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परिवारिक मामलों की सुनवाई से जुड़ी रिपोर्ट विधि आयोग ने सौंपी

एक ही अदालत में परिवार से जुड़े मामलों की सुनवाई और दंड देने के अधिकार को लेकर विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके संबंध में उच्च स्तरीय परामर्शी समिति का गठन किया गया था.

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Published : Dec 29, 2020, 10:54 PM IST

यूपी सरकार
यूपी सरकार

लखनऊः एक ही अदालत में परिवार से जुड़े मामलों की सुनवाई और दंड देने के अधिकार को लेकर विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. न्याय विभाग और विधायी विभाग को और अधिक प्रभावी बनाने के संबंध में न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय परामर्शी समिति का गठन किया गया था.

समिति ने विस्तार से समझी स्थिति
समिति की बैठक में पारिवारिक विवादों की संख्या में वृद्धि और पारिवारिक विवाद के सम्बन्ध में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई. एक साथ कई मामले सिविल न्यायालय के साथ ही दंड न्यायालयों में भी संस्थित किये जाने के कारण वादी एवं प्रतिवादियों को एक साथ दोनों अदालतों में पैरवी में करने में होने वाली कठिनाइयों पर विर्मश किया गया था.

उच्च स्तरीय बैठक में पारिवारिक विवाद के त्वरित निस्तारण, वादों के समेकन और एक ही न्यायालय द्वारा पारिवारिक और दाण्डिक मामलों की सुनवाई आदि के सम्बन्ध में विद्यमान कानूनी प्रावधान, वर्तमान परिवेश में उनकी उपादेयता तथा संशोधन की आवश्यकता पर विचार करने के लिए उप्र राज्य विधि आयोग से परामर्श करने का निर्णय लिया गया था.

समिति ने कानून मंत्री को सौंपी रिपोर्ट
उप्र राज्य विधि आयोग ने उच्च स्तरीय समिति के बिंदुओं पर विचार करते हुए उल्लिखित विषय के लिए पृथक से अधिनियम बनाये जाने की संस्तुति की है. साथ ही इसके लिए प्रतिवेदन भी तैयार किया गया है. राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष एएन मित्तल ने ब्रजेश पाठक से मुलाकात कर इस प्रतिवेदन की पूरी रिपोर्ट सौंपी है.

लखनऊः एक ही अदालत में परिवार से जुड़े मामलों की सुनवाई और दंड देने के अधिकार को लेकर विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. न्याय विभाग और विधायी विभाग को और अधिक प्रभावी बनाने के संबंध में न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय परामर्शी समिति का गठन किया गया था.

समिति ने विस्तार से समझी स्थिति
समिति की बैठक में पारिवारिक विवादों की संख्या में वृद्धि और पारिवारिक विवाद के सम्बन्ध में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई. एक साथ कई मामले सिविल न्यायालय के साथ ही दंड न्यायालयों में भी संस्थित किये जाने के कारण वादी एवं प्रतिवादियों को एक साथ दोनों अदालतों में पैरवी में करने में होने वाली कठिनाइयों पर विर्मश किया गया था.

उच्च स्तरीय बैठक में पारिवारिक विवाद के त्वरित निस्तारण, वादों के समेकन और एक ही न्यायालय द्वारा पारिवारिक और दाण्डिक मामलों की सुनवाई आदि के सम्बन्ध में विद्यमान कानूनी प्रावधान, वर्तमान परिवेश में उनकी उपादेयता तथा संशोधन की आवश्यकता पर विचार करने के लिए उप्र राज्य विधि आयोग से परामर्श करने का निर्णय लिया गया था.

समिति ने कानून मंत्री को सौंपी रिपोर्ट
उप्र राज्य विधि आयोग ने उच्च स्तरीय समिति के बिंदुओं पर विचार करते हुए उल्लिखित विषय के लिए पृथक से अधिनियम बनाये जाने की संस्तुति की है. साथ ही इसके लिए प्रतिवेदन भी तैयार किया गया है. राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष एएन मित्तल ने ब्रजेश पाठक से मुलाकात कर इस प्रतिवेदन की पूरी रिपोर्ट सौंपी है.

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