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जूनियर डॉक्टर भर्ती में खेल पर बवाल, साक्षात्कार पर रोक - लखनऊ खबर

केजीएमयू में शिक्षक भर्ती ही नहीं जूनियर डॉक्टरों की भर्ती में भी खेल चल रहा है. यहां मेडिकल व दंत संकाय में रेजीडेंट भर्ती में लिखित परीक्षा को दरकिनार कर दिया गया. वहीं चहेतों को बैकडोर से एंट्री देने के लिए सिर्फ इंटरव्यू से भर्ती का विज्ञापन निकाल दिया गया. आरक्षण रोस्टर की भी धज्जियां उड़ा दी गईं. ऐसे में बवाल बढ़ने पर साक्षात्कार प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है.

जूनियर डॉक्टर भर्ती में बड़ी धांधली !
जूनियर डॉक्टर भर्ती में बड़ी धांधली !
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Published : Mar 10, 2021, 3:45 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू में एक तरफ जहां 43 विभागों के 230 पदों पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसमें मेधावियों को दरकिनार कर अफसर के नेपाल से पास आउट बेटे की नियुक्ति का खेल उजागर हुआ. वहीं गलत अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य कर चहेतों का साक्षात्कार तक दिला दिया गया. इनकी नियुक्ति पर कार्यपरिषद की बैठक में मुहर लगना शेष है. उधर, अंदरखाने जूनियर डॉक्टर की भर्ती में भी घपले की बिसात बिछा दी गई. भर्ती का विज्ञापन जारी होते ही संस्थान के आरक्षित वर्ग के शिक्षकों ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर संस्थान प्रशासन से विरोध जताया. ऐसे में इंटरव्यू प्रक्रिया पर ब्रेक लग गई है.

जूनियर डॉक्टर भर्ती में धांधली !

24 फरवरी को निकला था विज्ञापन

केजीएमयू के दंत संकाय में 9 विभाग हैं. इनमें पांच विभागों में रेजीडेंट भर्ती के लिए 24 फरवरी को विज्ञापन निकला. मगर, किसी भी विभाग में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया. विज्ञापन में रिजर्व कोटे की सीट ही नहीं दी गईं. ऐसे ही मेडिकल संकाय के विभिन्न विभागों में 2 मार्च को विज्ञापन जारी किया गया. इसमें भी आरक्षण रोस्टर को दरकिनार कर दिया गया. लिहाजा, बवाल बढ़ने पर दंत संकाय का तीन मार्च को प्रस्तावित साक्षात्कार नोटिस निकालकर रोक लगा दी. वहीं मेडिकल संकाय में भी प्रस्तावित चार मार्च के साक्षात्कार पर ब्रेक लग गया.

रेजिडेंट भर्ती में घपले का पुराना रिकॉर्ड

केजीएमयू में रेजिडेंट भर्ती में हर साल बवाल होता है. चहेतों को नौकरी देने के लिए शासन तक से फोन आते हैं. सिफारिश से आजिज केजीएमयू प्रशासन ने पारदर्शी प्रक्रिया का हवाला देकर लिखित परीक्षा का नियम बना दिया. पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के कार्यकाल में दंत संकाय में पहली बार लिखित परीक्षा से रेजिडेंट भर्ती की हरी झंडी दी गई. मगर, जालसाजों का कॉकस टूट नहीं सका. चहेतों को भर्ती कराने के लिए परीक्षा का पेपर लीक कर दिया. मामला उजागर होने पर परीक्षा निरस्त कर दोबारा कराई गई. पेपर लीक में कई डॉक्टरों के नाम सामने आए. शासन से जांच के आदेश हुए, मगर कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई.

जूनियर डॉक्टर भर्ती में बड़ी धांधली !
जूनियर डॉक्टर भर्ती में धांधली !

क्या कहते जिम्मेदार

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह के मुताबिक संस्थान में तय रोस्टर के अनुसार रेजिडेंट की भर्ती होगी. इसके लिए कमेटी बनी है. इंटरव्यू को रोक दिया गया, यह जानकारी मीडिया सेल को नहीं है. हो सकता है तय डेट पर पोस्टपोंड किया गया हो. गड़बड़ी कोई नहीं है.

लखनऊ : केजीएमयू में एक तरफ जहां 43 विभागों के 230 पदों पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसमें मेधावियों को दरकिनार कर अफसर के नेपाल से पास आउट बेटे की नियुक्ति का खेल उजागर हुआ. वहीं गलत अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य कर चहेतों का साक्षात्कार तक दिला दिया गया. इनकी नियुक्ति पर कार्यपरिषद की बैठक में मुहर लगना शेष है. उधर, अंदरखाने जूनियर डॉक्टर की भर्ती में भी घपले की बिसात बिछा दी गई. भर्ती का विज्ञापन जारी होते ही संस्थान के आरक्षित वर्ग के शिक्षकों ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर संस्थान प्रशासन से विरोध जताया. ऐसे में इंटरव्यू प्रक्रिया पर ब्रेक लग गई है.

जूनियर डॉक्टर भर्ती में धांधली !

24 फरवरी को निकला था विज्ञापन

केजीएमयू के दंत संकाय में 9 विभाग हैं. इनमें पांच विभागों में रेजीडेंट भर्ती के लिए 24 फरवरी को विज्ञापन निकला. मगर, किसी भी विभाग में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया. विज्ञापन में रिजर्व कोटे की सीट ही नहीं दी गईं. ऐसे ही मेडिकल संकाय के विभिन्न विभागों में 2 मार्च को विज्ञापन जारी किया गया. इसमें भी आरक्षण रोस्टर को दरकिनार कर दिया गया. लिहाजा, बवाल बढ़ने पर दंत संकाय का तीन मार्च को प्रस्तावित साक्षात्कार नोटिस निकालकर रोक लगा दी. वहीं मेडिकल संकाय में भी प्रस्तावित चार मार्च के साक्षात्कार पर ब्रेक लग गया.

रेजिडेंट भर्ती में घपले का पुराना रिकॉर्ड

केजीएमयू में रेजिडेंट भर्ती में हर साल बवाल होता है. चहेतों को नौकरी देने के लिए शासन तक से फोन आते हैं. सिफारिश से आजिज केजीएमयू प्रशासन ने पारदर्शी प्रक्रिया का हवाला देकर लिखित परीक्षा का नियम बना दिया. पूर्व कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के कार्यकाल में दंत संकाय में पहली बार लिखित परीक्षा से रेजिडेंट भर्ती की हरी झंडी दी गई. मगर, जालसाजों का कॉकस टूट नहीं सका. चहेतों को भर्ती कराने के लिए परीक्षा का पेपर लीक कर दिया. मामला उजागर होने पर परीक्षा निरस्त कर दोबारा कराई गई. पेपर लीक में कई डॉक्टरों के नाम सामने आए. शासन से जांच के आदेश हुए, मगर कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई.

जूनियर डॉक्टर भर्ती में बड़ी धांधली !
जूनियर डॉक्टर भर्ती में धांधली !

क्या कहते जिम्मेदार

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह के मुताबिक संस्थान में तय रोस्टर के अनुसार रेजिडेंट की भर्ती होगी. इसके लिए कमेटी बनी है. इंटरव्यू को रोक दिया गया, यह जानकारी मीडिया सेल को नहीं है. हो सकता है तय डेट पर पोस्टपोंड किया गया हो. गड़बड़ी कोई नहीं है.

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