आगरा : मोहब्बत की निशानी ताजमहल बनवाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां का उर्स चल रहा है. शाहजहां का ये 370 वां उर्स है. उर्स के विरोध में हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश है. अखिल भारत हिंदू महासभा ने उर्स के विरोध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कार्यालय के बाहर ढोल मजीरे एवं शंख बजा कर शिव चालीसा का पाठ किया. इसके साथ ही प्रदर्शन में शिवजी का रूप बनाकर आए एक कार्यकर्ता ने तांडव किया. हिंदूवादियों ने ऐलान किया कि तेजो महालय ताजमहल में उर्स हो रहा है. जबकि, मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
बता दें, मुगल बादशाह शहंशाह शाहजहां का उर्स उर्दू माह रजब की 25, 26 और 27 तारीख को हर साल मनाया जाता है. इस साल 26, 27 और 28 जनवरी को रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख है. इसलिए इस साल ताजमहल में शहंशाह शाहजहां का 370 वां उर्स 26 जनवरी दोपहर बजे से शुरू हुआ. उर्स का आज दूसरा दिन है. जिसमें सोमवार दोपहर दो बजे शाहजहां और मुमताज की क्रबों पर संदल चढ़ाया गया. मिलाद उन नवी पढ़ा गया. ताजमहल के मुख्य गुम्मद पर कव्वाली हो रही हैं. इधर, ताजमहल में शाहजहां के उर्स को लेकर हिंदूवादियों में आक्रोश है.
कोर्ट में पेश करेंगे सबूत : अखिल भारत हिंदू महासभा की पदाधिकारी मीना दिवाकर ने कहा कि ताजमहल में मंगलवार को 1640 मीटर लंबी हरी चादर चढ़ाई जाएगी. हम इसका विरोध करते हैं. हम उर्स का विरोध कर रहे हैं. क्योंकि, कोर्ट में ताजमहल और तेजोमहालय के साथ ही उर्स को लेकर मामला विचाराधीन है. इसके बाद ही उर्स हो रहा है. हम कोर्ट में सबूत पेश करेंगे.
शिव चालीसा का पाठ किया : एएसआई कार्यालय के बाहर हिंदूवादियों ने कीर्तन किया. शिव चालीसा पढ़ा और नारेबाजी की. अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने तीन दिन पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय के बाहर उर्स के विरोध में प्रदर्शन करके ज्ञापन दिया था. मांग की थी कि उर्स नहीं कराया जाए. उर्स की अनुमति नहीं दी जाए. आगरा कोर्ट में इस बारे में 4 फरवरी 2024 को वाद दाखिल किया गया था. जिसकी कोर्ट में सुनवाई लगातार चल रही है. तेजोमहालय कथित ताजमहल एएसआई की संरक्षित इमारत है. सर्वोच्च कोर्ट के आदेश पर केवल शुक्रवार के दिन स्थानीय लोगों को नमाज की अनुमति है. यहां पर अन्य किसी कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाती है.