लखनऊ: जिले के हजरतगंज प्राग नारायण रोड पर बुधवार को ध्वस्त किये गए अवैध याजदान बिल्डिंग निर्माण पर कार्रवाई सुस्त दिखी. एक दिन का एक्शन था कि दूसरे ही दिन अफसर शांत हो गए हैं. जहां बिल्डिंग की केवल छत को तोड़कर और पूरा हिस्सा छोड़ दिया गया है. एलडीए के ही संरक्षण में जमीन पर यह सात मंजिला बिल्डिंग बनाया गया था. 2017 में बिल्डर ने यह भूमि अपने कब्जे में ली थी और एलडीए में नक्शे का आवेदन किया था. प्राधिकरण की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि बिल्डर ने जमीन पर अवैध कब्जा किया था. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त रंजन कुमार ने एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण किया.
किस स्तर से ध्वस्तीकरण का अभियान रोका गया है, इसका कोई जवाब अफसरों के पास नहीं है. इस वजह से यह सवाल उठाया जाता रहा कि आज निर्माण को तोड़ना क्यों रोक दिया गया है. दूसरी ओर एलडीए की ओर से बिल्डर के खिलाफ कागजी एक्शन को तेज कर दिया है. प्राधिकरण के ओएसडी राजीव कुमार ने इस संबंध में नजूल अफसर को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस भूमि पर वापस कब्जा प्राप्त कर लें, ताकि प्राधिकरण को अपनी भूमि वापस मिल सके.
मंडलायुक्त ने किया एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बुधवार की सुबह एलडीए बिल्डिंग का निरीक्षण किया. उन्होंने गंदगी और अव्यवस्था को लेकर सुधार करने का निर्देश भी दिया. कमिश्नर के इस निरीक्षण के दौरान डिवीजन में काम करने वाले बाबू लक्ष्मी नारायण दीक्षित प्रॉपर्टी सेक्शन में काम करते हुए मिले. बाबू लक्ष्मीकांत को उन्होंने सख्त हिदायत दी. उनका निरीक्षण दोपहर करीब 12 बजे तक जारी रहा.
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