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आय से अधिक संपत्ति के मामले में डॉक्टर दंपति की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज - लखनऊ लेटेस्ट न्यूज

लखनऊ में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने आय से अधिक संपति अर्जित करने के मामले में वांछित केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ. राजीव गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया गंभीर करार दिया है.

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आय से अधिक संपत्ति के मामले में डॉक्टर दंपति की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
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Published : Feb 10, 2022, 7:50 AM IST

लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने आय से अधिक संपति अर्जित करने के मामले में वांछित केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ. राजीव गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी पत्नी व मॉर्डन कोच, उत्तर रेलवे मंडलीय चिकित्सालय, चारबाग की तत्कालीन सीनियर डीएमओ डॉ. सुनीता गुप्ता की भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज को कर दिया है.

कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया गंभीर करार दिया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले में विवेचना के उपरांत आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और रिकॉर्ड पर ऐसे साक्ष्य हैं जिन्हें देखते हुए अभियुक्तों को अग्रिम जमानत दिया जाना उचित नहीं होगा. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त नियमित जमानत का प्रार्थना पत्र दाखिल करने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई थी कि वो विवेचना में पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन कोर्ट उनकी इस दलील से सहमत नहीं हुई.

यह भी पढ़ें- मनीष गुप्ता हत्याकांड: आरोपी पुलिसवालों को कोर्ट ने जेल से किया तलब

गौरतलब है कि 23 मई साल 2019 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. विवेचना के दौरान दंपति डॉ. राजीव गुप्ता व डॉ. सुनीता गुप्ता पर अपनी आय से एक करोड़ 59 लाख 27 हजार 304 रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का पता चला. 7 जुलाई साल 2021 को सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया. विवेचना के दौरान उनके बैंक लॉकर से 9 लाख 43 हजार रुपए नगद भी पाए गए थे.

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लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने आय से अधिक संपति अर्जित करने के मामले में वांछित केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ. राजीव गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी पत्नी व मॉर्डन कोच, उत्तर रेलवे मंडलीय चिकित्सालय, चारबाग की तत्कालीन सीनियर डीएमओ डॉ. सुनीता गुप्ता की भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज को कर दिया है.

कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया गंभीर करार दिया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले में विवेचना के उपरांत आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और रिकॉर्ड पर ऐसे साक्ष्य हैं जिन्हें देखते हुए अभियुक्तों को अग्रिम जमानत दिया जाना उचित नहीं होगा. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त नियमित जमानत का प्रार्थना पत्र दाखिल करने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई थी कि वो विवेचना में पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन कोर्ट उनकी इस दलील से सहमत नहीं हुई.

यह भी पढ़ें- मनीष गुप्ता हत्याकांड: आरोपी पुलिसवालों को कोर्ट ने जेल से किया तलब

गौरतलब है कि 23 मई साल 2019 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. विवेचना के दौरान दंपति डॉ. राजीव गुप्ता व डॉ. सुनीता गुप्ता पर अपनी आय से एक करोड़ 59 लाख 27 हजार 304 रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का पता चला. 7 जुलाई साल 2021 को सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया. विवेचना के दौरान उनके बैंक लॉकर से 9 लाख 43 हजार रुपए नगद भी पाए गए थे.

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