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जानिए...गर्भनिरोधक गोलियां खाने से शरीर को होता है कितना नुकसान? - lucknow news

प्रेगनेंसी से बचने के लिए महिलाएं अक्सर गर्भ निरोधक गोलियों का (contraceptive pills) इस्तेमाल करती हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि गर्भ निरोधक गोलियों के नियमित सेवन महिलाओं में मोटापा बढ़ने के साथ उन्हें दोबारा गर्भधारण में समस्या जैसे कई तरह के साइड इफेक्ट भी सकते हैं. हमारी इस रिपोर्ट में जानिए की गर्भ निरोधक गोलियों के नियमित सेवन से क्या महिलाओं को क्या-क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

contraceptive pills
गर्भनिरोधक गोली
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Published : Jun 20, 2021, 2:16 PM IST

लखनऊ : यदि आप प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का (contraceptive pills) इस्तेमाल करती हैं, तो सावधान हो जाइये. क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट होते हैं. जिसका परिणाम भी बेहद खराब होता है. महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजना खरे का कहना है कि महिलाओं को लगातार गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन से बचाना चाहिए.

प्रेगनेंसी के दौरान न करें दवा का सेवन

कई बार अस्पतालों में ऐसे केस सामने आते हैं कि गर्भ धारण के 2 या 3 महीने बाद महिलाएं प्रेगनेंसी से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं गर्भनिरोधक दवाएं खा लेती हैं. जिससे न सिर्फ उनकी जान खतरे में पड़ जाती है, बल्कि आने वाले समय में वह दोबारा गर्भधारण न हो पाने की समस्या भी उत्पन्न होती है.

लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता बतातीं है कि अस्पताल में कई बार युवा लड़कियों के केस सामने आते हैं, जिसमें अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए लड़कियां दवा खा लेती हैं. दवाई खाने के बाद शरीर में जो बदलाव और केमिकल रिएक्शन होते हैं, उसकी वजह से लड़की की हालत गंभीर हो जाती है. उन्होंने बताया कि साल 2020 के अप्रैल में एक ऐसा ही केस सामने आया था, जिसमें लड़की को करीब दो महीने तक प्रेगनेंसी के बारे में मालूम नहीं चला. इसके बाद जब उसे जानकारी हुई तब लॉकडाउन के कारण वह डॉक्टर से नहीं मिल पाई.

ऐसे में अनचाही प्रेगनेंसी (Unwanted Pregnancy) को रोकने के लिए लड़की ने बगैर डॉक्टर के परामर्श लिए प्रेग्नेंसी के 3 महीने बाद गर्भ निरोधक गोली का सेवन कर लिया था. जिसके बाद हालत बिगड़ने पर उसे विरांगना झलकारी बाई अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन. तब तक गोली के असर से बच्चा गर्भ में ही मर गया और लगातार ब्लीडिंग होने के कारण लड़की को खून की कमी हो गई और जिससे उसकी मौत हो गई.

नियमित न करें दवाओं का सेवन

डॉ. अनीता ने बताया कि अगर इन गोलियों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह बेहद असरदार होती हैं, लेकिन गर्भ निरोधक गोलियां सिर्फ प्रेगनेंसी को रोक सकती हैं. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (sexually transmitted diseases) यानी एसटीडी को नहीं. अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए कपल्स को पहले से ही सेफ्टी (कंडोम) का इस्तेमाल करना चाहिए. अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए नियमित रूप से गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने से साइड इफेक्ट होते हैं.

डॉ. अनीता ने बताया कि कई महिलाएं शादी के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का हर सप्ताह या हर महीने सेवन करती हैं. महिलाएं अगर नियमित रूप से इन दवाइयों का सेवन करती हैं तो एक समय ऐसा आता है, जब उन्हें गर्भधारण करने में समस्या आने लगती है. इसके अलावा भी गर्भ निरोधक दवाइयों का काफी साइड इफेक्ट होता है, जिसे महिलाएं मसझ नहीं पातीं.

तेजी से बढ़ता है वजन

डॉ. अनीता ने बताया कि क्लिनिकल स्टडीज (Clinical studies) में गर्भ निरोधक गोली का सेवन करने से वजन बढ़ने का बीच लिंक पाया गया. कई स्टडीज में यह बात सामने आई कि अगर 5-12 महीने तक लगातार प्रोजेस्टिन (Progestin pills) वाली गर्भ निरोधक गोली का सेवन किया जाए, तो महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ता है.

इस समय अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी केस

महिला रोग विशेषज्ञ रंजना खरे बताती हैं कि इमरजेंसी में दो महीनों में 3 केस ऐसे आए हैं, जिसमें गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन से महिला की स्थिति गंभीर हुई. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में ओपीडी (OPD) नहीं चल रही है. ओपीडी में रोजाना एक-दो केस ऐसे आ जाते थे. कई बार गर्भ निरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव के कारण महिलाओं को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती भी किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी केस देखे जा रहे हैं या जो गर्भवती महिलाएं प्रसव कराने आ रही हैं, उन्हें ही भर्ती किया जा रहा है. इसके अलावा जो महिलाएं किसी समस्या से पीड़ित आती हैं, तो वह फोन पर ही बात करके जानकारी लेती हैं.


गर्भ निरोधक दवाइयों का साइड इफेक्ट

  • जी मचलाना, उल्टी आना
  • सिरदर्द, भारीपन और माइग्रेन
  • पीरियड्स मिस होना, डेट चेंज हो जाना
  • मेन्स्ट्रुअल स्पॉटिंग (वेजाइनल ब्लीडिंग)
  • वजन बढ़ जाना
  • सेक्स की इच्छा में कमी आना

दो महीनों में कहां कितने केस आए

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई गर्भवती महिलाओं ने प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ निरोधक गोलियां खाईं, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया. कुछ महिलाओं को अस्पताल न आने की वजह से फोन पर ही गाइड किया गया. उन्हें समझाया गया कि गर्भ निरोधक गोलियों के नियमित प्रयोग से काफी दिक्कतें होती हैं. राजधानी के किन महिला अस्पतालों में कितने केस आए देखिए-


अस्पताल का नाम केस
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल3
क्वीन मेरी अस्पताल 6-8
डफरिन अस्पताल6
रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल 1-4

इसे भी पढ़ें- Corona Effect: मानसिक तनाव और अकेलेपन से गंभीर समस्या की चपेट में आ रही महिलाएं

लखनऊ : यदि आप प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का (contraceptive pills) इस्तेमाल करती हैं, तो सावधान हो जाइये. क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट होते हैं. जिसका परिणाम भी बेहद खराब होता है. महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजना खरे का कहना है कि महिलाओं को लगातार गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन से बचाना चाहिए.

प्रेगनेंसी के दौरान न करें दवा का सेवन

कई बार अस्पतालों में ऐसे केस सामने आते हैं कि गर्भ धारण के 2 या 3 महीने बाद महिलाएं प्रेगनेंसी से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं गर्भनिरोधक दवाएं खा लेती हैं. जिससे न सिर्फ उनकी जान खतरे में पड़ जाती है, बल्कि आने वाले समय में वह दोबारा गर्भधारण न हो पाने की समस्या भी उत्पन्न होती है.

लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता बतातीं है कि अस्पताल में कई बार युवा लड़कियों के केस सामने आते हैं, जिसमें अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए लड़कियां दवा खा लेती हैं. दवाई खाने के बाद शरीर में जो बदलाव और केमिकल रिएक्शन होते हैं, उसकी वजह से लड़की की हालत गंभीर हो जाती है. उन्होंने बताया कि साल 2020 के अप्रैल में एक ऐसा ही केस सामने आया था, जिसमें लड़की को करीब दो महीने तक प्रेगनेंसी के बारे में मालूम नहीं चला. इसके बाद जब उसे जानकारी हुई तब लॉकडाउन के कारण वह डॉक्टर से नहीं मिल पाई.

ऐसे में अनचाही प्रेगनेंसी (Unwanted Pregnancy) को रोकने के लिए लड़की ने बगैर डॉक्टर के परामर्श लिए प्रेग्नेंसी के 3 महीने बाद गर्भ निरोधक गोली का सेवन कर लिया था. जिसके बाद हालत बिगड़ने पर उसे विरांगना झलकारी बाई अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन. तब तक गोली के असर से बच्चा गर्भ में ही मर गया और लगातार ब्लीडिंग होने के कारण लड़की को खून की कमी हो गई और जिससे उसकी मौत हो गई.

नियमित न करें दवाओं का सेवन

डॉ. अनीता ने बताया कि अगर इन गोलियों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह बेहद असरदार होती हैं, लेकिन गर्भ निरोधक गोलियां सिर्फ प्रेगनेंसी को रोक सकती हैं. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (sexually transmitted diseases) यानी एसटीडी को नहीं. अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए कपल्स को पहले से ही सेफ्टी (कंडोम) का इस्तेमाल करना चाहिए. अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए नियमित रूप से गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने से साइड इफेक्ट होते हैं.

डॉ. अनीता ने बताया कि कई महिलाएं शादी के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का हर सप्ताह या हर महीने सेवन करती हैं. महिलाएं अगर नियमित रूप से इन दवाइयों का सेवन करती हैं तो एक समय ऐसा आता है, जब उन्हें गर्भधारण करने में समस्या आने लगती है. इसके अलावा भी गर्भ निरोधक दवाइयों का काफी साइड इफेक्ट होता है, जिसे महिलाएं मसझ नहीं पातीं.

तेजी से बढ़ता है वजन

डॉ. अनीता ने बताया कि क्लिनिकल स्टडीज (Clinical studies) में गर्भ निरोधक गोली का सेवन करने से वजन बढ़ने का बीच लिंक पाया गया. कई स्टडीज में यह बात सामने आई कि अगर 5-12 महीने तक लगातार प्रोजेस्टिन (Progestin pills) वाली गर्भ निरोधक गोली का सेवन किया जाए, तो महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ता है.

इस समय अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी केस

महिला रोग विशेषज्ञ रंजना खरे बताती हैं कि इमरजेंसी में दो महीनों में 3 केस ऐसे आए हैं, जिसमें गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन से महिला की स्थिति गंभीर हुई. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में ओपीडी (OPD) नहीं चल रही है. ओपीडी में रोजाना एक-दो केस ऐसे आ जाते थे. कई बार गर्भ निरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव के कारण महिलाओं को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती भी किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी केस देखे जा रहे हैं या जो गर्भवती महिलाएं प्रसव कराने आ रही हैं, उन्हें ही भर्ती किया जा रहा है. इसके अलावा जो महिलाएं किसी समस्या से पीड़ित आती हैं, तो वह फोन पर ही बात करके जानकारी लेती हैं.


गर्भ निरोधक दवाइयों का साइड इफेक्ट

  • जी मचलाना, उल्टी आना
  • सिरदर्द, भारीपन और माइग्रेन
  • पीरियड्स मिस होना, डेट चेंज हो जाना
  • मेन्स्ट्रुअल स्पॉटिंग (वेजाइनल ब्लीडिंग)
  • वजन बढ़ जाना
  • सेक्स की इच्छा में कमी आना

दो महीनों में कहां कितने केस आए

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई गर्भवती महिलाओं ने प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ निरोधक गोलियां खाईं, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया. कुछ महिलाओं को अस्पताल न आने की वजह से फोन पर ही गाइड किया गया. उन्हें समझाया गया कि गर्भ निरोधक गोलियों के नियमित प्रयोग से काफी दिक्कतें होती हैं. राजधानी के किन महिला अस्पतालों में कितने केस आए देखिए-


अस्पताल का नाम केस
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल3
क्वीन मेरी अस्पताल 6-8
डफरिन अस्पताल6
रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल 1-4

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