लखनऊ: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राजधानी के गोमती नगर स्थित 1090 कार्यालय पर बालिकाओं को जागरुक करने के उद्देश्य से पेंटिंग एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. पेटिंग के माध्यम से बालिकाओं को कानून एवं स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी दी गई. वहीं वी केयर फाउंडेशन एंड इनलाइटिंग फ्यूचर ने संदेश दिया कि बालिकाओं की शिक्षा एवं विकास हमारे समाज के लिये महत्तवपूर्ण है.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया एवं विधायक अविनाश त्रिवेदी मौजूद थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में रेनू सिंह ने बालिकाओं से जुड़े कई मुद्दे उठाएं. उन्होंने कहा कि आज भी हमारा समाज पूरी तरह से कुरीतियों से उबर नहीं पाया है. समानता का दर्जा आज भी महिलाओं एवं बालिकाओं को आगे बढ़ने से रोकता है. डॉ. रेनू ने बताया की कोरोना महामारी के समय में बालिकाओं ने अपने सबल का परिचय दिया. कई चिकित्सकों, नर्सों व अन्य क्षेत्रों से जुड़ी बालिकाओं ने अपने परिवार से दूर रहकर देश की सेवा की. अतः इससे पता चलता है कि बालिकाएं सिक्के के दोनों पहलुओं पर खरी साबित हो सकती हैं. कार्यक्रम के अंत में प्रिंसी सिंह ने बालिकाओं को 1090 का टूर कराया.
पेंटिंग से बालिकाओं को कानून एवं स्वास्थ्य की दी जानकारी
राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर पेंटिंग एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान पेटिंग के माध्यम से बालिकाओं को कानून एवं स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी गई.
लखनऊ: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राजधानी के गोमती नगर स्थित 1090 कार्यालय पर बालिकाओं को जागरुक करने के उद्देश्य से पेंटिंग एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. पेटिंग के माध्यम से बालिकाओं को कानून एवं स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी दी गई. वहीं वी केयर फाउंडेशन एंड इनलाइटिंग फ्यूचर ने संदेश दिया कि बालिकाओं की शिक्षा एवं विकास हमारे समाज के लिये महत्तवपूर्ण है.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया एवं विधायक अविनाश त्रिवेदी मौजूद थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में रेनू सिंह ने बालिकाओं से जुड़े कई मुद्दे उठाएं. उन्होंने कहा कि आज भी हमारा समाज पूरी तरह से कुरीतियों से उबर नहीं पाया है. समानता का दर्जा आज भी महिलाओं एवं बालिकाओं को आगे बढ़ने से रोकता है. डॉ. रेनू ने बताया की कोरोना महामारी के समय में बालिकाओं ने अपने सबल का परिचय दिया. कई चिकित्सकों, नर्सों व अन्य क्षेत्रों से जुड़ी बालिकाओं ने अपने परिवार से दूर रहकर देश की सेवा की. अतः इससे पता चलता है कि बालिकाएं सिक्के के दोनों पहलुओं पर खरी साबित हो सकती हैं. कार्यक्रम के अंत में प्रिंसी सिंह ने बालिकाओं को 1090 का टूर कराया.