ETV Bharat / state

दवाओं की कालाबाजारी मामले में केजीएमयू के कुलपति ने एचआरएफ के जिम्मेदार हटाए

दवाएं की कालाबाजारी के मामले में केजीएमयू के कुलपति ने सख्त कदम उठाया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Etv bharat
केजीएमयू कुलपति ने हटाए एचआरएफ के सभी जिम्मेदार
author img

By

Published : Dec 25, 2022, 4:49 PM IST

Updated : Dec 25, 2022, 7:32 PM IST

लखनऊः केजीएमयू (KGMU) में सस्ती दवा मुहैया करवाने वाले हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (HRF) से दवा की कालाबाजारी मामले में विवि प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. केजीएमयू के वीसी प्रो. विपिन पुरी ने एचआरएफ के सभी जिम्मेदारों को हटा दिया है. इसमें चेयरमैन से लेकर फैकल्टी इंचार्ज तक शामिल हैं. सभी पदों पर नए डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है. अभी तक सिर्फ आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हुई थी. ऐसे में केजीएमयू के जिम्मेदारों को बचाने का आरोप लगा था. इस मामले में शासन के सख्त रुख के चलते केजीएमयू ने यह कदम उठाया है.

एचआरएफ चेयरमैन की जिम्मेदारी अब तक माइक्रोवायॉलजी विभाग के प्रो. अब्बास अली मेहंदी के पास थी. अब इस पद की जिम्मेदारी प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो. विजय कुमार को सौंपी गई है. इसके साथ ही फैकल्टी इंचार्ज प्रो. एचएस पाहवा को हटाकर फार्माकॉलजी विभाग की प्रो अनुराधा निश्छल को जिम्मेदारी दी गई है. रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रो. आनंद श्रीवास्तव को को फैकल्टी इंचार्ज बनाया गया है. इसके अलावा कई स्टोरों पर स्थायी कर्मचारी तैनात करने की तैयारी भी चल रही है. इसके लिए स्थाई फार्मासिस्टों का ब्योरा मांगा गया है.

बता दें कि बीती 24 नवंबर को यूपी एसटीएफ ने केजीएमयू के एचआरएफ की दवाएं बाहर बेचने वाला गिरोह पकड़ा था. इसमें केजीएमयू के फार्मासिस्ट भी हिरासत में लिए गए थे. पूरे मामले में केजीएमयू जांच समिति का गठन किया था. समिति में केजीएमयू के ही डॉक्टर थे. ऐसे में रिपोर्ट में सिर्फ आउटसोर्सिंग कर्मियों को ही जिम्मेदार बताया गया और दस कर्मचारियों को हटा दिया गया था. इसके बाद पूरे मामले में शासन ने केजीएमयू से रिपोर्ट मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक किसी भी जिम्मेदार पर कार्रवाई न होने से मामले को दबाने का आरोप लग रहे थे. माना जा रहा है कि इसे देखते हुए ही केजीएमयू प्रशासन ने घपलेबाजी उजागर होने के एक महीने बाद एचआरएफ के सभी जिम्मेदारों को पद से हटा दिया.

ये भी पढ़ेंः सिक्किम में शहीद हुए ललितपुर के जवान का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

लखनऊः केजीएमयू (KGMU) में सस्ती दवा मुहैया करवाने वाले हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (HRF) से दवा की कालाबाजारी मामले में विवि प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. केजीएमयू के वीसी प्रो. विपिन पुरी ने एचआरएफ के सभी जिम्मेदारों को हटा दिया है. इसमें चेयरमैन से लेकर फैकल्टी इंचार्ज तक शामिल हैं. सभी पदों पर नए डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है. अभी तक सिर्फ आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हुई थी. ऐसे में केजीएमयू के जिम्मेदारों को बचाने का आरोप लगा था. इस मामले में शासन के सख्त रुख के चलते केजीएमयू ने यह कदम उठाया है.

एचआरएफ चेयरमैन की जिम्मेदारी अब तक माइक्रोवायॉलजी विभाग के प्रो. अब्बास अली मेहंदी के पास थी. अब इस पद की जिम्मेदारी प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो. विजय कुमार को सौंपी गई है. इसके साथ ही फैकल्टी इंचार्ज प्रो. एचएस पाहवा को हटाकर फार्माकॉलजी विभाग की प्रो अनुराधा निश्छल को जिम्मेदारी दी गई है. रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रो. आनंद श्रीवास्तव को को फैकल्टी इंचार्ज बनाया गया है. इसके अलावा कई स्टोरों पर स्थायी कर्मचारी तैनात करने की तैयारी भी चल रही है. इसके लिए स्थाई फार्मासिस्टों का ब्योरा मांगा गया है.

बता दें कि बीती 24 नवंबर को यूपी एसटीएफ ने केजीएमयू के एचआरएफ की दवाएं बाहर बेचने वाला गिरोह पकड़ा था. इसमें केजीएमयू के फार्मासिस्ट भी हिरासत में लिए गए थे. पूरे मामले में केजीएमयू जांच समिति का गठन किया था. समिति में केजीएमयू के ही डॉक्टर थे. ऐसे में रिपोर्ट में सिर्फ आउटसोर्सिंग कर्मियों को ही जिम्मेदार बताया गया और दस कर्मचारियों को हटा दिया गया था. इसके बाद पूरे मामले में शासन ने केजीएमयू से रिपोर्ट मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक किसी भी जिम्मेदार पर कार्रवाई न होने से मामले को दबाने का आरोप लग रहे थे. माना जा रहा है कि इसे देखते हुए ही केजीएमयू प्रशासन ने घपलेबाजी उजागर होने के एक महीने बाद एचआरएफ के सभी जिम्मेदारों को पद से हटा दिया.

ये भी पढ़ेंः सिक्किम में शहीद हुए ललितपुर के जवान का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Last Updated : Dec 25, 2022, 7:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.