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सौर ऊर्जा के उपभोक्ताओं की नहीं हो रही बिलिंग, शिकायत पर UPPCL चेयरमैन ने दिए सुझाव

सौर ऊर्जा से उत्पादन करने वाले उपभोक्ता उसकी बिलिंग विभागीय काउण्टर पर या उपभोक्ता स्वयं घर बैठे वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं. यूपीपीसीसीएल के रजिस्टर्ड उपभोक्ता वेबसाइट पर नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग (घरेलू निजी नलकूप) के लिए आवेदन वेब सेल्फ सर्विस से कर सकते हैं.

सौर ऊर्जा
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Published : Jun 4, 2023, 10:20 PM IST

लखनऊः जिन उपभोक्ताओं ने बिजली के कनेक्शन के साथ सौर ऊर्जा का भी कनेक्शन ले रखा है, उनकी काफी दिन से बिलिंग ही नहीं हो रही है. इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन और यूपीनेडा से तमाम उपभोक्ताओं ने की है. इस पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि सौर ऊर्जा से उत्पादन करने वाले उपभोक्ता जिन्होंने नेट मीटरिंग या नेट बिलिंग का विकल्प ले रखा है, उनकी बिलिंग मीटर रीडर मौके पर, विभागीय काउण्टर पर या उपभोक्ता स्वयं घर बैठे वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि यूपीपीसीसीएल के रजिस्टर्ड उपभोक्ता वेबसाइट पर नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग (घरेलू निजी नलकूप) के लिए आवेदन वेब सेल्फ सर्विस से कर सकते हैं. इसके लिए आवेदन फॉर्म यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड उपभोक्ता की तरफ से लॉग इन करने पर उपलब्ध है. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का कहना है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है. घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने पर सौर से उत्पादित ऊर्जा को ग्रिड से ली गई ऊर्जा में समायोजित कर दिया जाता है. अगर उत्पादित ऊर्जा ज्यादा है तब उसे अगले माह के लिए बढ़ा दिया जाता है.

वित्तीय वर्ष के अंत में ऊर्जा के लेन-देन का हिसाब करते हुए उपभोक्ताओं को अतिरिक्त उत्पादित ऊर्जा (अगर शेष है) को दो रुपये प्रति यूनिट की दर से बिलों में समायोजित कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि नेट मीटरिंग सिर्फ घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए लागू है, जबकि नेट बिलिंग सभी उपभोक्ताओं के लिए है. नेट बिलिंग की व्यवस्था में उपभोक्ता सौर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित ऊर्जा, जो ग्रिड में भेजी जा रही है, को 3.58 रुपये प्रति यूनिट की दर से आंकलन कर उस राशि को उसके द्वारा ग्रिड से ली गई ऊर्जा के सामान्य बिल (टैरिफ श्रेणी के अनुसार) में समायोजित कर दिया जाता है. सौर ऊर्जा लगाने वाले उपभोक्ताओं को काफी लाभ हो रहा है. उन्हें बिजली बिल नहीं भरना पड़ रहा है, साथ ही उससे पावर कारपोरेशन को भी अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है.

उन्होंने प्रदेश के उपभोक्ताओं से सौर ऊर्जा लगाने की अपील की है. उनका कहना है कि सौर ऊर्जा से पर्यावरण संरक्षित होगा. ग्रीन एनर्जी पर सरकार का पूरा फोकस है. ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा कनेक्शन लगने से पावर कारपोरेशन को भी महंगी बिजली की खरीद नहीं करनी पड़ेगी.

पढ़ेंः Solar Power Generation Station : सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र अपनी जमीन पर बना सकेंगे यूपी के किसान

लखनऊः जिन उपभोक्ताओं ने बिजली के कनेक्शन के साथ सौर ऊर्जा का भी कनेक्शन ले रखा है, उनकी काफी दिन से बिलिंग ही नहीं हो रही है. इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन और यूपीनेडा से तमाम उपभोक्ताओं ने की है. इस पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि सौर ऊर्जा से उत्पादन करने वाले उपभोक्ता जिन्होंने नेट मीटरिंग या नेट बिलिंग का विकल्प ले रखा है, उनकी बिलिंग मीटर रीडर मौके पर, विभागीय काउण्टर पर या उपभोक्ता स्वयं घर बैठे वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि यूपीपीसीसीएल के रजिस्टर्ड उपभोक्ता वेबसाइट पर नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग (घरेलू निजी नलकूप) के लिए आवेदन वेब सेल्फ सर्विस से कर सकते हैं. इसके लिए आवेदन फॉर्म यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड उपभोक्ता की तरफ से लॉग इन करने पर उपलब्ध है. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का कहना है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है. घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने पर सौर से उत्पादित ऊर्जा को ग्रिड से ली गई ऊर्जा में समायोजित कर दिया जाता है. अगर उत्पादित ऊर्जा ज्यादा है तब उसे अगले माह के लिए बढ़ा दिया जाता है.

वित्तीय वर्ष के अंत में ऊर्जा के लेन-देन का हिसाब करते हुए उपभोक्ताओं को अतिरिक्त उत्पादित ऊर्जा (अगर शेष है) को दो रुपये प्रति यूनिट की दर से बिलों में समायोजित कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि नेट मीटरिंग सिर्फ घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए लागू है, जबकि नेट बिलिंग सभी उपभोक्ताओं के लिए है. नेट बिलिंग की व्यवस्था में उपभोक्ता सौर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित ऊर्जा, जो ग्रिड में भेजी जा रही है, को 3.58 रुपये प्रति यूनिट की दर से आंकलन कर उस राशि को उसके द्वारा ग्रिड से ली गई ऊर्जा के सामान्य बिल (टैरिफ श्रेणी के अनुसार) में समायोजित कर दिया जाता है. सौर ऊर्जा लगाने वाले उपभोक्ताओं को काफी लाभ हो रहा है. उन्हें बिजली बिल नहीं भरना पड़ रहा है, साथ ही उससे पावर कारपोरेशन को भी अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है.

उन्होंने प्रदेश के उपभोक्ताओं से सौर ऊर्जा लगाने की अपील की है. उनका कहना है कि सौर ऊर्जा से पर्यावरण संरक्षित होगा. ग्रीन एनर्जी पर सरकार का पूरा फोकस है. ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा कनेक्शन लगने से पावर कारपोरेशन को भी महंगी बिजली की खरीद नहीं करनी पड़ेगी.

पढ़ेंः Solar Power Generation Station : सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र अपनी जमीन पर बना सकेंगे यूपी के किसान

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