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मुलायम सिंह के नाम से पार्टी की मार्केटिंग कर रहे हैं शिवपाल : किरनमय नंदा - लोकसभा चुनाव

सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने कहा है कि शिवपाल हों या कोई और दल, ये सभी मुलायम सिंह यादव का नाम सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

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Published : Apr 6, 2019, 10:53 PM IST

Updated : Apr 6, 2019, 11:26 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी बना ली. लेकिन मामला फंस गया मुलायम सिंह यादव पर आकर. शिवपाल को उम्मीद थी कि उनके बड़े भाई उनका समर्थन करेंगे और उनकी पार्टी में शामिल हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
किरनमय नंदा ने कहा है कि शिवपाल हों या कोई और दल, ये सभी मुलायम सिंह यादव का नाम सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. नेताजी सिर्फ समाजवादी पार्टी में ही रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कई और सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.

किरनमय नंदा से बात करते यूपी ब्यूरो चीफ.

सवाल: जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पहले से मजबूत थे, लेकिन टिकट बसपा के खाते में चला गया, क्या वहां भितरघात नहीं होगी?
जवाब: कोई भितरघाट नहीं होगी. घटबंधन का वोट गठबंधन के प्रत्याशी को जाएगा. भाजपा यहां से बारी नुकसान उठाने वाली है.

सवाल: क्या लगता है आपकी पार्टी कितनी सीटें जीतेगी?
जवाब: मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं पर जनता के मूड से लगता है कि हम बड़ी संख्या में सीटें जीतेंगे.

सवाल: ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन में छोटेभाई की भूमिका में है. क्या कहेंगे आप?
जवाब: राजनीति में कोई छोटा:बड़ा नहीं होता. इस बार तो हम उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं बनाएंगे. इस बार देश की सरकार बनानी है और देश की सरकार बनाने में सबसे बड़ी हिस्सेदार होगी समाजवादी पार्टी. यही हमारा स्लोगन है. हम कभी भाजपा के साथ नहीं गए. हमने हमेशा भाजपा के विरोध में काम किया. हम भाजपा को बड़े अंतर से हरैाना चाहते हैं. इसीलिए हमने गठबंधन किया है. देश को राहु मुक्त करने के लिए हमने गठबंधन किया है.

सवाल: आप पश्चिम बंगाल से आते हैं और कहा जा रहा है कि इस बार भाजपा वहां बहुत अच्छा कर रही है. आपका क्या मानना है?
जवाब: सर्कस देखने के लिए बहुत लोग आते हैं, लेकिन सब उसका हिस्सान नहीं बनते. बंगाल में यही हाल है. भाजपा को वहां एक:दो सीटों से ज्यादा नहीं मिलने वालीं. इसीलिए भाजपा ने सारे देश में हल्ला मचाया कि बंगाल हमारे हाथ में है. हालांकि यह झूठ है. बंगाल कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगा. वह एक सेकुलर राज्य है. हम उत्तर प्रदेश को ऐसा ही बनाना चाहते हैं.

सवाल: क्या कारण है कि समाजवादी पार्टी का विस्तार उत्तर प्रदेश से बाहर क्यों नहीं हो पाया?
जवाब: हमारा सभी राज्यों में संगठन है. हम अभी लोक सभा का चुनाव लड़ रहे हैं. हमारे नेता अखिलेश यादव जैसा और कोई चेहरा नहीं है. पहले हम उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराएंगे फिर पूरे देश में पार्टी का विस्तार कर लेंगे

सवाल: अक्सर मुलायम सिंह यादव के बयानों से समाजवादी पार्टी को असहज होना पड़ता है? अभी नामांकन के दिन उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ मंच साझा करने को लेकर असहज करने वाला बयान दिया. क्या लगता है कि अब सब सामान्य है. आगे कोई ऐसी स्थिति तो नहीं आएगी?
जवाब: देखिए नेताजी समाजवादी पार्टी के प्रतिष्ठाता हैं. वह सपा में हैं और रहेंगे. इतने बड़े नेता का कुछ अनुभव होता है तो वह कभी कुछ बोल देते हैं. इसमें पार्टी का कोई नुकसान नहीं होगा. नेता जी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. इससे बढ़कर क्या होगा? कोई दूसरी पार्टी नेता जी को लेकर यदि मार्केटिंग करना चाहती है, तो मैं कहना चाहूंगा कि उन्हें कोई लाभ नहीं होगा.

सवाल: शिवपाल यादव जी प्रयास करते रहते हैं कि नेता जी उनके पाले में चले जाएं. क्या ऐसा होगा?
जवाब: नेता जी जिस पाले में हैं, उसी में रहेंगे. नेताजी समाजवादी पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी बना ली. लेकिन मामला फंस गया मुलायम सिंह यादव पर आकर. शिवपाल को उम्मीद थी कि उनके बड़े भाई उनका समर्थन करेंगे और उनकी पार्टी में शामिल हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
किरनमय नंदा ने कहा है कि शिवपाल हों या कोई और दल, ये सभी मुलायम सिंह यादव का नाम सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. नेताजी सिर्फ समाजवादी पार्टी में ही रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कई और सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.

किरनमय नंदा से बात करते यूपी ब्यूरो चीफ.

सवाल: जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पहले से मजबूत थे, लेकिन टिकट बसपा के खाते में चला गया, क्या वहां भितरघात नहीं होगी?
जवाब: कोई भितरघाट नहीं होगी. घटबंधन का वोट गठबंधन के प्रत्याशी को जाएगा. भाजपा यहां से बारी नुकसान उठाने वाली है.

सवाल: क्या लगता है आपकी पार्टी कितनी सीटें जीतेगी?
जवाब: मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं पर जनता के मूड से लगता है कि हम बड़ी संख्या में सीटें जीतेंगे.

सवाल: ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन में छोटेभाई की भूमिका में है. क्या कहेंगे आप?
जवाब: राजनीति में कोई छोटा:बड़ा नहीं होता. इस बार तो हम उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं बनाएंगे. इस बार देश की सरकार बनानी है और देश की सरकार बनाने में सबसे बड़ी हिस्सेदार होगी समाजवादी पार्टी. यही हमारा स्लोगन है. हम कभी भाजपा के साथ नहीं गए. हमने हमेशा भाजपा के विरोध में काम किया. हम भाजपा को बड़े अंतर से हरैाना चाहते हैं. इसीलिए हमने गठबंधन किया है. देश को राहु मुक्त करने के लिए हमने गठबंधन किया है.

सवाल: आप पश्चिम बंगाल से आते हैं और कहा जा रहा है कि इस बार भाजपा वहां बहुत अच्छा कर रही है. आपका क्या मानना है?
जवाब: सर्कस देखने के लिए बहुत लोग आते हैं, लेकिन सब उसका हिस्सान नहीं बनते. बंगाल में यही हाल है. भाजपा को वहां एक:दो सीटों से ज्यादा नहीं मिलने वालीं. इसीलिए भाजपा ने सारे देश में हल्ला मचाया कि बंगाल हमारे हाथ में है. हालांकि यह झूठ है. बंगाल कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगा. वह एक सेकुलर राज्य है. हम उत्तर प्रदेश को ऐसा ही बनाना चाहते हैं.

सवाल: क्या कारण है कि समाजवादी पार्टी का विस्तार उत्तर प्रदेश से बाहर क्यों नहीं हो पाया?
जवाब: हमारा सभी राज्यों में संगठन है. हम अभी लोक सभा का चुनाव लड़ रहे हैं. हमारे नेता अखिलेश यादव जैसा और कोई चेहरा नहीं है. पहले हम उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराएंगे फिर पूरे देश में पार्टी का विस्तार कर लेंगे

सवाल: अक्सर मुलायम सिंह यादव के बयानों से समाजवादी पार्टी को असहज होना पड़ता है? अभी नामांकन के दिन उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ मंच साझा करने को लेकर असहज करने वाला बयान दिया. क्या लगता है कि अब सब सामान्य है. आगे कोई ऐसी स्थिति तो नहीं आएगी?
जवाब: देखिए नेताजी समाजवादी पार्टी के प्रतिष्ठाता हैं. वह सपा में हैं और रहेंगे. इतने बड़े नेता का कुछ अनुभव होता है तो वह कभी कुछ बोल देते हैं. इसमें पार्टी का कोई नुकसान नहीं होगा. नेता जी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. इससे बढ़कर क्या होगा? कोई दूसरी पार्टी नेता जी को लेकर यदि मार्केटिंग करना चाहती है, तो मैं कहना चाहूंगा कि उन्हें कोई लाभ नहीं होगा.

सवाल: शिवपाल यादव जी प्रयास करते रहते हैं कि नेता जी उनके पाले में चले जाएं. क्या ऐसा होगा?
जवाब: नेता जी जिस पाले में हैं, उसी में रहेंगे. नेताजी समाजवादी पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले.

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मुलायम सिंह के नाम से पार्टी की मार्केटिंग कर रहे हैं शिवपाल : किरनमय नंदा 



लखनऊ: समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी बना ली. लेकिन मामला फंस गया मुलायम सिंह यादव पर आकर. शिवपाल को उम्मीद थी कि उनके बड़े भाई उनका समर्थन करेंगे और उनकी पार्टी में शामिल हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 





किरनमय नंदा ने कहा है कि शिवपाल हों या कोई और दल, ये सभी मुलायम सिंह यादव का नाम सिर्फ मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. नेताजी सिर्फ समाजवादी पार्टी में ही रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कई और सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.



सवाल: जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पहले से मजबूत थे, लेकिन टिकट बसपा के खाते में चला गया, क्या वहां भितरघात नहीं होगी? 

जवाब: कोई भितरघाट नहीं होगी. घटबंधन का वोट गठबंधन के प्रत्याशी को जाएगा. भाजपा यहां से बारी नुकसान उठाने वाली है.



सवाल: क्या लगता है आपकी पार्टी कितनी सीटें जीतेगी?

जवाब: मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं पर जनता के मूड से लगता है कि हम बड़ी संख्या में सीटें जीतेंगे.



सवाल: ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी गठबंधन में छोटेभाई की भूमिका में है. क्या कहेंगे आप? 

जवाब: राजनीति में कोई छोटा:बड़ा नहीं होता. इस बार तो हम उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं बनाएंगे. इस बार देश की सरकार बनानी है और देश की सरकार बनाने में सबसे बड़ी हिस्सेदार होगी समाजवादी पार्टी. यही हमारा स्लोगन है. हम कभी भाजपा के साथ नहीं गए. हमने हमेशा भाजपा के विरोध में काम किया. हम भाजपा को बड़े अंतर से हरैाना चाहते हैं. इसीलिए हमने गठबंधन किया है. देश को राहु मुक्त करने के लिए हमने गठबंधन किया है.



सवाल: आप पश्चिम बंगाल से आते हैं और कहा जा रहा है कि इस बार भाजपा वहां बहुत अच्छा कर रही है. आपका क्या मानना है? 

जवाब: सर्कस देखने के लिए बहुत लोग आते हैं, लेकिन सब उसका हिस्सान नहीं बनते. बंगाल में यही हाल है. भाजपा को वहां एक:दो सीटों से ज्यादा नहीं मिलने वालीं. इसीलिए भाजपा ने सारे देश में हल्ला मचाया कि बंगाल हमारे हाथ में है. हालांकि यह झूठ है. बंगाल कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगा. वह एक सेकुलर राज्य है. हम उत्तर प्रदेश को ऐसा ही बनाना चाहते हैं.



सवाल: क्या कारण है कि समाजवादी पार्टी का विस्तार उत्तर प्रदेश से बाहर क्यों नहीं हो पाया?

जवाब: हमारा सभी राज्यों में संगठन है. हम अभी लोक सभा का चुनाव लड़ रहे हैं. हमारे नेता अखिलेश यादव जैसा और कोई चेहरा नहीं है. पहले हम उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराएंगे फिर पूरे देश में पार्टी का विस्तार कर लेंगे.



सवाल: अक्सर मुलायम सिंह यादव के बयानों से समाजवादी पार्टी को असहज होना पड़ता है? अभी नामांकन के दिन उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ मंच साझा करने को लेकर असहज करने वाला बयान दिया. क्या लगता है कि अब सब सामान्य है. आगे कोई ऐसी स्थिति तो नहीं आएगी?

जवाब: देखिए नेताजी समाजवादी पार्टी के प्रतिष्ठाता हैं. वह सपा में हैं और रहेंगे. इतने बड़े नेता का कुछ अनुभव होता है तो वह कभी कुछ बोल देते हैं. इसमें पार्टी का कोई नुकसान नहीं होगा. नेता जी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. इससे बढ़कर क्या होगा? कोई दूसरी पार्टी नेता जी को लेकर यदि मार्केटिंग करना चाहती है, तो मैं कहना चाहूंगा कि उन्हें कोई लाभ नहीं होगा.



सवाल: शिवपाल यादव जी प्रयास करते रहते हैं कि नेता जी उनके पाले में चले जाएं. क्या ऐसा होगा?

जवाब: नेता जी जिस पाले में हैं, उसी में रहेंगे. नेताजी समाजवादी पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले.

 


Conclusion:
Last Updated : Apr 6, 2019, 11:26 PM IST
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