लखनऊ : यूपी में डेंगू का प्रकोप कायम है. कई जिले बीमारी से कराह रहे हैं, ऐसे में मच्छरों के हमले से लोगों का जीवन दांव पर है. पिछले 24 घंटे में डेंगू के 151 नए मरीज मिले, वहीं पुराने मरीजों की संख्या भी अपडेट की गई है. ऐसे में मरीजों की संख्या 14 हजार पार कर गयी है.
लखनऊ में 26 नए केस
यूपी में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी भयावह हो रही है. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस, डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत के मुताबिक अब मरीजों की संख्या 14 हजार के पार हो गई है. देर रात तक रिपोर्ट फाइनल होगी. इसके अलावा लखनऊ में 26 डेंगू के नए मरीज मिले. इसके अलावा फैजुल्लागंज में 80 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं. इसमें 9 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, जिसमें 30 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है.
हल्के में न लें बुखार को
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों के लिए बार-बार एडवाइजरी जारी होती रहती है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों ही घातक हो सकते हैं.
डेंगू के प्रकार
टाइप 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप 3- डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. इससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
ऐसे करें डेंगू से बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
खानपान का रखें ध्यान
बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.