राधिकरण की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि बिल्डर ने जमीन पर अवैध कब्जा किया था. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त रंजन कुमार ने एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण किया.

अवैध बिल्डिंग
अवैध बिल्डिंग
लगभग 65 करोड़ रुपए की इस भूमि को लेकर प्राधिकरण ने नई कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राधिकरण ने अपने नजूल विभाग को हिदायत दी है कि वे इस जमीन पर कब्जा लेकर बिल्डर से खाली करवा लें. दूसरी ओर बिल्डर ने राहत के लिए हाईकोर्ट में जो याचिका दाखिल की थी, उसको भी खारिज कर दिया गया है. याजदान बिल्डर के सात मंजिला अपार्टमेंट को ध्वस्तीकरण एलडीए के दस्ते ने बुधवार को शुरू किया. मगर आगे से छज्जे और छत को तोड़कर बिल्डिंग को छोड़ दिया गया है. ध्वस्तीकरण का अभियान गुरुवार को नहीं चलाया गया, जिसको लेकर बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं.

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किस स्तर से ध्वस्तीकरण का अभियान रोका गया है, इसका कोई जवाब अफसरों के पास नहीं है. इस वजह से यह सवाल उठाया जाता रहा कि आज निर्माण को तोड़ना क्यों रोक दिया गया है. दूसरी ओर एलडीए की ओर से बिल्डर के खिलाफ कागजी एक्शन को तेज कर दिया है. प्राधिकरण के ओएसडी राजीव कुमार ने इस संबंध में नजूल अफसर को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस भूमि पर वापस कब्जा प्राप्त कर लें, ताकि प्राधिकरण को अपनी भूमि वापस मिल सके.

अवैध बिल्डिंग
वहीं जानकारी के अनुसार सपा के एक विधायक के भतीजे को याजदान बिल्डर का साझेदार बताया जा रहा है. इस वजह से लंबे समय तक बिल्डर के गलत कामों को शह मिलती रही. अब इसी वजह से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. अचानक एक्शन रोका क्यों गया यह एक बड़ा सवाल है? हाईकोर्ट ने इस ध्वस्तीकरण को रोकने के लिए याजदान बिल्डर की याचिका को खारिज कर दिया है. बिल्डर इस केस को एलडीए कमिश्नर कोर्ट से हार चुका था, जबकि शासन में उसकी याचिका लंबित थी. इस वजह से हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई भी नहीं की.

मंडलायुक्त ने किया एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बुधवार की सुबह एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण किया. उन्होंने गंदगी और अव्यवस्था को लेकर सुधार करने का निर्देश भी दिया. कमिश्नर के इस निरीक्षण के दौरान डिवीजन में काम करने वाले बाबू लक्ष्मी नारायण दीक्षित प्रॉपर्टी सेक्शन में काम करते हुए मिले. बाबू लक्ष्मीकांत को उन्होंने सख्त हिदायत दी. उनका निरीक्षण दोपहर करीब 12 बजे तक जारी रहा.

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Last Updated : Apr 1, 2022, 11:46 AM IST
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