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Kanpur Dehat Incident ने मानवता को शर्मसार किया, सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने उठाए गंभीर सवाल - mother daughter died in fire

कानपुर देहात की घटना (Kanpur Dehat Incident) पर समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ मनोज पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मनोज पांडेय ने कहा कि घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. यूपी सरकार प्रशासनिक अधिकारियों के सहारे गरीबों को मिटा रही है. इसके अलावा उन्होंन कई गंभीर सवाल उठाए हैं.

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Published : Feb 15, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 8:13 PM IST

समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पांडेय

लखनऊ : विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि कानपुर देहात की दुखद घटना ने यूपी सहित देश को शर्मसार करने वाली घटना हुई है. घटना के फुटेज ने मानव जगत को शर्मसार कर दिया है. अफसरों ने मनमानी तरीके से एक ब्राह्मण परिवार को बर्बाद कर दिया. उस पर आरोप है कि उसने कुछ जमीन ग्राम समाज की आती है उस पर कब्जा है. पीड़ित परिवार ने डीएम के यहां ज्ञापन दिया था. डीएम ने कहा था कि पीड़ित परिवार के व्यक्ति की हिस्ट्रीशीट खुलवा दी जाएगी. ऐसा पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा.


उन्होंने कहा कि ये अधिकार किसने दे दिया कि पूरा परिवार घर के अंदर था और अफसरों और कर्मचारियों ने जाकर आग लगाई. कैसे इतनी असंवेदनशीलता हो सकती है. बुलडोजर चला दिया गया, अफसर तमाशबीन बने. पीड़ित परिवार की बेटी को गरीबी में पढ़ाकर बड़ा किया. लेखपाल और पुलिस और एसडीएम सहित कुछ लोगों को नामजद किया गया है. क्या डीएम की जवाबदेही नहीं है, क्या एसपी की जिम्मेदारी नहीं है, क्या वह सब जांच के दायरे में नहीं आते, क्या यह मान लिया जाए कि डीएम एसपी की कोई जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि बुलडोजर काल बन गया है. वहां की स्थानीय मंत्री ने बयान दिया है कि मेरा मंत्री होना बेकार है. मैं न्याय नहीं दिला पाई. जिस क्षेत्र की महिला कल्याण की मंत्री कह रही हों कि मैं न्याय नहीं दिला पाई. समाजवादी पार्टी के निर्देश पर सपा का प्रतिनिधि मंडल जा रहा था तो उसे जाने नहीं दिया गया. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम लोग इसलिए परिवार के साथ संवेदना व्यक्त कर सकें और घटना की जानकारी अपने नेतृत्व को दे सकें. मजबूर होकर हम लोगों को धरने पर बैठना पड़ा. सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी के घर पर छावनी बना दी गई. ऐसी ही स्थिति सभी विधायकों के यहां हुई. लोकतंत्र में यह स्थिति खतरनाक है. इससे पहले भी कानपुर में बलवंत की हत्या हुई, न्याय नहीं दिया गया, पीड़ित परिवार को. प्रदेश में रोज़ घटनाएं हो रही हैं. कन्नौज में शाक्य परिवार की हत्या हो गई. पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हत्या हुई.


मुख्य सचेतक डॉ मनोज पांडेय ने कहा कि ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार करती हैं. जो घटना हो रही हैं प्रदेश में, मैं मानता हूं कि सरकार न्याय नहीं दिला पा रही है. प्रशासन दुरुपयोग कर रहा है. अगर कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया है. इस घटना में सिर्फ लेखपाल और कुछ अन्य अधिकारी दोषी नहीं हो सकते हैं. बुलडोजर कैसे और क्यों चला उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. बुलडोजर महंगाई भ्रष्टाचार पर चलना चाहिए. इससे ज्यादा अत्याचार आतंक नहीं हो सकता. सरकार से हमारी मांग है कि पांच करोड़ की चेक और दो सरकारी नौकरी दी जाए. सिर्फ मोबाइल पर बात करने और आश्वासन व्यक्त करने से कुछ नहीं होने वाला.


सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि कानपुर देहात की घटना में अफसरों पर एफआईआर हुई है, लेकिन डीएम के खिलाफ एफआईआर नहीं है. डीएम तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर नहीं है. क्योंकि उसकी जाति देखकर बचाया गया. कानपुर देहात और सपा विधायक इरफान सोलंकी की घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. यही हमारी मांग है, दोनों घटनाओं की तुलना करके इरफान सोलंकी पर जैसी कार्रवाई हुई है वैसी ही कार्रवाई होनी चाहिए. डीएम के खिलाफ होनी चाहिए. बुलडोजर चलने से सरकार में बैठे लोग खुश होते हैं. इसलिए बुलडोजर आतंक और अत्याचार कर रहा है. समाजवादी पार्टी सभी घटनाओं को लेकर संघर्ष करेगी. सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाएगी.

यह भी पढ़ें : Gyanvapi Case: अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ दाखिल किया गया मुकदमा कोर्ट ने किया खारिज

समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पांडेय

लखनऊ : विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि कानपुर देहात की दुखद घटना ने यूपी सहित देश को शर्मसार करने वाली घटना हुई है. घटना के फुटेज ने मानव जगत को शर्मसार कर दिया है. अफसरों ने मनमानी तरीके से एक ब्राह्मण परिवार को बर्बाद कर दिया. उस पर आरोप है कि उसने कुछ जमीन ग्राम समाज की आती है उस पर कब्जा है. पीड़ित परिवार ने डीएम के यहां ज्ञापन दिया था. डीएम ने कहा था कि पीड़ित परिवार के व्यक्ति की हिस्ट्रीशीट खुलवा दी जाएगी. ऐसा पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा.


उन्होंने कहा कि ये अधिकार किसने दे दिया कि पूरा परिवार घर के अंदर था और अफसरों और कर्मचारियों ने जाकर आग लगाई. कैसे इतनी असंवेदनशीलता हो सकती है. बुलडोजर चला दिया गया, अफसर तमाशबीन बने. पीड़ित परिवार की बेटी को गरीबी में पढ़ाकर बड़ा किया. लेखपाल और पुलिस और एसडीएम सहित कुछ लोगों को नामजद किया गया है. क्या डीएम की जवाबदेही नहीं है, क्या एसपी की जिम्मेदारी नहीं है, क्या वह सब जांच के दायरे में नहीं आते, क्या यह मान लिया जाए कि डीएम एसपी की कोई जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि बुलडोजर काल बन गया है. वहां की स्थानीय मंत्री ने बयान दिया है कि मेरा मंत्री होना बेकार है. मैं न्याय नहीं दिला पाई. जिस क्षेत्र की महिला कल्याण की मंत्री कह रही हों कि मैं न्याय नहीं दिला पाई. समाजवादी पार्टी के निर्देश पर सपा का प्रतिनिधि मंडल जा रहा था तो उसे जाने नहीं दिया गया. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम लोग इसलिए परिवार के साथ संवेदना व्यक्त कर सकें और घटना की जानकारी अपने नेतृत्व को दे सकें. मजबूर होकर हम लोगों को धरने पर बैठना पड़ा. सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी के घर पर छावनी बना दी गई. ऐसी ही स्थिति सभी विधायकों के यहां हुई. लोकतंत्र में यह स्थिति खतरनाक है. इससे पहले भी कानपुर में बलवंत की हत्या हुई, न्याय नहीं दिया गया, पीड़ित परिवार को. प्रदेश में रोज़ घटनाएं हो रही हैं. कन्नौज में शाक्य परिवार की हत्या हो गई. पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हत्या हुई.


मुख्य सचेतक डॉ मनोज पांडेय ने कहा कि ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार करती हैं. जो घटना हो रही हैं प्रदेश में, मैं मानता हूं कि सरकार न्याय नहीं दिला पा रही है. प्रशासन दुरुपयोग कर रहा है. अगर कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया है. इस घटना में सिर्फ लेखपाल और कुछ अन्य अधिकारी दोषी नहीं हो सकते हैं. बुलडोजर कैसे और क्यों चला उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. बुलडोजर महंगाई भ्रष्टाचार पर चलना चाहिए. इससे ज्यादा अत्याचार आतंक नहीं हो सकता. सरकार से हमारी मांग है कि पांच करोड़ की चेक और दो सरकारी नौकरी दी जाए. सिर्फ मोबाइल पर बात करने और आश्वासन व्यक्त करने से कुछ नहीं होने वाला.


सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि कानपुर देहात की घटना में अफसरों पर एफआईआर हुई है, लेकिन डीएम के खिलाफ एफआईआर नहीं है. डीएम तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर नहीं है. क्योंकि उसकी जाति देखकर बचाया गया. कानपुर देहात और सपा विधायक इरफान सोलंकी की घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. यही हमारी मांग है, दोनों घटनाओं की तुलना करके इरफान सोलंकी पर जैसी कार्रवाई हुई है वैसी ही कार्रवाई होनी चाहिए. डीएम के खिलाफ होनी चाहिए. बुलडोजर चलने से सरकार में बैठे लोग खुश होते हैं. इसलिए बुलडोजर आतंक और अत्याचार कर रहा है. समाजवादी पार्टी सभी घटनाओं को लेकर संघर्ष करेगी. सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाएगी.

यह भी पढ़ें : Gyanvapi Case: अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ दाखिल किया गया मुकदमा कोर्ट ने किया खारिज

Last Updated : Feb 15, 2023, 8:13 PM IST
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