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लखनऊ : लोहिया संस्थान में 42 डॉक्टर-कर्मियों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि

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Published : Jul 1, 2021, 4:38 AM IST

मई में आईसीएमआर द्वारा संस्थान के डाॅक्टरों व कर्मचारियों की कोरोना की अत्याधुनिक जांच जीन सिक्वेंसिंग के लिए 50 सैंपल लिए गए थे. इनमें से 42 में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई.

लोहिया संस्थान में शुरू हुआ किडनी ट्रांसप्लांट, 42 डॉक्टर-कर्मियों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि
लोहिया संस्थान में शुरू हुआ किडनी ट्रांसप्लांट, 42 डॉक्टर-कर्मियों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि

लखनऊ : शासन के आदेश के बाद लोहिया संस्थान में पूर्ण कालिक सेवाएं शुरू कर दी गयीं हैं. संस्थान के डाॅक्टरों की कोरोना की अत्याधुनिक जांच जीन सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल में अधिकतर में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है.

मई में आईसीएमआर द्वारा संस्थान के डाॅक्टरों व कर्मचारियों की कोरोना की अत्याधुनिक जांच (जीन सिक्वेंसिंग) के लिए 50 सैंपल लिए गए थे. इनमें से 42 में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई. लोहिया संस्थान में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण शुरू हो गया. आर्थोपेडिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने नियमित ओटी शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ें : STF ने तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, कॉलेजों में अवैध मादक पदार्थों की करते थे सप्लाई

उधर, संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट भी शुरू कर दिया गया है. लोहिया संस्थान में रूटीन सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट मार्च से ठप था. रूटीन सर्जरी जून के शुरुआत से ही होने लगी थी. वहीं, किडनी ट्रांसप्लांट भी होने लगा. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक बुधवार को एक मरीज में किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. यह प्रत्यारोपण सफल रहा. यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, एनेस्थीसिया की टीम ने मिलकर ट्रांसप्लांट किया.

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर जीन सिक्वेंसिंग

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट लैब की शुरुआत की गई. इस दौरान वर्चुअल उद्घाटन का कार्यक्रम भी हुआ जिसमें प्रमुख सचिव आलोक कुमार, डीजी एजुकेशन सोराब बाबू भी शामिल रहे. विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक जीन सिक्वेंसिंग की लैब पीपीपी मॉडल पर होगी. मरीज की रिपोर्ट 10 दिन में मिलेगी. हफ्ते भर में 100 से 500 सैंपल की जांच की जाएगी.

10 नए रोगी मिले, एक की मौत

ब्लैक फंगस के 10 नए मरीज मिले. वहीं एक की मौत हो गई. यह 50 वर्षीय महिला मलिहाबाद निवासी थी. वहीं, दो मरीजों की सर्जरी क़र जान बचाई गई. इसके अलावा 13 रोग़ियों को ठीक होने पर डिस्चार्ज किया गया.

लखनऊ : शासन के आदेश के बाद लोहिया संस्थान में पूर्ण कालिक सेवाएं शुरू कर दी गयीं हैं. संस्थान के डाॅक्टरों की कोरोना की अत्याधुनिक जांच जीन सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल में अधिकतर में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है.

मई में आईसीएमआर द्वारा संस्थान के डाॅक्टरों व कर्मचारियों की कोरोना की अत्याधुनिक जांच (जीन सिक्वेंसिंग) के लिए 50 सैंपल लिए गए थे. इनमें से 42 में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई. लोहिया संस्थान में घुटना-कूल्हा प्रत्यारोपण शुरू हो गया. आर्थोपेडिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने नियमित ओटी शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ें : STF ने तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, कॉलेजों में अवैध मादक पदार्थों की करते थे सप्लाई

उधर, संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट भी शुरू कर दिया गया है. लोहिया संस्थान में रूटीन सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट मार्च से ठप था. रूटीन सर्जरी जून के शुरुआत से ही होने लगी थी. वहीं, किडनी ट्रांसप्लांट भी होने लगा. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक बुधवार को एक मरीज में किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. यह प्रत्यारोपण सफल रहा. यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, एनेस्थीसिया की टीम ने मिलकर ट्रांसप्लांट किया.

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर जीन सिक्वेंसिंग

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट लैब की शुरुआत की गई. इस दौरान वर्चुअल उद्घाटन का कार्यक्रम भी हुआ जिसमें प्रमुख सचिव आलोक कुमार, डीजी एजुकेशन सोराब बाबू भी शामिल रहे. विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक जीन सिक्वेंसिंग की लैब पीपीपी मॉडल पर होगी. मरीज की रिपोर्ट 10 दिन में मिलेगी. हफ्ते भर में 100 से 500 सैंपल की जांच की जाएगी.

10 नए रोगी मिले, एक की मौत

ब्लैक फंगस के 10 नए मरीज मिले. वहीं एक की मौत हो गई. यह 50 वर्षीय महिला मलिहाबाद निवासी थी. वहीं, दो मरीजों की सर्जरी क़र जान बचाई गई. इसके अलावा 13 रोग़ियों को ठीक होने पर डिस्चार्ज किया गया.

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