लखनऊ : राजधानी में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने दो लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस ने बताया कि पीड़ितों का आरोप है कि नौकरी दिलाने वाला ठग अपने आपको सरकारी विभाग में लिपिक के पद पर बताकर वसूली कर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा कर फरार हो गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित गौरव सोनकर पुत्र बबलू सोनकर निवासी खलासी लाइन कानपुर उत्तर प्रदेश, अखिलेश कुमार पुत्र भूतनाथ निवासी बड़ीगढ़ी मलिहाबाद लखनऊ व मिथिलेश कुमार पुत्र सुरेश कुमार निवासी भिडिया टोला बड़ा चांदगंज लखनऊ तीनों पीड़ित बेरोजगार हैं. बीते वर्ष 2022 में पीड़ितों का संपर्क जितेंद्र कुमार पुत्र अमरजीत राय निवासी मातादीन हाता न्यू गणेश गंज गुलाटी पीपल वाले अमीनाबाद पार्क अशोक लखनऊ से हुआ जो उत्तर प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत है. जितेंद्र ने रोहित को बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग में संविदाकर्मी की भर्ती निकली है, यदि कुछ पैसे रुपए खर्च करो तो मैं वहां संविदा पर नौकरी लगवा दूंगा. आरोप है कि जितेंद्र कुमार ने पीड़ित को झांसा देकर प्रति व्यक्ति ₹80000 की वसूली की. पीड़ित के अलावा और भी कई लोग जितेंद्र की ठगी का शिकार हुए. पीड़ित राहुल सोनकर, विपिन, धीरेंद्र, अजय, अभिषेक, करन, गीता, उमेश व भोला समेत कुल 23 लोगों ने जितेंद्र उसकी पत्नी व साले पर 18 लाख 40 हजार रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
थाना प्रभारी अमीनाबाद कृष्ण वीर सिंह के मुताबिक, बेरोजगार युवकों को पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 23 लोगों से 18 लाख 40 हजार ठगे जाने का मामला सामने आया है. पीड़ितों की तहरीर पर पीडब्ल्यूडी कर्मचारी समेत दो लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
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