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लखनऊ: जेल के कैदियों के लिए 'पिकनिक स्पॉट' बन रहा केजीएमयू

यूपी की राजधानी लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी कैदियों के लिए आरामगाह बनती जा रही है. जांच के लिए भेजे गए अपराधी या कैदी यहां इलाज से ज्यादा आराम फरमाते हैं.

कैदियों के लिए' पिकनिक स्पॉट' बन रहा केजीएमयू.
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Published : Aug 1, 2019, 8:10 PM IST

लखनऊ: जिला कारागार लखनऊ से हरीश गुल्ला को केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया था, जिसके बाद पिछले 3 दिनों से वह मेडिसिन विभाग के प्राइवेट रूम में भर्ती हैं. पिछले 3 दिनों से एक कैदी को बकायदा प्राइवेट रूम में भर्ती किया गया है और सारी सुविधाएं दी जा रही हैं.

कैदियों के लिए' पिकनिक स्पॉट' बन रहा केजीएमयू.
  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद कैदी हरीश गुल्ला को केजीएमयू में भर्ती किया गया है.
  • हरीश गुल्ला को हृदय संबंधी बीमारी के हवाले से केजीएमयू लाया गया था.
  • जहां पर उसकी जांच के बाद उसे कार्डियोलॉजी विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, लेकिन पिछले 3 दिनों से हरीश केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में भर्ती है.
  • साथ ही कैदी हरीश गुल्ला को एक प्राइवेट वार्ड भी दिया गया है.
  • प्रशासन के हवाले से सुनें तो किसी भी कैदी को जेल से अस्पताल लाने से पहले एक कमेटी गठित की जाती है.
  • इसमें इस बात पर विचार किया जाता है कि वह कैदी अस्पताल में भर्ती करने योग्य है या नहीं, जिसके बाद ही उसे केजीएमयू लाया जाता है.
  • विक्रम कोठारी और गायत्री प्रजापति मामलों में भी केजीएमयू की प्रशासन की ओर से कमेटी गठित की गई थी.
  • हरीश गुल्ला मामले में ऐसी किसी कमेटी के बारे में अब तक कोई सूचना नहीं मिली है.

उन्हें ब्लड प्रेशर और सांस संबंधी बीमारी की वजह से भर्ती किया गया है. उनकी कुछ जांचे बाकी हैं, जिसकी वजह से उन्हें केजीएमयू में रखा गया है. इन जांचों के पूरा होते ही उन्हें वापस भेज दिया जाएगा. पिछले दिनों विक्रम कोठारी से लेकर गायत्री प्रजापति तक को कई दिनों तक केजीएमयू में भर्ती रखा गया था.
-डॉ एसएन शंखवार, सीएमएस केजीएमयू

लखनऊ: जिला कारागार लखनऊ से हरीश गुल्ला को केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया था, जिसके बाद पिछले 3 दिनों से वह मेडिसिन विभाग के प्राइवेट रूम में भर्ती हैं. पिछले 3 दिनों से एक कैदी को बकायदा प्राइवेट रूम में भर्ती किया गया है और सारी सुविधाएं दी जा रही हैं.

कैदियों के लिए' पिकनिक स्पॉट' बन रहा केजीएमयू.
  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद कैदी हरीश गुल्ला को केजीएमयू में भर्ती किया गया है.
  • हरीश गुल्ला को हृदय संबंधी बीमारी के हवाले से केजीएमयू लाया गया था.
  • जहां पर उसकी जांच के बाद उसे कार्डियोलॉजी विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, लेकिन पिछले 3 दिनों से हरीश केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में भर्ती है.
  • साथ ही कैदी हरीश गुल्ला को एक प्राइवेट वार्ड भी दिया गया है.
  • प्रशासन के हवाले से सुनें तो किसी भी कैदी को जेल से अस्पताल लाने से पहले एक कमेटी गठित की जाती है.
  • इसमें इस बात पर विचार किया जाता है कि वह कैदी अस्पताल में भर्ती करने योग्य है या नहीं, जिसके बाद ही उसे केजीएमयू लाया जाता है.
  • विक्रम कोठारी और गायत्री प्रजापति मामलों में भी केजीएमयू की प्रशासन की ओर से कमेटी गठित की गई थी.
  • हरीश गुल्ला मामले में ऐसी किसी कमेटी के बारे में अब तक कोई सूचना नहीं मिली है.

उन्हें ब्लड प्रेशर और सांस संबंधी बीमारी की वजह से भर्ती किया गया है. उनकी कुछ जांचे बाकी हैं, जिसकी वजह से उन्हें केजीएमयू में रखा गया है. इन जांचों के पूरा होते ही उन्हें वापस भेज दिया जाएगा. पिछले दिनों विक्रम कोठारी से लेकर गायत्री प्रजापति तक को कई दिनों तक केजीएमयू में भर्ती रखा गया था.
-डॉ एसएन शंखवार, सीएमएस केजीएमयू

Intro:लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जब तब जेल से अपराधियों या कैदियों को जांच लेकर किसी बीमारी के तहत भेजा जाता है। पर अब ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे केजीएमयू इलाज से ज्यादा इन कैदियों के लिए आरामगाह की जगह बनती जा रही है।


Body:वीओ1 पिछले 3 दिनों से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में रह रहे कैदी हरीश गुल्ला को केजीएमयू में भर्ती किया गया है। हरीश गुल्ला को हृदय संबंधी बीमारी के हवाले से केजीएमयू लाया गया था। जहां पर उसकी जांच के बाद उसे कार्डियोलॉजी विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, लेकिन पिछले 3 दिनों से हरीश केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में भर्ती है। साथ ही उन्हें एक प्राइवेट वार्ड भी दिया गया है। इस मामले पर जो हमने केजीएमयू प्रशासन से बात की तो किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सीएमएस प्रोफेसर एसएन शंखवार ने बताया कि उन्हें ब्लड प्रेशर और सांस संबंधी बीमारी की वजह से भर्ती किया गया है। उसकी उनकी कुछ जाचे बाकी हैं जिसकी वजह से उन्हें केजीएमयू में रखा गया है। इन जांचों के पूरा होते ही उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। पिछले दिनों विक्रम कोठारी से लेकर गायत्री प्रजापति तक को कई दिनों तक केजीएमयू में भर्ती रखा गया था। प्रशासन के हवाले से सुनें तो किसी भी कैदी को जेल से अस्पताल लाने से पहले एक कमेटी गठित की जाती है जिसमें इस बात पर विचार किया जाता है कि वह कैदी अस्पताल में भर्ती करने योग्य है या नहीं। इसके बाद ही उसे केजीएमयू लाया जाता है। विक्रम कोठारी और गायत्री प्रजापति मामलों में भी केजीएमयू की प्रशासन की ओर से कमेटी गठित की गई थी पर हरीश गुल्ला मामले में ऐसी किसी कमेटी के बारे में अब तक कोई सूचना नहीं मिली है।


Conclusion: जिला कारागार लखनऊ से हरीश गुल्ला को कार्डियोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजा गया था जिसके बाद पिछले 3 दिनों से वह मेडिसिन विभाग के प्राइवेट रूम में भर्ती हैं। सवाल यह उठता है कि किन जांचों को करने के लिए पिछले 3 दिनों से एक कैदी को बकायदा प्राइवेट रूम में भर्ती किया गया है और सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। बाइट- डॉ एस एन संखवार, सीएमएस केजीएमयू रामांशी मिश्रा
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