लखनऊ : उत्तरप्रदेश में आए दिन तेंदुए के रिहायश एरिया में आने की खबर आती है. मेरठ, शाहजहांपुर, कानपुर समेत कई जिलों में आबादी में आए तेंदुओं के वीडियो मिले. सोनभद्र में तेंदुओं ने कई लोगों पर हमला भी किया. मगर वाइल्ड एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि आबादी वाले इलाके में वन पशुओं की आवाजाही के लिए खुद इंसान जिम्मेदार है. विकास के नाम पर हो रहे निर्माणों के कारण वन में रहने वाले जंगली जानवरों की रिहाइश लगातार सिकुड़ती जा रही है. जंगलों के सटे इलाकों में आदमी की आबादी घर बनाकर रहने लगी है. ऐसे में मानव और पशु के बीच संघर्ष सामने आ रहा है.
वन्य जीव संरक्षण के लिए काम करने वाले सैयद अली हसनैन आब्दी 'फ़ैज़' का कहना है कि पशु आबादी के बीच नहीं आ रहे हैं. लगातार हो रहे कंस्ट्रक्शन के कारण लोग जंगल की ओर बढ़ते जा रहे हैं. खेती के नाम पर भी जंगलों की अंधाधुंध कटाई हुई है. इस कारण वन्य पशुओं का आबादी की ओर आना-जाना शुरू हुआ है. अभी तक की स्टडी में यह सामने आया है कि तेंदुए भोजन की तलाश में आबादी की ओर नहीं आते हैं. वन से सटे इलाकों में वह सुरक्षित ठिकाने की तलाश में घूमते हैं. कई बार इस कारण वह रिहायशी इलाके में दिख जाते हैं.
बहराइच: 12 दिसंबर को कतर्नियाघाट फॉरेस्ट रेंज (Katarniaghat Forest Range) में घोड़ियाना गांव के पास एक तेंदुआ पेड़ पर चढ़ा दिखा था. इसके अलावा चंदनपुर भिंगापुरवा में एक किसान को भी घायल कर दिया था. तेंदुए की चहलकदमी से इलाके में दहशत है.
बागपत: 12 दिसंबर को बिनौली थाना क्षेत्र के रंछाड़ गांव के जंगल में बने एक कुएं में तेंदुआ गिर गया था. जिसका रेस्क्यू विन विभाग द्वारा 13 दिसंबर को किया गया था. इसके बाद टीम ने तेंदुए को सहारनपुर की शिवालिक रेंज में छोड़ा था.
शाहजहांपुर: 6 दिसंबर को जनपद के बेहद सुरक्षित कैंट एरिया में तेंदुआ के देखे जाने से दहशत फैल गई थी. तेंदुए की तस्वीरें भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी.
मेरठ: 2 दिसंबर को जनपद के ज्वाला नगर की सड़कों पर तेंदुआ धूमता हुआ नजर आया था, जिसका वीडियो भी पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था. इसके चलते पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.