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जानिए सर्द रातों में राजधानी के रैन बसेरों का क्या है हाल?

उत्तर प्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में राजधानी लखनऊ में गरीबों के लिए रैन बसेरे बनाए गए हैं. इन रैन बसेरों की ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की. जानिए क्या है रैन बसेरे का क्या हाल है?

रैन बसेरों की पड़ताल.
रैन बसेरों की पड़ताल.
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Published : Jan 16, 2022, 6:00 PM IST

लखनऊ: राजधानी में नगर निगम की ओर से शहर में कई रैन बसेरे बनाए गए हैं. नगर निगम ने एक हफ्ते के भीतर 30 अस्थाई रैन बसेरे बनवाया है. किसी में 30 तो किसी में 25 बेड है. इस रैन बसेरे में लोगों की जरूरत का सामान यानी की रजाई गद्दा मौजूद है. डालीबाग स्थित रैन बसेरा का जब रात के समय ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल किया तो लोगों ने बताया कि यहां पर बाकी सब तो ठीक है लेकिन बेड की संख्या बढ़नी चाहिए.

रैन बसेरों की पड़ताल.
गौरतलब है कि दो दिन पहले रैन बसेरे में बारिश के कारण पानी भर आया था. नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक इस रैन बसेरे की कुल क्षमता करीब 2000 लोगों की है. अभी शहर में कुल 23 स्थाई रैन बसेरे हैं. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इस बार कई जगह निजी रेन बसेरे तैयार नहीं हो पाए हैं. इस कारण नगर निगम ने अपने स्तर पर अस्थाई रैन बसेरे बनाया है. यह रैन बसेरे ऐसी जगह पर बनाए गए हैं, जहां पर आसपास सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध हो. इसके अलावा यहां पर सीएसआर फंड के जरिए कंबल और गद्दो का भी इंतजाम किया गया है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना मरीजों के भर्ती के नियम जारी, 30 फीसद बेड पर अस्पताल सीधे ले सकेंगे मरीज

रैन बसेरे में मौजूद लोगों ने बताया कि रैन बसेरे में सब कुछ तो ठीक है. बारिश होने पर काफी दिक्कत हुई रात गुजारने में हालत खराब थी, बस भगवान से मना रहे थे कि किसी तरह बारिश बंद हो जाए. क्योंकि बारिश हो जाने के बाद हम गरीब लोग कहां जाएं. बारिश के पानी को टेंट के अंदर आने से रोकने के लिए टेंट के ऊपर प्लास्टिक की लंबी चादर बिछाई गई है. ताकि अगर दोबारा बारिश होती है तो गरीब लोगों को दिक्कत परेशानी न हो. बस रात के समय कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा संख्या में लोग मौजूद हो जाते हैं तो बेड की कमी पड़ जाती है. एक बेड में चार-चार लोगों को लेटाना पड़ता है.

यहां पर मौजूद है रैन बसेरे
परिवर्तन चौक, बालू अड्डा, माल एवेन्यू फ्लाईओवर के नीचे, दया निधान पार्क, चारबाग आरक्षण केंद्र के पास, ताड़ीखाना समुदायिक केंद्र, नवीन गल्ला मंडी, मनकामेश्वर मंदिर के पास, मिठाई वाला चौराहा, चंदरनगर, बुद्धेश्वर, दुबग्गा, बालागंज चौराहा, मुंशीपुलिया, अम्रपाली चौराहा, सहादतगंज, घंटाघर, नींबू पार्क, सी ब्लॉक इंदिरानगर, देवा रोड़, अमराई गांव, ऐशबाग रेलवे स्टेशन, डालीबाग और विनय खंड शहीद पद के नीचे अस्थाई रैन बसेरे मौजूद है जहां पर लोग सर्दियों की रात में रात गुजार सकते हैं.

लखनऊ: राजधानी में नगर निगम की ओर से शहर में कई रैन बसेरे बनाए गए हैं. नगर निगम ने एक हफ्ते के भीतर 30 अस्थाई रैन बसेरे बनवाया है. किसी में 30 तो किसी में 25 बेड है. इस रैन बसेरे में लोगों की जरूरत का सामान यानी की रजाई गद्दा मौजूद है. डालीबाग स्थित रैन बसेरा का जब रात के समय ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल किया तो लोगों ने बताया कि यहां पर बाकी सब तो ठीक है लेकिन बेड की संख्या बढ़नी चाहिए.

रैन बसेरों की पड़ताल.
गौरतलब है कि दो दिन पहले रैन बसेरे में बारिश के कारण पानी भर आया था. नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक इस रैन बसेरे की कुल क्षमता करीब 2000 लोगों की है. अभी शहर में कुल 23 स्थाई रैन बसेरे हैं. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इस बार कई जगह निजी रेन बसेरे तैयार नहीं हो पाए हैं. इस कारण नगर निगम ने अपने स्तर पर अस्थाई रैन बसेरे बनाया है. यह रैन बसेरे ऐसी जगह पर बनाए गए हैं, जहां पर आसपास सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध हो. इसके अलावा यहां पर सीएसआर फंड के जरिए कंबल और गद्दो का भी इंतजाम किया गया है.

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रैन बसेरे में मौजूद लोगों ने बताया कि रैन बसेरे में सब कुछ तो ठीक है. बारिश होने पर काफी दिक्कत हुई रात गुजारने में हालत खराब थी, बस भगवान से मना रहे थे कि किसी तरह बारिश बंद हो जाए. क्योंकि बारिश हो जाने के बाद हम गरीब लोग कहां जाएं. बारिश के पानी को टेंट के अंदर आने से रोकने के लिए टेंट के ऊपर प्लास्टिक की लंबी चादर बिछाई गई है. ताकि अगर दोबारा बारिश होती है तो गरीब लोगों को दिक्कत परेशानी न हो. बस रात के समय कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा संख्या में लोग मौजूद हो जाते हैं तो बेड की कमी पड़ जाती है. एक बेड में चार-चार लोगों को लेटाना पड़ता है.

यहां पर मौजूद है रैन बसेरे
परिवर्तन चौक, बालू अड्डा, माल एवेन्यू फ्लाईओवर के नीचे, दया निधान पार्क, चारबाग आरक्षण केंद्र के पास, ताड़ीखाना समुदायिक केंद्र, नवीन गल्ला मंडी, मनकामेश्वर मंदिर के पास, मिठाई वाला चौराहा, चंदरनगर, बुद्धेश्वर, दुबग्गा, बालागंज चौराहा, मुंशीपुलिया, अम्रपाली चौराहा, सहादतगंज, घंटाघर, नींबू पार्क, सी ब्लॉक इंदिरानगर, देवा रोड़, अमराई गांव, ऐशबाग रेलवे स्टेशन, डालीबाग और विनय खंड शहीद पद के नीचे अस्थाई रैन बसेरे मौजूद है जहां पर लोग सर्दियों की रात में रात गुजार सकते हैं.

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