लखनऊ: केजीएमयू में ऑर्थोपेडिक के तीनों विभागों में रूटीन सर्जरी ठप है. ऐसे में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण भी ठप हैं. जिसके कारण मरीजों को लाखों रुपये खर्च कर निजी अस्पताल में ऑपरेशन करवाना पड़ रहा है.
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मरीजों का खर्च हो रहा लाखों रुपये
केजीएमयू के लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बना दिया गया है. ऐसे में यहां संचालित आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक, स्पोर्ट इंजरी, गठिया रोग विभाग, पीएमआर विभाग को मुख्य कैंपस के शताब्दी भवन में शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं कोविड में आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक आर्थो पेडिक, स्पोर्ट इंजरी के ऑपरेशन थियेटर बंद हो गए हैं. लिहाजा मरीजों की हड्डी संबंधी रूटीन सर्जरी बंद है. इसके अलावा अस्पताल में घुटना प्रत्यारोपण, कूल्हा प्रत्यारोपण भी नहीं हो रहा है. दूर-दराज से आ रहे मरीजों को लौटकर वापस जाना पड़ रहा है. वहीं कई मरीज लाखों रुपये खर्च कर निजी अस्पताल में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण करा रहे हैं.
ट्रॉमा में सिर्फ फ्रैक्चर के ऑपरेशन
आर्थोपेडिक विभाग के सिर्फ ट्राॅमा सेंटर में ऑपरेशन हो रहे हैं. यहां दुर्घटना में घायल मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है. यहां एक आर्थोपेडिक की ओटी है. इसमें हर रोज तीन-चार मरीजों की सर्जरी की जाती है. वहीं फॉलोअप के लिए आने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
मरीज हो रहे परेशान
आर्थोपेडिक विभाग में 18 सीनियर डॉक्टर हैं. इनके लिए चार ओटी थीं. वहीं स्पोर्ट इंजरी और पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग में एक-एक सीनियर डॉक्टर और एक ओटी चल रही थी. इसके अलावा तीनों विभाग में दर्जन भर से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर थे. ऑपरेशन थियेटर न होने से स्टाफ आराम फरमा रहा है. वहीं सैकड़ों मरीज परेशान हैं.