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कमीशन की जबरन वसूली का मामला, प्रो. विनय पाठक ने हाईकोर्ट में एफआईआर को दी चुनौती, सुनवाई बुधवार को - इंदिरा नगर थाने में दर्ज एफआईआर

कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक (Kanpur University vice chancellor) ने अपने खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है.

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Published : Nov 1, 2022, 8:55 PM IST

लखनऊ. कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक (Kanpur University vice chancellor) ने अपने खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है. उक्त याचिका न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है.


प्रो. पाठक की ओर से दाखिल उक्त याचिका में इंदिरा नगर थाने में उनके व एक अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है, साथ ही गिरफ़्तारी पर तत्काल रोक लगाने की भी याचना की गई है. उल्लेखनीय है कि प्रो. पाठक व प्राइवेट कम्पनी के मालिक अजय मिश्रा पर 29 अक्टूबर को इंदिरा नगर थाने में डेविड मारियो डेनिस ने एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उसकी कम्पनी द्वारा की गए कार्यों के भुगतान के लिए अभियुक्तों ने 15 प्रतिशत कमीशन वसूला. यही नहीं उनसे कुल एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली अभियुक्तों द्वारा जबरन की जा चुकी है. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि वादी को उक्त अभियुक्तों से अपनी जान का खतरा है. आरोप लगाया गया है कि प्रो. पाठक ने उसे यह भी धमकी दी कि अगर उसे कमीशन नहीं देते रहे तो किसी भी विश्वविद्यालय में काम नहीं करने दिया जाएगा, आखिरकार जब दस लाख रुपये उसने प्रो. पाठक को नहीं दिए तो उसने आगरा विश्वविद्यालय से वादी की कम्पनी का अनुबंध समाप्त करवा दिया.

लखनऊ. कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक (Kanpur University vice chancellor) ने अपने खिलाफ इंदिरा नगर थाने में दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है. उक्त याचिका न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है.


प्रो. पाठक की ओर से दाखिल उक्त याचिका में इंदिरा नगर थाने में उनके व एक अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है, साथ ही गिरफ़्तारी पर तत्काल रोक लगाने की भी याचना की गई है. उल्लेखनीय है कि प्रो. पाठक व प्राइवेट कम्पनी के मालिक अजय मिश्रा पर 29 अक्टूबर को इंदिरा नगर थाने में डेविड मारियो डेनिस ने एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उसकी कम्पनी द्वारा की गए कार्यों के भुगतान के लिए अभियुक्तों ने 15 प्रतिशत कमीशन वसूला. यही नहीं उनसे कुल एक करोड़ 41 लाख रुपये की वसूली अभियुक्तों द्वारा जबरन की जा चुकी है. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि वादी को उक्त अभियुक्तों से अपनी जान का खतरा है. आरोप लगाया गया है कि प्रो. पाठक ने उसे यह भी धमकी दी कि अगर उसे कमीशन नहीं देते रहे तो किसी भी विश्वविद्यालय में काम नहीं करने दिया जाएगा, आखिरकार जब दस लाख रुपये उसने प्रो. पाठक को नहीं दिए तो उसने आगरा विश्वविद्यालय से वादी की कम्पनी का अनुबंध समाप्त करवा दिया.

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