लखनऊ : अगर आपके पास दो पहिया, तीन पहिया या फिर चार पहिया वाहन है तो आपको सड़क पर वाहन चलाने से पहले आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है. बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने तो भारी जुर्माने के भागीदार बनते हैं. ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया अब काफी आसान हो गई है. अब घर बैठे लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ जाना होगा. ड्राइविंग लाइसेंस कई तरह के होते हैं, इनकी अलग-अलग प्रक्रिया होती है. ईटीवी भारत की इस खबर से आप लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को आसानी से समझ सकते हैं.
सबसे पहले बनता है लर्नर लाइसेंस : गाड़ी चलाने के लिए सबसे पहले लर्नर लाइसेंस की आवश्यकता होती है. पहले जहां लर्नर लाइसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में आवेदकों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग ने घर बैठे लाइसेंस बनाने की व्यवस्था कर दी है. अब www.parivahan.gov.in वेबसाइट पर क्लिक करके यहां पर लर्नर लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यहां पर सबसे पहले राज्य का विकल्प चुनना होगा, उसके बाद लर्नर लाइसेंस का विकल्प चुनेंगे. ऑनलाइन ही डॉक्यूमेंट भी अपलोड करने की सुविधा होती है. आवेदक की फोटो, डिजिटल सिग्नेचर, आधार कार्ड अपलोड होते हैं इसके बाद घर बैठे ही आवेदन करके लर्नर लाइसेंस का टेस्ट दे सकते हैं. ऑनलाइन परीक्षा वोटिंग करने के बाद लर्नर लाइसेंस घर बैठे ही प्रिंट भी किया जा सकता है. लर्नर लाइसेंस एक माह से लेकर छह माह तक वैध होता है. इसी अवधि में आवेदक को स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है. लर्नर लाइसेंस की फीस ₹350 निर्धारित है.
स्थाई लाइसेंस जरूरी : छह माह की अवधि के अंदर लर्नर लाइसेंस को परमानेंट कराना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो जाता है और फिर से लर्नर लाइसेंस के लिए अप्लाई करना पड़ता है. परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदक को लर्नर लाइसेंस के एप्लीकेशन नंबर पर फिर से अप्लाई करना होता है और आरटीओ कार्यालय में एक डेट मिल जाती है जिस दिन आवेदक को पहुंचना होता है. यहां पर दो पहिया या फिर चार पहिया लाइसेंस के लिए टेस्ट देना पड़ता है. परिवहन विभाग के अधिकारी के सामने गाड़ी चलाकर दिखाना होता है. उत्तीर्ण होने पर परमानेंट लाइसेंस अप्रूव हो जाता है. सात दिन के अंदर डाक से लाइसेंस आवेदक के घर पहुंचता है. परमानेंट लाइसेंस के लिए भी आवेदक को लर्नर लाइसेंस में लगने वाले दस्तावेज ही अपलोड करने होते हैं. स्थाई लाइसेंस की फीस ₹1000 तय की गई है.
डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस : अगर किसी आवेदक का लाइसेंस खो गया है तो इसके लिए आवेदक को सबसे पहले थाने में एफआईआर दर्ज करानी होगी. उसकी प्रति ऑनलाइन आवेदन कर अपलोड करना होगा, साथ ही दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड अपलोड करना होगा. इसके बाद ₹400 स्मार्ट कार्ड की फीस जमा करनी होगी. तय समय में आवेदक का डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस घर पहुंच जाएगा.