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KGMU ने ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट में चलाया 'मांझी कार्यक्रम' - केजीएमयू समाचार

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित केजीएमयू में बुधवार को ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए मांझी कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य मरीजों की देभभाल और उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है.

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Published : Apr 8, 2021, 7:42 AM IST

लखनऊ: केजीएमयू के इण्डोकाइन सर्जरी विभाग में बुधवार को ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप की ऑनलाइन मीटिंग हुई. इस ऑनलाइन मीटिंग में मरीज के लिए 'मांझी' कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसका उद्देश्य मरीजों की देभभाल और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है. प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्रा ने विश्लेषण के आधार पर इस कार्यक्रम के महत्व को बताया.

मरीजों के लिए होगा मांझी कार्यक्रम
प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय में इलाज के लिए आने वाले रोगियों में 62 प्रतिशत निरक्षर होते हैं. 72 प्रतिशत ग्रामीण पृष्ठभूमि के होते हैं, जिसके कारण अतिरिक्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. परिणाम स्वरूप विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर किए गए प्रयासों से भी मरीजों को संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई. मांझी द्वारा सर्वाइवर जो स्वयं से मरीजों की सहायता के लिए तैयार होगें, उन्हें पथ-प्रदर्शक के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.
पढ़ें- डिजिटल तरीके से मनाया गया पैथोलॉजी विभाग का स्थापना दिवस

घर पर रहकर करें कोरोना से बचाव
डॉ. कुलरंजन सिंह ने मांझी कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी. इसके बाद प्रो. मिश्रा द्वारा स्तन कैंसर रोगियों में कोविड-19 टीकाकरण के महत्व और मास्टेक्टॉमी के उपरांत कृत्रिम अंगों के महत्व और मरीजों की मनोसामाजिक और शारीरिक कल्याण के लिए उपयोग के लिए जागरुक किया. साथ ही कोविड महामारी के बचाव के लिए प्रो. मिश्रा ने लोगों को सुझाव दिया कि स्वयं एवं परिवार का लॉकडाउन करें. आवश्यक चीजों के लिए ही घर से बाहर निकलें. मास्क का प्रयोग हर समय अवश्य करें.

कार्यक्रम के अंत में बैठक में शामिल हुए 45 से अधिक मरीजों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए. ओपीडी में परामर्श के लिए वर्तमान व्यवस्था के विषय में जानकारी प्रदान की गई.

पढ़ें- कुलपति के कोविड अस्पताल के दौरे के बाद फैला कोरोना संक्रमण

लखनऊ: केजीएमयू के इण्डोकाइन सर्जरी विभाग में बुधवार को ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप की ऑनलाइन मीटिंग हुई. इस ऑनलाइन मीटिंग में मरीज के लिए 'मांझी' कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसका उद्देश्य मरीजों की देभभाल और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है. प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्रा ने विश्लेषण के आधार पर इस कार्यक्रम के महत्व को बताया.

मरीजों के लिए होगा मांझी कार्यक्रम
प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय में इलाज के लिए आने वाले रोगियों में 62 प्रतिशत निरक्षर होते हैं. 72 प्रतिशत ग्रामीण पृष्ठभूमि के होते हैं, जिसके कारण अतिरिक्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. परिणाम स्वरूप विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर किए गए प्रयासों से भी मरीजों को संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई. मांझी द्वारा सर्वाइवर जो स्वयं से मरीजों की सहायता के लिए तैयार होगें, उन्हें पथ-प्रदर्शक के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.
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घर पर रहकर करें कोरोना से बचाव
डॉ. कुलरंजन सिंह ने मांझी कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी. इसके बाद प्रो. मिश्रा द्वारा स्तन कैंसर रोगियों में कोविड-19 टीकाकरण के महत्व और मास्टेक्टॉमी के उपरांत कृत्रिम अंगों के महत्व और मरीजों की मनोसामाजिक और शारीरिक कल्याण के लिए उपयोग के लिए जागरुक किया. साथ ही कोविड महामारी के बचाव के लिए प्रो. मिश्रा ने लोगों को सुझाव दिया कि स्वयं एवं परिवार का लॉकडाउन करें. आवश्यक चीजों के लिए ही घर से बाहर निकलें. मास्क का प्रयोग हर समय अवश्य करें.

कार्यक्रम के अंत में बैठक में शामिल हुए 45 से अधिक मरीजों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए. ओपीडी में परामर्श के लिए वर्तमान व्यवस्था के विषय में जानकारी प्रदान की गई.

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