लखनऊ : ब्रिटिश सरकार ने भारत में पोस्टल एंड टेलीग्राम सेवाओं को 1 अक्टूबर 1854 को एक साथ शुरू किया था. वहीं वक्त के साथ पोस्टल सर्विस को टेलीग्राम से अलग कर दिया गया.
भारत में पोस्टल एंड टेलीग्राम सर्विस को एक साथ शुरू तो किया गया, लेकिन वक्त के साथ पोस्टल और टेलीग्राम सर्विस को अलग भी कर दिया गया. ब्रिटिश काल में टेलीग्राम मशीन का अविष्कार हुआ, जिसने संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी. भारत में टेलीग्राम और पोस्ट 1 अक्टूबर 1854 को एक साथ शुरू किया गया और 163 सालों के बाद 15 जुलाई 2013 में टेलीग्राम इतिहास बन गया.
भारत सरकार ने घाटे के चलते टेलीग्राम को बंद कर दिया. मुख्यतः टेलीग्राम का इस्तेमाल डिफेंस, व्यापार आदि क्षेत्रों में ही किया जाता था. टेलीग्राम के जरिए कम समय और आसान तरीके से सूचना का स्थानांतरण किया जाता था. कहा जाता है पहले अगर कहीं किसी का तार आता था तो वह घबरा जाता था, क्योंकि ऐसा माना जाता था कि तार बुरा संदेश ही लाया होगा, लेकिन ऐसा नहीं है कई बार अच्छे संदेशों के साथ भी लोग अपनों से जुड़ने के लिए तार का इस्तेमाल करते थे.
बता दें कि टेलीग्राम सर्विस को भारत में तार सेवा भी कहा जाता था. साल 1854 में भारत में पहला तार मुंबई से पुणे के बीच भेजा गया. 163 साल के बाद भारत में तार सेवा इतिहास बन कर रह गई. भारत सरकार ने घाटे के चलते 15 जुलाई 2013 को टेलीग्राम सेवाएं बंद कर दी.