लखनऊ: प्रदेश में करोना बेकाबू हो गया है. वायरस को नियंत्रण करने में सरकारी महकमा लाचार दिख रहा है. लखनऊ में संक्रमण का स्तर बढ़ता जा रहा है और केजीएमयू में वायरस का प्रकोप चरम पर है. हर रोज यहां के डॉक्टर और कर्मचारी वायरस की चपेट में आ रहे हैं. केजीएमयू ट्ऱमा सेंटर के भी कई डॉक्टर कोरोना की गिरफ्त में हैं. ऐसे में बीती रात कई घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बंद रही.
90 से ज्यादा कर्मचारी कोरोना की चपेट में
केजीएमयू में 55 के करीब विभाग संचालित हैं. कैंपस में संक्रमण फैलने से डॉक्टर और कर्मचारियों की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है. अब तक यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, एसपीएम, जनरल सर्जरी, वीसी दफ्तर, कुल सचिव कार्यालय समेत तकरीबन 90 डॉक्टर और अन्य कर्मचारी वायरस की चपेट में आ चुके हैं. गुरुवार को ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों की रिपोर्ट लैब से आई तो इसमें इमरजेंसी वार्ड, रिसीविंग एरिया के नौ डॉक्टर पॉजिटिव मिले. इसके बाद दोनों इलाकों को रात में सेनिटाइज किया गया.
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प्रभावित हुई इमरजेंसी व्यवस्था
इस दौरान ड्यूटी पर आए संक्रमित डॉक्टर होम आइसोलेशन में चले गए तो इमरजेंसी सेवाएं लड़खड़ा गईं. मरीजों की भर्ती घंटों बंद रही. कई मरीज दूसरे अस्पतालों में चले गए. यहां मरीजों और तिमारदारों में संक्रमण फैलने का भय है.
सीएमएस ने दी सफाई
ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि इमरजेंसी के नौ डॉक्टरों में कोरोना की पुष्टि हुई है. ऐसे में वार्डों को संनिटाइज कराते वक्त बंद किया गया है. थोड़ी देर में गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी. ट्रॉमा सेंटर की सेवाएं पूरी तरह बहाल हैं. शुक्रवार को लखनऊ में कोरोना के 280 नए मरीज पाए गए हैं. राजधानी में कोविड अस्पताल के सभी आईसीयू वार्ड भरे हुए हैं. आलम ये है कि गंभीर मरीज़ों को समय पर बेड तक नहीं मिल पा रहा है.